अखिलेश के मंच से बाहुबली राजा भैया ने ली शपथ, उठे सवाल
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डीपी यादव को अखिलेश यादव ने जब नाकारा तो किस मजबूरी में राजा भय्या को सविकारा, बना चर्चा
लखनऊ। लखनऊ के लामार्टीनियर कॉलेज मैदान में सपा नेता अखिलेश यादव ने आज यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। पार्टी नेता आजम खान, शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत 19 लोगों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा 28 विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़ी हस्तियां मौजूद हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उद्योगपति अनिल अंबानी, सुब्रत रॉय सहारा और फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन इस समारोह में शरीक हो रही हैं।
इस बीच, कांग्रेस ने भी सपा से नजदीकियां बढ़ाने की तैयारी कर दी है। पार्टी ने सद्भावना के तौर पर मोतीलाल वोरा और संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल को अखिलेश के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए भेजा है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी अपना प्रतिनिधि भेजा है। जद(यू) के कुछ नेता भी इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ पहुंचे हैं।
स्थानीय ला मार्टिनियर मैदान में शपथ ग्रहण समारोह चल रहा है। इसे देखने के लिए हजारों लोग मौजूद हैं।
19 कैबिनेट मंत्री : आजम खान, शिवपाल यादव, अहमद हसन, वकार अहमद, राजा महेन्द्र सिंह, आनंद सिंह, अंबिका चौधरी, राजा भैया, बलराम यादव, अवधेश प्रसाद, ओमप्रकाश सिंह, पारसनाथ यादव, रामगोविंद, दुर्गा यादव, बी एस त्रिपाठी, कामेश्वर उपाध्याय, राजाराम पाण्डे, राजकिशोर सिंह, शिवकुमार बेरिया।
अखिलेश के मंत्रालय में प्रतापगढ़ के कुंडा से जीतकर आए निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। बहुमत के साथ जीतकर आई समाजवादी पार्टी की कैबिनेट में निर्दलीय राजा भैया का जुड़ना उन कयासों पर एक मुहर भर है जिन्हें एसपी की जीत के बाद से ही लगाया जा रहा था।
बता दें कि जब पश्चिमी यूपी के बाहुबली डीपी यादव को समाजवादी पार्टी में लाने की बात चली तब अखिलेश ने ही आगे बढ़कर उनके पार्टी में आने की बात को नकारा था लेकिन अब राजा भैया का कैबिनेट मंत्री बनना पार्टी की नीयत और अखिलेश पर सवाल जरूर खड़े करता है।
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राजा भैया पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी हैं। अमर सिंह के पार्टी से जाने के बाद एसपी से अपनी निष्ठा बनाए रखने के कारण मुलायम से उनका रिश्ता और मजबूत हो गया है। ऐसे में पूर्ण बहुमत वाली इस सपा सरकार में राजा भैया का मंत्री बनना तय था।
मालूम हो कि राजा भैया ने साल 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से कुंडा की राजनीति में कदम रखा था और तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं। 2012 चुनाव में प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से राजा भैया ने 88,254 मतों से जीत दर्ज की।
निर्दलीय विधायक के तौर पर राजा भैया को मुलायम सिंह साल 2005 में अपनी सरकार में मंत्री बना चुके हैं।