ईरान की कैद में कई जासूस, अमेरिका ने धमकाया
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(तस्वीर: आमिर मीरजई हेकमती) |
तेहरान.अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ईरान की एक अदालत ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए जासूसी करने वाले एक ईरानी मूल के अमेरिकी को मौत की सज़ा सुनाई है। इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचने की आशंका है।
ईरान के खुफिया विभाग के मंत्री हैदर मोसलेही ने कहा है कि ईरान के कब्जे में अभी कई अमेरिकी जासूस हैं। मोसलेही ने कहा कि पकड़े गए जासूस एक-दूसरे से सोशल नेटवर्क के जरिए संपर्क में रहते थे। मोसलेही ने कहा कि यह मार्च में होने वाले संसदीय चुनाव में खलल डालने की साजिश है।
इस बीच, ईरान ने धमकी दी है कि वह होरमूज के समुद्री रास्ते को बंद कर देगा। गौरतलब है कि दुनिया का 20 फीसदी पेट्रोलियम पदार्थ इसी रास्ते से होकर गुजरता है। ईरान ने यह धमकी तब दी जब अमेरिका ने ईरान के केंद्रीय बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन अमेरिका के रक्षा मंत्री लियॉन पेनेटा ने भी ईरान को तीखा जवाब देते हुए कहा है कि अगर ईरान ने समुद्री रास्ता बंद किया तो वे लाल 'लाल रेखा' करेंगे और उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।
इससे पहले ईरान की रिवॉल्यूशनरी कोर्ट ने ईरानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेकमती को दुश्मन देश के साथ सहयोग करने और सीआईए के लिए जासूसी करने के आरोप में दोषी मानते हुए मौत की सज़ा सुनाई है। ईरान के सरकारी रेडियो ने यह खबर दी है।
18 दिसंबर को हेकमती ने ईरान के सरकारी टीवी पर अमेरिका के लिए जासूसी करने की बात कुबूली थी। हेकमती को दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। उसके पास ईरान का भी पासपोर्ट है।
आमिर मीरजई हेकमती नाम के इस शख्स पर पर यह आरोप लगाया गया था कि वह ईरान के खुफिया विभाग में तीन बार घुसा था। ईरान में हेकमती पर आरोप लगाया गया था कि हेकमती को अमेरिकी नौसैनिक के तौर पर प्रशिक्षित किया गया था और वह इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान आने से पहले काम कर चुका है। 28 साल के हेकमती का जन्म अमेरिका के एरिजोना में हुआ था। हेकमती के पिता का कहना है कि वह सीआईए का जासूस नहीं है। उनके मुताबिक हेकमती अपनी दादी को देखने ईरान गया था।