राहुल गांधी की अमेठी के दो लाख मजदूरों का शहरों की तरफ पलायन


स्वामी नाथ शुक्ल
  • अमेठी 20फरवरी , ग्राम पंचायते विकास की धुरी मानी जाती है। लेकिन अमेठी की सात सौ बाइस ग्राम पंचायतो के बैक खातो में फूटी कौडी भी नही बचा है। जिससे विकास कार्य कराया जा सके । इसीलिए ग्राम सभाओं में विकास कार्य पूरी तरीके से बंद पडा है। इसके अलावा मनरेगा की बदहाली से राज्य सरकार के दर्जन भर विभाग इस दौर में पैदल हो गये है। इसी वजह से अमेठी के दो लाख मनरेगा मजदूरों का शहरों की तरफ पलायन शुरू हो गया है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए दो सरकारी मद बनायेे गये है। जिसमें पहला ग्राम विकास निधि और दूसरा मनरेगा का खाता है। ग्राम पंचायत निधि में उत्तर प्रदेश सरकार धन मुहैया कराती है। जब कि मनरेगा में केन्द्र सरकार धन मुहैया कराती है। इन दोनो योजनाओं से अलग अलग विकास कार्य कराये जाते हैं।   मगर ग्राम सभा की इन दोनो निधियों में पिछले सात माह से धन नही आया है। जिससे ग्राम सभाओं का विकास कार्य बंद चल रहा है। अमेठी जनपद के सात सौ बाइस ग्राम पंचायतों के बैक खातो में धन न आने से ग्राम सभाओं का विकास कार्य बंद हो गया है। जिससे पंचायती राज व्यवस्था पर सवाल खडा हो गया है। ग्राम सभाओं में विकास कार्य न होने से हजारो मजदूर बेरोजगार हो गये है। जिससे उनके सामने रोटी का संकट खडा हो गया है। गरीबी मिटाने के लिए केन्द्र सरकार ने अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना मनरेगा की शुरूआत किया था। लेकिन परियोजना धन के अभाव में बंद पडी है। यह हाल अमेठी क्षेत्र का है। जहां से पंचायती राज व मनरेगा की शुरूआत हुई थी। अमेठी जनपद के 16 ब्लाकों में सात सौ बाइस ग्राम पंचायते है। जिसमें करीब तीस लाख की आबादी निवास करती है। इसके अलावा आठ सौ निन्यानबे क्षेत्र पंचायते और एक सौ छब्बीस न्याय पंचायते है। इन पंचायतो के बैक खातों में विकास के लिए धन नही है। जिससे पंचायत प्रतिनिधियों के हाथ बध गये हैं । ग्राम सभाओं में विकास के लिए ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। इसके लिए सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर एक ग्राम विकास अधिकारी तैनात किया है। जो ग्राम प्रधान को साथ लेकर विकास की रूप रेखा तैयार कराता है। इसके बाद ग्राम सभा स्तर पर खुली बैठक करायी जाती है। जिसमें ग्रामीणों द्वारा विकास के लिए प्रस्ताव दिये जाते है। इसी प्रस्ताव के आधार पर ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर विकास कार्य कराते है। पंचायतों में अधिकारियों और कर्मचारियों की लम्बी फौज है। जिले में विकास के लिए अलग से महकमा बना है। पर उनके पास ग्राम सभाओं मंे विकास कराने के लिए धन का अभाव है। जून 2012 के बाद ग्राम पंचायतों को धन मुहैया नही कराया गया है। जिससे विकास कार्य बंद पडा है और ग्राम पंचायते सुनी पडी है। पंचायतों की चहल पहल भी गुम होती नजर आ रही है। भारत सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना महत्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना का और बुरा हाल है। पंचायतों के बैक खाते में सालों से फूटी कौडी भी नही आया है। जब कि मनरेगा से विकास की सारी योजनाएं संचालित करायी जाती है। मनरेगा योजना में धन न आने से जिले के दर्जन भर विभाग पैदल हो गये है। जिसमें सिचाई विभाग , लेाक निर्माण विभाग , आर0 एस0 , वन विभाग, क्षेत्र पंचायत , ग्राम पंचायत, जिला 
  • पंचायत आदि कार्यदायी सस्थाओं के पास धन के अभाव मंे काम बंद पडा है। चूंकि इन विभागों मे अधिकांश कार्य मनरेगा योजना से ही कराये जाते है। मनरेगा और पंचायतों के विकास कार्य बद होने से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गये है । अब वे रोटी की तलाश में दिल्ली , मुम्बई, ओर कोलकाता की तरफ रूख कर लिये है। जब कि सांसद राहुल गांधी कहते है। कि उनकी केन्द्र सरकार मनरेगा योजना को इसी उददेश्य से चलाया है। ताकि गांवों के मजदूरों को भी शहरों में पलायन न करना पडेे। लेकिन यहां के मजदूरों को अब रोजी रोटी की तलाश में शहरो की तरफ पलायन करना पड रहा है। श्री गांधी कहते है। कि बेरोजगारों को रोजगार के लिए मनरेगा योजना चलायी गयी है ताकि उन्हे घर बैठे रोजगार मुहैया हो सके । पर इसका उल्टा यहां हो रहा है। योजना तो दौड रही है। लेकिन उसमें धन नही है। अमेठी के 722 ग्राम पंचायतों मे 236874 जाॅब कार्ड धारक है मगर अभी तक 83981 जाॅब कार्ड धारकों को ही रोजगार मिला है। इसमें 1700 जाॅब कार्ड धारक ऐसे है जिन्हे सौ दिन से अधिक रोजगार मुहैया कराया गया है। जब कि दो लाख कार्ड धारकों को एक दिन भी रोजागर नही दिया गया है। सौ दिन से अधिक रोजगार पाने वाले जाॅब कार्ड धारकों के मामले में जिले के सोलह खण्ड विकास अधिकारी बूरे फसे है। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों से ये धनराशि वसूलने का आदेश जारी किया है। सरकार महिला आरक्षण पर बडे बडे दावें मारती है। लेकिन यहां उनकी हिस्सेदारी 20 फीसद से भी कम है। जब कि उन्हे 33 फीसद काम देने का आदेश है। आंकडे बताते है कि मनरेगा में केवल 20.18 फीसद ही महिलाओं को रोजगार दिया गया है। इसके अलावा 2162235 मानव दिवस आयोजित किए गये है। जिसमें 1700 जाॅब कार्ड धारकों को सौ दिन से अधिक का काम दिया गया है। मनरेगा की आडिट रिर्पोट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिले के सोलह खण्ड विकास अधिकारियों ने 349 परिवारों पर ज्यादा मेहरबान रहे । जब कि दो लाख जाॅब कार्ड धारकों को एक दिन का भी रोजगार नही दिया है। हलां कि जिलाधिकारी ने इस धनराशि की रिकबरी का आदेश जारी किया है। मुख्य विकास अधिकारी हरिशंकर उपाध्याय ने जनसत्ता से कहा कि अप्रैल 2012 से फरवरी 2013 तक जिले के 119 ग्राम पंचायतों में एक करोड दो लाख पचास हजार रू0 की धनराशि प्राप्त हुई। बाकी ग्राम पंचायतो के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन अभी तक धनराशि मुहैया नही कराया गया है। उन्होने कहा कि सरकार ग्राम पंचायतो को सीधे धन मुहैया कराती है। जिन ग्राम पंचायतो का प्रस्ताव समय के अन्दर पहुंच जाता है। वहां विकास के लिए धन आ जाता है। अमेठी के खण्ड विकास अधिकारी रामआशीष ने कहा कि उनके पास 100 से अधिक ग्राम पंचायतो की जिम्मेदारी है लेकिन कही भी विकास के लिए धन नही हेै। पंचायतो के मुखिया जिला पंचायत राज अधिकारी ने कहा कि उ0 प्र0 विधान सभा चुनाव के पहले सरकार ने ग्राम पंचायतो के खाते मे कुछ धनराशि भेजी थी। लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान थी। और बजट के लिए प्रस्ताव कई बार भेजा गया है। लेकिन अभी तक मुहैया नही हो सका । जब कि जिलाधिकारी जगत राज त्रिपाठी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में विकास के लिए बजट की मांग की गयी है। शासन स्तर पर धन भेजने की प्रक्रिया चल रही है। धन मिलने के बाद विकास कार्य मे तेजी लायी जायेगी। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक पं0 जमुना प्रसाद मिश्र और भाजपा की पूर्व विधान सभा प्रत्याशी श्रीमती रश्मि सिंह ने कहा कि पिछले दो दशक से क्षेत्रीय दलों ने उ0 प्र0 पर कब्जा कर रखा है। क्षेत्रीय दल जातिवाद की राजनीति करके विकास को बहुत पीछे छोड दिया है। उन्होने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार में अम्बेडकर गांवों का विकास किया गया । जिससे अन्य गांव विकास से बहुत दूर हो गये । रश्मि ने कहा कि सपा सरकार बसपा सरकार की तर्ज पर लोहिया ग्राम का विकास कर रही है। इससे भी अन्य गांव पीछे छूटते जा रहे है । सपा के जिलाध्यक्ष छोटे लाल यादव ने कहा कि उनकी सरकार में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। तो लोगो को पलायन नही करना चाहिए। क्यो कि उन्हे घर बैठे पगार मिल रही है। उनकी सरकार में कन्या विद्याधन, आदि तमाम महत्वाकांक्षी परियोजनाएं चलायी जा रही है। अमेठी के सांसद राहुल गांधी अपने अमेठी दौरे में पहले ही बोल चुके है कि केन्द्र सरकार का पैसा उ0 प्र0 सरकार विकास कार्य करने के बजाय अन्य योजनाओं में खर्च कर रही है। जिससे उ0 प्र0 विकास से बहुत दूर हो गया है। इसलिए सरकार बदलने की जरूरत है।
  • जनादेश न्यूज़ नेटवर्क 
  • www.tehalkatoday.com

Related

tahalka 27155004822608391

Post a Comment

emo-but-icon

Featured Post

करंसी नोट पर कहां से आई गांधी जी की यह तस्वीर, ये हैं इससे जुड़े रोचक Facts

नई दिल्ली. मोहनदास करमचंद गांधी, महात्मा गांधी या फिर बापू किसी भी नाम से बुलाएं, आजादी के जश्न में महात्मा गांधी को जरूर याद किया जा...

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Side Ads

Connect Us

item