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2012 में आ सकती है क़यामत, रूप होगा सोलर सुनामी का तबाह हो सकती है धरती ?
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली. धरती पर खतरा मंडरा रहा है। खगोल विज्ञानियों ने आशंका जताई है कि 2012 में सूरज से एक तूफान उठेगा और यह पृथ्वी से टकराएगा। इस तूफान की ताकत इतनी होगी जितनी दस करोड़ हाइड्रोजन बम की होती है। यह आशंका सही साबित हुई तो धरती पर भारी तबाही मचेगी।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तूफान से भयंकर भूचाल आने की आशंका है और संचार व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगी। ऐसे में आज के डिजिटल दौर में दुनिया के ठहर जाने का खतरा है। इससे पहले 1859 और 1921 में आए ऐसे ही तूफान के चलते दुनिया में पूरा संचार तंत्र ठप हो गया था, लेकिन 2012 में आने वाले इस तूफान के नतीजे और विनाशकारी होने की आशंका जताई जा रही है।
आस्ट्रेलिया के एक खगोल वैज्ञानिक डेव रेनेक ने कहा, ‘ऐसी आशंका है कि 2012 या संभव है कि 2013 में आने वाला सोलर तूफान पिछले सौ वर्षों के दौरान आए तूफानों की तुलना में काफी भयंकर होगा। इस घटना से सबसे अधिक असर एयरलाइंस कंपनियों, संचार कंपनियों और जीपीएस सिस्टम पर पड़ेगा।’
नासा इस प्रकरण पर 2006 से ही पूरी नजर रखे हुए है। हालांकि अभी सोलर तूफान के सही वक्त और इससे होने वाले नुकसान के बारे में ठोस अनुमान नहीं लगाया जा सका है, लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिक 2012, नहीं तो 2013 में इस तूफान की आशंका पर एक मत हैं। आशंका सही साबित होने पर हॉलीवुड की फिल्म ‘2012’ में दिखाई गई धरती की तबाही से जुड़ी कई बातें हकीकत बन जाएंगी। रोनाल्ड एमरिक की इस फिल्म में बताया गया है कि 2012 में धरती के लिए तबाही का दिन (D-Day) आएगा।
नासा के हीलियोफीजिक्स डिविजन के डायरेक्टर डॉ. रिचर्ड फिशर कहते हैं कि यह तूफान बिजली गिरने की तरह धरती से टकराएगा और पहले से सावधानी नहीं बरती गई तो स्वास्थ्य सेवाओं, आपात सेवाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट छा जाएगा।
अमेरिका के अधिकारियों ने इस साल के शुरू में कोलोरेडो में एक ‘टेबलटॉप एक्सरसाइज’ किया जिसमें 1859 और 1921 की तरह धरती पर भीषण सोलर तूफान आने की स्थिति में पैदा होने वाले हालात का जायजा लिया गया। इनका कहना है कि ऐसी घटना होने की स्थिति में धरती पर ‘ग्लोबल हरीकेन’ या भूकंप जैसे हालात पैदा होंगे।
हाल में नासा ने नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि 1859 की तरह सोलर तूफान आया तो धरती पर दो खरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है और इस नुकसान की भरपाई करने में अगले दस साल लगेंगे।
क्या है चिंता की वजह
वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती पर सोलर तूफान की आशंका चिंता की बात है क्योंकि सूरज ऐसे चरण में प्रवेश कर गया है जिसे ‘सोलर साइकिल 24’ के नाम से जाना जाता है। इससे पहले सोलर साइकिल 23 वर्ष 2000-2002 के दौरान चरम पर था और उस वक्त भी सोलर तूफान आया। हालांकि इसका असर कुछ खास नहीं दिखा लेकिन सोलर साइकिल 23 अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और दोनों चरण साथ-साथ चल सकते हैं। इसके अलावा हर सोलर साइकिल पिछले साइकिल की तुलना में असरदार होता है। ऐसे में किसी तबाही की आशंका से खगोल विज्ञानी चिंतित है