विकिलीक्स की माया से यूपी-दरबार हड़बड़ाया

सिद्धार्थ कलहंस / लखनऊ September 06, 2011
कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह और मुख्यमंत्री मायावती के बेहद करीबी सतीश चंद्र मिश्र के बारे में विकिलीक्स के 'अहम खुलासों ने उत्तर प्रदेश में सत्ता के समीकरण चाहे न उलटे-पुलटे हों, लेकिन राजदरबार में खलबली जरूर मचा दी है। इन खुलासों से हैरत में पड़ी मायावती ने आज जवाबी हमला किया और इसे विरोधी दलों की साजिश भी करार दिया, लेकिन हकीकत यह है कि 2 दिन से सत्ता के गलियारों में उथलपुथल तेज हो गई है।
इस खुलासे को बेबुनियाद बताने वाली मायावती कितनी परेशान हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कैबिनेट की तय बैठक को आगे खिसकाकर उन्होंने सबसे पहले इसी मसले पर सफाई देने के लिए पत्रकारों को बुलाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट सचिव तो थे, लेकिन मिश्र गायब थे। बहरहाल मुख्यमंत्री ने इन खुलासों पर अपने अंदाज में तल्ख टिप्पणी कीं और विकिलीक्स  के मालिक जूलियन असांज को उन्होंने 'पागल करार दे दिया।
गुस्से में तमतमाई मायावती ने कहा, 'विकिलीक्स वेबसाइट का मालिक जिस तरह की खबरें दे रहा है, उससे पता चलता है कि वह विरोधियों के हाथों का खिलौना है या पागल हो चुका है। उसे उसी के देश में पागलखाने भिजवा दिया जाए। वहां जगह न हो तो उसे आगरा के पागलखाने में भेज दें। उन्होंने राज्य विधानसभा चुनावों से ऐन पहले हुए खुलासों को विरोधियों की साजिश बताते हुए कहा कि शशांक शेखर और मिश्र को वह बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं।
विकिलीक्स  की वजह से शक के घेरे में आए शशांश शेखर ने तो सोमवार को ही 'बहनजी के सामने सफाई पेश कर दी थी, लेकिन मिश्र ने आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया। किसी वक्त माया के दाहिने हाथ माने जाने वाले मिश्र काफी समय से किनारे कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें विधानसभा सौध में जो कमरा मिला था, सोमवार को वह भी छीन लिया गया। वह कमरा पुलिस महानिदेशक के पद से रिटायर होकर राज्य के सुरक्षा सलाहकार बने करमवीर सिंह को दे दिया गया है। गौरतलब है कि सौध में ही मायावती का कार्यालय और सचिवालय है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेताओं की मानें तो पार्टी में मिश्र का कद तभी से घटने लगा था, जब उनके नजदीकी रिश्तेदार और राज्य में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके अनंत मिश्र का नाम राष्टï्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में सामने आया। विकिलीक्स  के खुलासे से उन पर बिल्कुल ही ग्रहण लग सकता है।
हालांकि कैबिनेट सचिव राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि मायावती उनकी सफाई से संतुष्टï बताई जाती हैं। दरअसल विकिलीक्स  ने कैबिनेट सचिव के हवाले से जो खुलासे किए हैं, उनमें मायावती पर सीधे निशाना नहीं साधा गया है। इसके उलट मिश्र से संबंधित खुलासों में मुख्यमंत्री पर सीधे आरोप लगाए गए हैं,

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