भारत नेपाल की सीमा बंद करने से तबाह हो जाएंगे गरीब -उधब प्रसाद
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दक्षिण एशिया सोशल फ़ोरम की बैठक लखनऊ में करने का फैसला
लखनऊ
।भारत और नेपाल के बीच सीमा बंद करने की बजाय दोनों देशो में
जन संवाद और बढाया जाना चाहिए । सीमा बंद करने से नेपाल और भारत के सीमा पर
रहने वाले वंचित तबके के लोग तबाह हो जाएंगे जो रोजी रोटी के लिए सीमा से
पार जाते है ।यह बात आज यहाँ नेपाल से आए प्रतिनिधियों ने आज यहाँ हुई
चर्चा में कही ।यह चर्चा वर्ल्ड सोशल फ़ोरम (डब्लूएसएफ) के अखिल भारतीय
परामर्श सभा की बैठक की श्रृंखला में रखी गई थी जिसमे
नेपाल से एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ था जिसका नेतृत्व काठ्मांडू
विश्विद्यालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर उधब प्रसाद प्याकुरले ने किया । भारत
नेपाल मैत्री सम्बन्ध पर भी विचार विमर्श का फोकस भारत नेपाल के बीच जन
संगठनों और जन आंदोलनों के बीच संवाद की प्रक्रिया को मजबूत करना है ।
जिससे प्रगतिशील लोकतान्त्रिक ताकतों को बल मिले । नेपाल और भारत मैत्री
पर यह विमर्श लखनऊ के प्रेस क्लब में हुआ । चर्चा में नेपाल से आए
प्रतिनिधियों ने वहां के राजनैतिक सामाजिक हालात का ब्यौरा भी दिया । वहां
पर राजनैतिक दल चुनाव के लिए तैयार हो रहे है । नेपाल के प्रितिनिधि इस इस
बात से भी आहत थे कि जब भी बाढ़ आती है यह आरोप लगा दिया जाता है कि नेपाल
ने पानी छोड़ दिया है जबकि नेपाल न पानी रोकता है और न छोड़ता है क्योकि इतने
बांध है ही नहीं दिया जाता है आयोजन में लखनऊ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन
,आईएमसीएफजे और हरित स्वराज सह आयोजक थे ।इससे पहले रवीवार की शाम
विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे ने नेपाल से आए प्रतिनिधिओं का स्वागत
करते हुए भारत नेपाल के ऐतिहासिक संबंधो पर प्रकाश डाला । जबकि रविवार को
हुई वर्ल्ड सोशल फ़ोरम (डब्लूएसएफ) के अखिल भारतीय परामर्श सभा की बैठक
दक्षिण एशिया सोशल फ़ोरम की बैठक लखनऊ में करने का फैसला किया गया । इसके
लिए आयोजन समिति का गठन भी कर दिया गया और समन्यवयक भी तय कर दिए गए ।
दक्षिण एशिया सोशल फ़ोरम में करीब तीस हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद
है ।भूमंडलीकरण और बढ़ी हुई मजहबी गोलबंदी पर चिंता जताई गई । मुजफ्फरनगर
के दंगों के बाद कट्टरपंथी ताकते पूर्वांचल में भी तनाव की साजिश कर रही है
जो और चिंता का विषय है । बाजारवाद के चलते वंचित तबका बदहाल होता जा रहा
है और मजदूर किसान आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है । बैसे माहौल में
दक्षिण एशिया सोशल फ़ोरम का महत्व और बढ़ जाता है ।
वर्ल्ड सोशल फ़ोरम के अखिल भारतीय परामर्श सभा की बैठक में
इस बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली ,बिहार ,महाराष्ट्र ,तमिलनाडु
,मध्य प्रदेश से लेकर उतराखंड आदि जैसे कई राज्यों के लोग शामिल हुए । इनमे
मध्य प्रदेश से डा सुनीलम ,बिहार के रघुपति ,दिल्ली से विजयप्रताप
,,उतराखंड से भुवन पाठक ,वाराणसी से सुनील सहस्त्रबुद्धे ,मजदूर नेता शिव
गोपाल मिश्र ,उमाशंकर मिश्र ,डा गिरीश ,मीना मेनन ,अरुन्धुती ,एकता ,गोपाल
,ताहिरा हसन ,वंदना मिश्र और दिल्ली के रजनीकांत मुद्गल ने बैठक को संबोधित
किया । रेलवे के जाने माने मजदूर नेता शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि दक्षिण
एशिया सोशल फ़ोरम के आयोजन के लिए उनका मजदूर संगठन पूरी ताकत लगा देगा और
हर मदद करेगा ।
गौरतलब है कि देश में वर्ल्ड सोशल फ़ोरम का बड़ा आयोजन वर्ष २००४ में
मुंबई में किया गया था जिसमे करीब एक लाख तीस हजार लोग शामिल हुए थे । इससे
पहले २००३ में हैदराबाद में एशिया सोशल फ़ोरम और दिल्ली में सन २००६ में
इंडिया सोशल फ़ोरम का आयोजन किया जा चूका है ।