अमरीका, ब्रिटेन, फ़्रांस का रुख़ कड़ा किसकी क्या भूमिका?

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- ब्रिटेन: टाइफ़ून और टॉर्नेडो जेट लड़ाकू विमान, सरवेलेंस विमान, एचएमस विस्टमिंस्टर और कुम्बरलैंड पनडुब्बियाँ
- फ़्रांस: शुरुआती अभियान में मिराज और राफ़ेल जेट्स समेत 12 लड़ाकू विमान, युद्धपोत भी तैनात करेगा
- अमरीका: यूएसएस बैरी और स्टाउट युद्धपोतों से मिसाइलें दागीं, कमांड एंड कंट्रोल जहाज़ यूएसएस माउंट विट्नी
- इटली: नेपल्स में नैटो अड्डा मुख्य केंद्र, भू-मध्यसागर में अन्य अड्डे भी उपलब्ध करा रहा है
- कनाडा: छह एफ-18 लड़ाकू विमान और 140 सैनिक अभियान में भाग लेंगे
क्या है 'नो फ़्लाई ज़ोन'
लीबिया में युद्धविराम लागू करने और नागरिकों पर हो रहे हमलों को रोकने का आह्वान करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ‘नो फ्लाई ज़ोन’ को मंज़ूरी दे दी है.
इस प्रस्ताव के ज़रिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने लीबिया को 'उड़ान निषेध क्षेत्र' घोषित करने का फ़ैसला किया है.उड़ान निषेध क्षेत्र का मतलब है कि लीबियाई हवाई सीमा में राहत सामग्री ले जा रहे विमानों को छोड़कर सभी उड़ानों पर प्रतिबंध होगा.
सुरक्षा परिषद ने स्पष्ट किया कि लीबिया में राहत सामग्री ले जा रहे विमान और वहां फंसे विदेशी नागरिकों को बाहर निकालने के उद्देश्य से भेजे गए विमानों पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होगा.
साथ ही इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सभी सदस्य देशों को ये सुनिश्चित करना होगा कि लीबिया से जुड़ी किसी भी तरह की व्यावसायिक उड़ान को लीबिया से जाने या लीबिया में उतरने की इजाज़त न दी जाए.
'कार्रवाई का हक़'
इसके अलावा लीबिया में आने और वहाँ से जाने वाले समुद्री जहाज़ों निरीक्षण किया जाएगा, ताकि प्रतिबंध को पूरी तरह से लागू किया जा सके.
हालांकि सुरक्षा परिषद ने कहा है कि सदस्य देशों को लीबिया में कब्ज़ा करने के इरादे से सैन्य कार्रवाई की इजाज़त नहीं होगी.
लीबीया को ‘नो फ्लाई ज़ोन’ घोषित किए जाने का प्रस्ताव ब्रिटेन, फ़्रांस और लेबनान ने रखा था और इसके पक्ष में दस देशों ने वोट दिया. किसी भी देश ने इस प्रस्ताव को वीटो नहीं किया.
इस प्रस्ताव के ज़रिए ये फैसला लिया गया है कि सुरक्षा परिषद के सभी स्थाई सदस्य देशों को लीबिया में जारी हिंसा को रोकने के लिए 'सभी ज़रूरी क़दम' उठाने की इजाज़त होगी.
प्रस्ताव में ये भी लिखा है कि सदस्य देशों को लीबियाई शहर बेनग़ाज़ी में गद्दाफ़ी सेना द्वारा जारी प्रदर्शनकारियों पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए हर ज़रुरी क़दम उठाने का हक़ है.
बेनग़ाज़ी शहर पर पिछले दिनों विद्रोहियों ने क़ब्ज़ा कर लिया था जिसके बाद ग़द्दाफी समर्थक सेना वहां क़ब्ज़े के लिए पहुंच गई थी.
प्रस्ताव में लीबियाई निवेश प्राधिकरण, लीबियाई केंद्रीय बैंक और लीबियाई नेशनल ऑयल कंपनी की संपत्ति ज़ब्त करने के भी आदेश दिए गए हैं.