मांग सकते हैं अफसरों की संपत्ति का भी ब्योरा

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तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली. अब आप सूचना के अधिकार के तहत सरकारी अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा ले सकते हैं। केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि सरकारी अफसरों की ओर से जमा किए गए उनकी संपत्ति के ब्यौरों को गोपनीय नहीं माना जा सकता।
मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ये रिकॉर्ड सरकार के पास इस विश्वास से दिए जाते हैं कि उन्हें सूचना के अधिकार के तहत किसी और को नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने इस मामले में दायर याचिका पर कहा कि सम्पत्ति के ये ब्यौरे सरकार में काम करने वाले लोगों से संबंधित वक्तव्य हैं और ये सरकारी रिकार्ड का हिस्सा बन जाते हैं। आयुक्त ने कहा कि यह नहीं माना जा सकता कि ऐसी सूचना को सरकार तक सीमित रखने के लिए दिया गया है और इसे किसी तीसरे पक्ष को नहीं दिया जा सकता।
सूचना के अधिकार कानून के तहत यह याचिका श्यामलाल यादव ने दायर की थी। दायर आरटीआई निवेदन की सुनवाई करते हुए कहा आयुक्त ने कहा कि यह स्पष्ट है कि संपत्ति सूचना वह सूचना है जो कि किसी के द्वारा सरकारी सेवा में आने के बाद दी जाती है और इस तरह यह सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाती है। मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि व्यक्तिगत प्रकार की सूचनाओं को भी इस कानून के तहत जारी किया जा सकता है। पर ऐसा करने से पहले इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना उचित होगा।
नई दिल्ली. अब आप सूचना के अधिकार के तहत सरकारी अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा ले सकते हैं। केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि सरकारी अफसरों की ओर से जमा किए गए उनकी संपत्ति के ब्यौरों को गोपनीय नहीं माना जा सकता।
मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ये रिकॉर्ड सरकार के पास इस विश्वास से दिए जाते हैं कि उन्हें सूचना के अधिकार के तहत किसी और को नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने इस मामले में दायर याचिका पर कहा कि सम्पत्ति के ये ब्यौरे सरकार में काम करने वाले लोगों से संबंधित वक्तव्य हैं और ये सरकारी रिकार्ड का हिस्सा बन जाते हैं। आयुक्त ने कहा कि यह नहीं माना जा सकता कि ऐसी सूचना को सरकार तक सीमित रखने के लिए दिया गया है और इसे किसी तीसरे पक्ष को नहीं दिया जा सकता।
सूचना के अधिकार कानून के तहत यह याचिका श्यामलाल यादव ने दायर की थी। दायर आरटीआई निवेदन की सुनवाई करते हुए कहा आयुक्त ने कहा कि यह स्पष्ट है कि संपत्ति सूचना वह सूचना है जो कि किसी के द्वारा सरकारी सेवा में आने के बाद दी जाती है और इस तरह यह सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाती है। मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि व्यक्तिगत प्रकार की सूचनाओं को भी इस कानून के तहत जारी किया जा सकता है। पर ऐसा करने से पहले इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना उचित होगा।