छह राज्यों की पुलिस की नींद उड़ी,164 ट्रक बारूद हुआ था गायब!

तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली :धौलपुर से सागर (मप्र) के लिए भेजे गए बारूद से भरे 61 ट्रक के अलावा 103 ट्रक अशोक नगर जिले के चंदेरी के लिए भी भेजे गए थे।
ये ट्रक भी वहां पर नहीं पहुंचे हैं। बुधवार को इस मामले में भोपाल में गिरफ्तार दो आरोपियों के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद छह राज्यों की पुलिस की नींद उड़ गई है। पकड़े गए दोनों आरोपी बारुद व्यवसायी जयकिशन आसवानी के लिए काम करते हैं। इधर सागर के लिए भेजे गए 61 ट्रक बारूद गायब होने के मामले में कंट्रोलर एक्सप्लोसिव नागपुर (महाराष्ट्र) ने बारूद व्यवसायी शिवचरण हेडा, उसकी पत्नी दीपा तथा उदयपुर के जयकिशन आसवानी की 18 एक्सप्लोसिव वैन, 17 बारुद मैग्जीनों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
जांच में सामने आया है कि जिन व्यापारियों के नाम यह बारूद भेजा गया था वे पिछले करीब तीन साल से चंदेरी में व्यापार ही नहीं कर रहे हैं। अप्रैल, मई और जून माह में चंदेरी की अजय एक्सप्लोसिव एवं संगम एक्सप्लोसिव फर्म के लिए 103 ट्रक बारूद धौलपुर के व्यापारी शिवचरण हेड़ा द्वारा भेजा गया था। यह दोनों ही रजिस्टर्ड फर्मे पिछले कई महीनों से बंद हैं। इधर सागर से गायब हुए बारूद के 61 ट्रकों के मामले में सागर पुलिस ने भोपाल बस स्टैण्ड से दो आरोपियों ब्यावरा निवासी राजेंद्र चौबे और गोपाल शाक्यवर को बुधवार को गिरफ्तार किया।
झांसी भागने की तैयारी कर रहे दोनों आरोपी जयकिशन आसवानी नामक व्यक्ति के ब्यावरा स्थित बीएम ट्रेडर्स में काम करते हैं। आसवानी ने राजेंद्र के नाम से चंदेरी में विस्फोटक पदार्थ बेचने की मेगजीन का लाइसेंस ले रखा है। वहीं गोपाल इस कंपनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करता है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने ही पुलिस को बताया कि उन्होंने चंदेरी की मेगजीन के नाम पर भी 103 ट्रक बुक कराए थे, जिनमें करीब 12सौ टन बारूद भरा था। ये ट्रक भी चंदेरी नहीं पहुंचे हैं।
भीलवाड़ा में जब्त हुए थे 15 ट्रक:
डेढ़ माह पहले जो 61 ट्रक धौलपुर से सागर के लिए रवाना हुए थे और रास्ते में ही गायब हो गए थे, उनमें से 15 ट्रक कुछ दिनों बाद ही राजस्थान के भीलवाड़ा में जब्त हुए थे। आरोपियों ने पूछताछ मे पुलिस को बताया कि 61 में 2 ब्यावरा, 26 अहमदनगर (महाराष्ट्र) और शेष भीलवाड़ा (राजस्थान) ले जाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रकों में करीब 6 हजार टन बारूद भरा था, डेढ़ करोड़ के इस माल को वे करीब 15 करोड़ में बेचते थे। यह बारूद राजस्थान के गणोश विस्फोट (लाइसेंसी देवेंद्र सिंह ठाकुर) के नाम से आता था लेकिन बेचने के बाद बारूद का क्या उपयोग होता है, इसकी जानकारी आरोपियों ने पुलिस को अभी नहीं दी है।
सागर एसपी के पत्र से हुआ खुलासा
एसपी चंद्रशेखर सोलंकी को सागर एसपी वीके सूर्यवंशी द्वारा भेजे गए एक पत्र से चंदेरी की फर्मो के लिए भेजे विस्फोटक पदार्थो के गायब होने की जानकारी मिली। इसके बाद एसपी टीम के साथ मामले की जांच करने दोनों फर्मो की गोदाम पर पहुंचे तो एक गोदाम पर तैनात चौकीदार खुमान ने बताया कि लगभग 4 साल से यहां किसी प्रकार का कोई माल नहीं आया है। अजय ट्रेडर्स के मालिक राजेंद्र सिंह चौहान और संगम ट्रेडर्स के मालिक अनिल जैन से पुलिस संपर्क करने की कोशिश कर रही है।
चार आरोपी फरार
सागर एसपी वीके सूर्यवंशी के मुताबिक बारूद कांड का मास्टर माइंड राजस्थान निवासी शिवचरण हेड़ा और उसकी पत्नी दीपा हेड़ा है। आरोपियों ने अलग- अलग नाम से मेगजीन के लाइसेंस ले रखे हैं। इन नामों से बारूद मंगवा कर, ये अन्य राज्यों में ज्यादा कीमत पर बेचते हैं। दोनों अब तक अरबों रुपए का बारूद बेच चुके हैं। इसके अलावा सागर के देवेंद्र सिंह ठाकुर और ब्यावरा निवासी जयकिशन आसवानी को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। इन चारों आरोपियों पर पुलिस ने 10- 10 हजार रुपए का इनाम रखा है।
6 राज्यों से जुड़े तार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में इस मामले के तार छह राज्यों मप्र, राजस्थान,महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और आंध्रप्रदेश तक फैले होने के साक्ष्य मिले हैं। गायब विस्फोटक कहां गया और वह नक्सली या किसी आतंकी गुट के हाथ तो नहीं पड़ गया, इसका खुलासा नहीं हो सका है।
सुलगते सवाल
मुख्य आरोपी देवेंद्र सिंह ठाकुर, हेड़ा व आसवानी अब तक पुलिस की पकड़ से क्यों दूर है? विस्फोटक निर्माता कंपनियों से लाइसेंसधारी से भिन्न व्यक्तियों को विस्फोटक जारी करने का सिलसिला कब से चल रहा है, किराए के लाइसेंस पर बारूद की खरीद-फरोख्त के व्यापार के कई प्रांतों में फैला होने के बावजूद खुफिया एजेंसियों की नजर से कैसे बचा रहा? धौलपुर से तीन महीने बाद भी बारूद से भरे ट्रक चंदेरी नहीं पहुंचे, लेकिन तफ्तीश करने की जहमत किसी ने क्यों नहीं उठाई?

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