भारत के 64वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य अंश

तहलका टुडे टीम 
भारत के 64वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य अंश-
  • हमारे देश की विकास दर दुनिया के बहुत से देशों से बेहतर रही है जिससे हमारी आर्थिक ताक़त का पता चलता है.
  • दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में हम बहुत से देशों के लिए मिसाल हैं. हमारे देश को दुनिया में इज़्ज़त की नज़र से देखा जाता है और हमारे विचारों पर अंतरराष्ट्रीय फ़ोरमों में ध्यान दिया जाता है.
  • इसका श्रेय कामगारों, शिल्पियों, किसानों को है और सीमा की सुरक्षा के लिए सैनिकों की बहादुरी को सलाम करते हैं.
  • हमारी सरकार ऐसी खाद्य सुरक्षा चाहती है जिसमें हमारा कोई भी नागरिक भूखा न रहे, ऐसी प्रौद्योगिकी की ज़रूरत है जो खेती की ज़रूरत पूरी करे.
  • आज सरकार सांप्रदायिक शांति और सौहाद्र बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम अल्पसंख्यकों की रक्षा करना और उनकी विशेष ज़रूरतें पूरी करना भी अपना फ़र्ज़ समझते हैं.

नया भारत

  • कॉलेज का छात्राएं
     हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं जिसमें हर भारतीय की हिस्सेदारी है, एक ऐसे भारत का निर्माण जो समृद्ध और ख़ुशहाल होगा. ऐसा भारत जहां समस्याओं का लोकतांत्रिक हल होगा और जहां हर नागरिक के मूल अधिकारों की रक्षा हो.
  • इस साल सरकार ने शिक्षा के अधिकार का क़ानून लागू किया है और हर नागरिक भारत के आर्थिक विकास से लाभांवित होगा.
  • महिलाओं के लिए संसद में आरक्षण पेश किया गया है जबकि स्थानीय संस्थानों में इसे 50 प्रतिशत तक कर दिया गया है.
  • मैं चाहूँगा कि एक साफ़-सुथरा भारत बनाने के अभियान में सब शामिल हों और इसे सफल बनाएं, बच्चों को सफ़ाई की अहमियत स्कूलों में बताएं.
  • हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का सावधानी और किफ़ायत से इस्तेमाल करना चाहिए. हमारी सरकार की कोशिश पर्यावरण का ख़्याल रखना है.
  • जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्वी राज्यों के तमाम गुट बात करें. भारतीय लोकतंत्र में विभिन्न प्रकार के विचारों और आकांक्षाओं की गुंजाइश है.
  • हम एक मज़बूत, स्थिर और अखंड पाकिस्तान देखना चाहते हैं. भारत पाकिस्तान से उम्मीद रखता है कि वो अपनी ज़मीन को दहशतगर्ती के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा.

सुरक्षा

  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
     हमारे बुनियादी ढांचे में काफ़ी कमियां हैं जिनका हमारे आर्थिक विकास पर बहुत बुरा असर पड़ा है.
  • हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए नक्सलवाद एक गंभीर समस्या. हिंसा का रास्ता अपनाने वालों से सख़्ती के साथ निपटा जाएगा.
  • मैं एक बार फिर नक्सलवादियों से अपील करता हूं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ कर सरकार के साथ बातचीत करें और सामाजिक और आर्थिक विकास तेज़ करने में सहयोग दें.
  • सरकार आम आदमी के लिए वचनबद्ध है और खाद्य सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए काम कर रही है. हर नागरिक की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है.
  • क़ानून का राज कायम करने की ज़िम्मेदारी सरकार की है. किसानों के लिए इससे बेहतर कभी नहीं रहा उन्हें भरपूर सहयोग दिया गया.
  • महंगाई से ग़रीबों पर असर पड़ता है और उसमें ज़रूर कमी आएगी.
  • हर उस कश्मीरी से बात की जाएगी बात की जो हिंसा का रास्ता छोड़ दे.
  • दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए गौरवपूर्ण हैं, मैं इसे मिल कर सफल बनाने 

Post a Comment

emo-but-icon

Featured Post

करंसी नोट पर कहां से आई गांधी जी की यह तस्वीर, ये हैं इससे जुड़े रोचक Facts

नई दिल्ली. मोहनदास करमचंद गांधी, महात्मा गांधी या फिर बापू किसी भी नाम से बुलाएं, आजादी के जश्न में महात्मा गांधी को जरूर याद किया जा...

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Side Ads

Connect Us

item