किसान आन्दोलन ने पकड़ी तेज़ी,
२५ को में प्रदेश में चक्का जाम से माया बेचैन,२६ को सांसद घेराव का एलान  
तहलका   टुडे  टीम    
लखनऊ  /अलीगढ़, यमुना एक्सप्रेस-वे टाउनशिप के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में 25 अगस्त को पूरे प्रदेश में चक्काजाम और अगले दिन संसद का घेराव किया जाएगा। टप्पल में धरनास्थल पर रविवार को किसान संघर्ष समिति ने यह घोषणा की। उधर, आगरा के छलेसर में चल रहे धरने में पहुंच रालोद के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी, भाजपा विधानमंडल दल के नेता ओमप्रकाश सिंह, सांसद अमर सिंह व क्षत्रिय सभा के प्रदेशाध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने किसानों की हिम्मत बढ़ाई। वही बसपा की तरफ से यह एलान हो गया कि वह भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने के लिए 26 अगस्त को संसद घेराव में शामिल होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बसपा प्रमुख मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली
अलीगढ़ के टप्पल में यमुना एक्सप्रेस-वे के निकट धरनास्थल पर भाजपा विधानमंडल दल के नेता ओमप्रकाश सिंह ने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी किसानों के लिए कुछ भी करने को तैयार है। द अलीगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गेश चन्द्र गौतम ने कहा कि वकील किसानों के मुकदमे बिना फीस लिए लड़ेंगे और किसानों पर गोली चलवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराएंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसआर पिल्लई ने कहा कि देश के कोने-कोने तक किसानों के आंदोलन को पहुंचाया जाएगा।
छात्र नेता सुमंत किशोर ने सभी स्कूल-कालेज व व्यापारी नेताओं ने बाजार बंद कराने का आश्वासन दिया। करीब ढाई बजे संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनवीर सिंह तेवतिया ने आम सहमति से 25 अगस्त को प्रदेश में चक्काजाम एवं 26 को संसद के घेराव की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि चक्काजाम और संसद घेराव के लिए प्रमुख विपक्षी दलों व भाकियू का समर्थन मिल चुका है। किसान मुख्य रूप से मायावती सरकार को बर्खास्त करने व भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग करेंगे।
आगरा के छलेसर में धरनास्थल पर पहुंचे जयंत चौधरी ने 26 को संसद घेराव के लिए भारी संख्या में लोगों को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया। ओमप्रकाश सिंह ने किसानों के समर्थन में 25 अगस्त को जिला और तहसील मुख्यालय पर पार्टी द्वारा धरना देने की बात कही। अमर सिंह ने भूमि अधिग्रहण के लिए बसपा के साथ-साथ सपा को भी कोसा। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट पर सपा मुखिया व तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने ही सरकार जाते-जाते मुहर लगाई थी। बाबा हरदेव सिंह ने कहा कि किसानों के उत्पीड़न में अफसरशाही की भी भूमिका है।
भूमि की रक्षा के लिए राहुल को भेजी राखी
अलीगढ़। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के नाटकीय टप्पल दौरे ने आंदोलित किसानों में तो जोश भरा ही है, पीड़ित परिजनों में भी नई आस जग गई है। पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजन राहुल को राखी भेजकर भूमि रक्षा का वचन मांग रहे हैं।



वही दूसरी तरफ राहुल गांधी के टप्पल [अलीगढ़] में किसानों के धरने में शामिल होने के 24 घंटे के अंदर बसपा की तरफ से यह एलान हो गया कि वह भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने के लिए 26 अगस्त को संसद घेराव में शामिल होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बसपा प्रमुख मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने सेज के नाम पर 50 हजार हेक्टेयर किसानों की भूमि उद्योगपतियों को दे दिया, तब उनका 'किसान प्रेम' कहां था। बसपा प्रमुख ने भाजपा को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भाजपा भी केंद्र में सत्ता में रही है, उसने में भूमि अधिग्रहण कानून बदलने के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे में उसके लिए पश्चाताप करने का एक ही रास्ता है कि वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाये कि भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव हो। उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव के लिए उनकी पार्टी का पूरा समर्थन रहेगा।
कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह एवं प्रमुख सचिव सूचना विजय शंकर पाण्डेय ने रविवार की शाम मुख्यमंत्री की ओर से प्रेस कान्फ्रेंस की। उन्होंने मुख्यमंत्री का लिखित बयान मीडिया को जारी किया। बयान में मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि देश के किसानों की बदहाली और देश में बढ़ती नक्सल समस्या के लिए केंद्र में समय-समय पर सत्तारूढ़ रहे दल जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकारों ने कभी 1894 में बने भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जरूरत ही महसूस नहीं की और उसका नतीजा है कि किसानो की जमीन छिनती जा रही है।
बयान में मुख्यमंत्री ने कहा है कि औद्योगिकीकरण के नाम पर लाखों एकड़ वन भूमि भी उद्योगपतियों को दे दी गई है, जिसके चलते आदिवासियों को अपनी भूमि से बेदखल होना पड़ा और वही आदिवासी आज नक्सलवाद का रास्ता अपना रहे हैं। जितनी जल्दी देश में वन क्षेत्रों एवं आदिवासियों की भूमि उद्योग के नाम पर हथियाने की प्रवृत्ति पर रोक लगा दी जायेगी उतनी ही जल्दी नक्सल समस्या का समाधान हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा का हमेशा से मत है कि किसानों की जमीन को उनकी सहमति से ही लिया जाना चाहिए। इसी के तहत उनकी सरकार ने वर्ष 2007 में भूमि अधिग्रहण के लिये नीति तैयार की थी, जिसके अनुसार किसानों की भूमि को करार नियमावली के तहत लेने का निर्णय किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अलीगढ़ और आगरा के किसानों की समस्या का समाधान कर दिया गया है। अब तो केवल सरकार विरोधी तत्वों द्वारा इसकी आड़ में प्रदेश की कानून व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। कैबिनेट सचिव ने बताया कि आगरा व अलीगढ़ में पूरी तरह से शान्ति हैं। आगरा में 48 किसानों से प्रशासन से अपनी भूमि का करार कर नयी दर से मुआवजा प्राप्त किया है। उन्होंने कहा है कि किसी किसान से राज्य में जबरन भूमि नहीं ली जा रही है। करार के जरिये ही किसानों की भूमि प्राप्त की जा रही है। इस संबंध में आदेश तीन दिन पूर्व जारी किया जा चुका है। राहुल गांधी के टप्पल दौरे को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की

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