भारत के रईसों के पास कितने प्राइवेट जेट हैं?

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वेल्थ इनसाइट फ़र्म के मुताबिक 2014 से 2018 तक भारत के 'सुपर-रिच' लोगों की संपत्ति 44 फ़ीसदी बढ़ेगी और चार साल में करीब 2000 अरब डॉलर या दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी.
कंसलटेंसी फ़र्म नाइट फ्रैंक का अनुमान है कि इन बेहद अमीर लोगों की कुल संपत्ति का 44 फ़ीसदी हिस्सा रियल एस्टेट में लगा हुआ है.
लेकिन दुनिया के महँगे शहरों में प्रॉपर्टी खरीदने के अलावा भारत के 'सुपर-रिच' किन लग्ज़री आइटम पर अपना पैसा ख़र्चते हैं?
उनके पास कितने प्राइवेट जेट विमान हैं और कितने यॉट?
प्राइवेट जेट: 12 प्रतिशत भारतीयों के
रईस भारतीयों के लिए प्राइवेट जेट विमान खरीदना स्टेट्स सिंबल बन चुका है. कंसल्टिंग फ़र्म फ्रॉस्ट एंड सुलिवेन के मुताबिक ग्लोबल प्राइवेट जेट के बाज़ार में भारतीय उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी 12 फ़ीसदी है.
फ्रॉस्ट एंड सुलिवेन के दक्षिण एशियाई रीजन की कारपोरेट कम्यूनिकेशन मैनेजर रविंदर कौर बताती है कि भारतीयों के पास कुल 142 प्राइवेट जेट हैं. इनमें मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, विजय माल्या, लक्ष्मी मित्तल, रतन टाटा और गौतम सिंघानिया जैसे उद्योगपति शामिल हैं.
इनके पास जो जेट विमान हैं, उनमें 45 लाख डॉलर के लाइट जेट से लेकर 31 करोड़ डॉलर तक के हैवी जेट हैं.
कनाडाई जेट निर्माण कंपनी बॉम्बार्डियर 2014 से 2033 के बीच भारतीय अमीरों को 1215 जेट विमानों की आपूर्ति करने वाली है. मुंबई स्थित एयर चार्टर कंपनी ताज एयर के जेनरल मैनेजर आतेश मिश्रा कहते हैं, "भारतीय अरबपतियों की मौजूदा पीढ़ी प्राइवेट जेट विमान के फायदों को बखूबी समझने लगी है."
लग्ज़री बोट, यॉट का बाज़ार बढ़ा
भारत के बेहद अमीर लोग लग्ज़री यॉट भी खरीद रहे हैं. द इकानामिक टाइम्स के मुताबिक पिछले कुछ सालों में भारत में लग्ज़री बोट और यॉट का बाज़ार 10 फ़ीसदी की दर से बढ़ा है.
2012 में भारत में लग्ज़री का बाज़ार 7.58 अरब डॉलर का था जिसके 2015 तक 15 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
लेकिन भारत में पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं के नहीं होने के कारण कई भारतीय अपने यॉट को संयुक्त अरब अमरीत या भूमध्य सागर में रखते हैं. ऐसी एक यॉट इंडियन एम्प्रेस है और 9 करोड़ डॉलर के इस यॉट के युनाइटेड ब्रूअरी के मालिक विजय माल्या हैं. यह दुनिया के सबसे बड़े यॉट में से एक है और करीब 312 फ़ुट लंबा है.
यॉट बनाने वाले कैंपर एंड निकोलसंस इंटरनेशनल कंपनी के लंदन स्थित सेल्स ब्रोकर मार्क हिल्पर्न ने ईमेल के जरिए बताया है. "जिन भारतीयों के पास यॉट है उनमें करीब 70 फ़ीसदी भूमध्यसागर में हैं, बाकी गोआ और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में इस्तेमाल किए जाते हैं."
ग़ौरतलब है कि मुंबई में ही मार्क हिल्पर्न के सबसे अधिक क्लाएंट हैं और उनके मुताबिक अधिकतर 30-50 साल के बीच हैं.
विदेश में सैर-सपाटा
भारत के अमीर लोगों में विदेश में घूमने फिरने का चलन भी बढ़ा है.
ट्रिप एडवाइजर वेबसाइट के ट्रेवल प्लानिंग के कंट्री मैनेजर निखिल गंजू के मुताबिक भारतीय में विदेशी में जाकर छुट्टी मनाने का चलन बढ़ा है.
इस वेबसाइट के सर्वे के मुताबिक 2014 में अमीर लोगों में से 66 फ़ीसदी की विदेश में छुट्टियां मनाने की योजना थी. ये आंकड़ा 2013 के मुकाबले में 21 फ़ीसदी बढ़ा था.
कोटक वेल्थ मैनेजमेंट और अर्नस्ट एंड यंग ने अमीर भारतीयों के खर्च करने की प्रवृति पर अध्ययन करने के दौराना पाया है कि अमीर भारतीयों में 50 फ़ीसदी लोग हर साल तीन लग्ज़री ट्रिप पर जाना पसंद करते हैं. ये लोग घूमने फिरने पर औसतन 40 हजार डॉलर प्रति साल खर्च करते हैं.
महंगी शराब पर खर्च
इसके अलावा अमीर भारतीयों में अच्छी शराब पर खर्च करने की प्रवृति भी भढ़ रही है. शेटो लेफ्ते रॉथ्सचाईल्ड, शेटो पेट्रस, शेटो हॉट ब्रायन और शेटो शेवल ब्लां जैसी मंहगी शराब पर भारतीय काफी खर्च करने लगे हैं.
अच्छी शराब पर निवेश की सलाह देने वाली वियना स्थित कंसलटेंसी बोर्डेक्स ट्रेडर्स के प्रबंध निदेशक रॉबिन खन्ना कहते हैं, "ये शराब काफी महंगी होती हैं और इनकी कीमत 12,300 डॉलर से लेकर 1,23,000 डॉलर के बीच कुछ भी हो सकती है. भारत में ऐसे शराब की लोकप्रियता बढ़ी है और बड़े होटल अब काफी महंगी शराब आयात कर रहे हैं."
इस दौरान कई कारोबारी शराब में निवेश भी कर रहे हैं. अच्छी शराब की बढ़ती मांग देखकर शराब के पारखी अच्छी और महंगी शराब का उपभोग करने वाले भारतीय शराब निर्माताओं को सुपर प्रीमियम शराब का ऑर्डर दे रहे हैं.
शराब के बढ़ते बाज़ार को देख कर ही भारत के पूर्व टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज ने भारत में अपने ही नाम विजय अमृतराज रिजर्व कलेक्शन को लांच किया है.