सऊदी अरब के धर्मगुरु के सच्चे बोल, आईएसआईएस गुंडों का गिरोह
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सऊदी अरब में मस्जिदुल हराम के इमाम व वक्ता तथा मक्का के प्रभावी जज
सालेह आले तालिब ने आईएसआईएल की इस्लामी सरकार पर हमला करते हुए इसके
"ख़लीफ़ा" को ग़ुंडों का सरगना बताया है।
राय अल यौम वेबसाइट ने रिपोर्ट दी है कि मस्जिदुल हराम के जुमे के वक्ता
ने जुमे के अपने भाषण में कहा कि कुछ लोगों के निकट स्वतंत्रता का अर्थ
अपने भाई बंधुओं की ज़मीनों पर क़ब्ज़ा करना है और उनके निकट हत्या व
जनसंहार एक मनोरंजन में परिवर्तित हो गया है।
उन्होंने सीरिया और इराक़ में आईएसआईएल के आतंकियों के अपराधों और
महिलाओं के अनादर की निंदा की और आईएसआईएस द्वारा महिलाओं को दासियां बनाए
जाने की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि आईएसआईएल का गठन अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्थाओं ने किया है।
काबे के वक्ता और इमाम का कहना था कि इन लोगों ने अत्याचारग्रस्त लोगों
की ओर से न्याय पूर्ण जीवन के मांग को पूरी तरह से खराब कर दिया और उन्हें
बदनाम कर दिया है।
मस्जिदुल हराम के वक्ता ने कहा कि जो लोग इस्लामी खिलाफत झंडा उठाए हुए
हैं उन पर पैग़म्बरे इस्लाम (सलल्लाहो अलैह व आलेही व सल्लम) का वह कथन
सच्चा उतरता है जिसमें वे कहते हैं कि वह लोग बहुत बुरे लोग हैं ।
उनका कहना था कि इन लोगों ने मुसलमानों के साथ अत्याधिक बुरा किया है
और बहुत बड़ी संख्या में मुसलमान युवाओं को धोखा दिया है और उन लोगों को
यह विश्वास दिलाया कि उनका देश जहां से स्वंय वे संबंधित हैं, रणक्षेण है।
सऊदी अरब के वरिष्ठ धर्मगुरु सालेह आले तालिब ने कहा कि यह इस्लामी
खिलाफत का दावा करने वालों का कहना है कि दुनिया में केवल उसी स्थान पर
इस्लामी सरकार का गठन हो सकता है जिन पर उनके चेलों ने क़ब्ज़ा किया हो।
आले तालिब का कहना है कि यह संगठन केवल मुसलमानों का ही ख़ून बहा रहा है और इसके षड्यंत्र केवल इस्लामी देशों में ही चल रहे हैं।
उन्होंने अपने भाषण के अंत में ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के पाश्विक हमलों पर
प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अत्याचार पर चुप रहने से विश्व में
शांति स्थापित नहीं हो सकती।
उन्होंने सचेत किया कि ज़ायोनियों के अपराधों पर चुप रहने से भाग में वह आग लिख दी जाएगी जो कभी नहीं बुझती(AK)