मोदी की कट्टर छवि पर कौमी एकता का राहुल ने किया पलटवार
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जो रब है वही राम का संदेश लेकर राहुल ने शुरू किया लोकसभा जनसम्पर्क अभियान
रोड-शो में माती से लेकर सफेदाबाद तक उमड़ा जनसैलाब
रिज़वान मुस्तफा
बाराबंकी। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज बाराबंकी से लोकसभा का जनसम्पर्क अभियान हाजी वारिस अली शाह के जो रब है वही राम के संदेश के साथ शुरू कर दिया। गांधी ने हाजी वारिस अली शाह के दर पर मत्था टेककर भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी की कट्टर छवि पर कौमी एकता का पलटवार करने का ब्राह्मास्त्र छोड़ दिया है। इस दौरान उन्हें देखने व सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी। यह अलग बात थी कि सुनने आये लोग राहुल के न बोलने से मायूस हुए। जबकि इस दौरान जहां राहुल का भव्य स्वागत हुआ। वहीं भाजपाइयों ने उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी बुलंद किये जिन्हें हिरासत में ले लिया गया।
लोकसभा के आसन्न चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में लोकसभा जनसम्पर्क अभियान के लिए बाराबंकी को चुना है। आज भारी भीड़ से लबरेज देवां जाने वाला यह सड़क मार्ग आज युवराज के स्वागत में पलक पांवड़े बिछाये दिखाई दिया। राहुल ने भी मामले की नजाकत को समझा और जो मिला उसका हाल-चाल पूछा जो दूर था उसका हाथ हिलाकर अभिवादन किया और विशेष रथ पर कांग्रेस सांसद डा. पीएल पुनिया के साथ आगे बढ़ चले। माती, पल्टा सहित कई स्थानों व चौराहों पर जगह-जगह गांवों से जुटे लोग राहुल की एक झलक पाने को बेताब थे। राहुल ने किसी को निराश नहीं किया। सबकी कुशल-क्षेम अपने अंदाज में पूछी व जानी। लगभग 4 बजे वे देवां स्थित कौमी एकता द्वार पहुंचे। यहां स्थानीय कांग्रेसी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद युवराज सीधे बाबा हाजी वारिस अली शाह के अस्ताने पर आये। यहां उन्होंने कड़ी सुरक्षा के बीच वारिस की मजार पर चादर चढ़ायी और मुल्क की तरक्की व कौमी एकता के लिए दुआ मांगी। लगभग 4 बजकर 17 मिनट से लगाकर 4.25 तक यहां रूकने के बाद वे बाहर निकले और फिर अभिवादन करते हुए आगे बढ़ चले।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक राहुल का देवां पहुंचना सही मायने में साधारण नहीं बल्कि असाधारण है। जहां भाजपा के प्रस्तावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी गोधरा दंगो के आरोपों से न्यायालय के द्वारा क्लीन चिट पाने के बाद भी अपनी कट्टर छवि से निजात नहीं पा रहे हैं। वहीं राहुल ने अमन-पसंद हर वर्ग के लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए कौमी एकता के अस्त्र को लोकसभा चुनाव का मुख्य आधार चुना है। चर्चा है कि श्री गांधी देवां में पहुंचकर पूरे देश को यह संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस की राजनीति जो रब है वही राम के रास्ते पर चलकर हमेशा कौमी एकता को मजबूत करने वाली रही है व आगे भी रहेगी। इसके साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग के समर्थन को कांग्रेस के लिए बचाये रखने तथा कट्टरवादिता पर कौमी एकता के अस्त्र से सियासी प्रहार का रास्ता भी कांग्रेस ने राहुल के इस दौरे से चुना है।
पूर्व में वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में जब गांधी समय की कमी के चलते देवां की धरती पर नहीं पहुंच पाये थे तो इस पर चर्चाओं का बाजार भी गर्म हुआ था यह अलग बात है कि इस दौरान उन्हें देवां मजार की चादर भेंट की गयी थी। लेकिन उन्होंने लोकसभा के चुनाव में इस गलती को सुधारा और फिर कांग्रेस एक तीर से कई शिकार करने की रणनीति को जनसम्पर्क अभियान के रूप में बदल दिया। एकाएक दिल्ली में कार्यक्रम बना और फिर बन गया युवराज का बाराबंकी कर्यक्रम। यह गौर करने योग्य बात यह भी है कि एक तरफ राहुल कौमी एकता की तान देते नजर आ रहे हैं और दूसरी तरफ वे दलित सांसद पीएल पुनिया के क्षेत्र से सम्पर्क अभियान की शुरूवात कर दलितों को यह संदेश दिया कि वे आज भी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं। अर्थात् मोदी की कट्टर छवि पर कौमी एकता का प्रहार साथ ही सपा व बसपा के वोट आधार पर भी सलीके से हमला करने की रणनीति का रहा राहुल का बाराबंकी का दौरा। कौमी एकता की यह मशाल लेकर राहुल पूरे देश में घूमेंगे। खास यह भी है कि महाशिवरात्रि के चलते वे इस बार श्री लोधेश्वर महादेवा नहीं जा पाये। साफ है कि भाजपा हो या सपा अथवा बसपा वह कांग्रेस व राहुल पर कोई भी हमला बोले लेकिन कौमी एकता के इस बहुप्रसिद्ध देवां दरबार के मामले में यह दल कुछ भी बोलने की हिम्मत कभी नहीं जुटा पायेंगे। इस प्रकार साफ है कि कांग्रेस ने उत्तर-प्रदेश में अपनी रणनीति के तहत सम्पर्क पहल कौमी एकता की चासनी के साथ आगे बढ़ा दी है। जबकि पूर्व में सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने बाराबंकी से ही विधानसभा का चुनाव प्रचार प्रारम्भ किया था और उन्हें बड़ी सफलता भी मिली थी। चर्चा है कि एक टोटका भी है कि जब राहुल जब बाराबंकी से प्रचार शुरू करेंगे तो कांग्रेस को भी शायद कोई ऐसी ही सफलता मिले।
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी का आज बाराबंकी शहर में भारी भीड़ के बीच रोड-शो हुआ। लगभग ढाई से तीन घंटे विलम्ब से लखनऊ की सीमा से बाराबंकी की सीमा माती पहंुचे राहुल का यहां पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. निर्मल खत्री, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोहसिना किदवई, केन्द्रीय मंत्री जतिन प्रसाद, प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री, सांसद पीएल पुनिया, सिद्धार्थ अवस्थी, टिंकू अवस्थी, प्रेमा अवस्थी, फवाद किदवई, नसीब पठान, अमीर हैदर एडवोकेट, रिजवानुर्रहमान किदवई आदि कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया। देवां से बाराबंकी तक राहुल का रोड-शो जारी रहा। रास्ते में चन्दौली, निबलेट चौराहा, छाया, पटेल तिराहा आदि स्थानों पर शहर व गांव से जुटे लोग राहुल के लिए खड़े रहे। रास्ते में ग्राम प्रधानों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तथा मनरेगा कर्मियांे ने उन्हें अपना ज्ञापन दिया और फिर वे देर शाम आलापुर, सफेदाबाद होते हुए लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गये। राहुल के सफल रोड-शो में पिन्टू अवस्थी, दीपक रैकवार, सरजू शर्मा, बदरूद्दीन, सरवर अली रिजवी, सुशील पाण्डेय, राजकुमार सिंह, अरशद अहमद, संजीव सिंह सहित तमाम दिग्गज उपस्थित थे।