ख़ामोशी तोड़ो वक्त आ गया ,

गांवों में सोशल फोरम का एलान   
लखनऊ, दक्षिण एशिया सोशल फोरम की तैयारी अब शहर से गाँव की तरफ रुख कर रही है । आज दक्षिण एशिया सोशल फोरम और आईएमसीएफजे ने लखनऊ उन्नाव सीमा पर रहीमनगर के पास  मनियाना गाँव में जब यह साझा पहल की तो नारा था ख़ामोशी तोड़ो वक्त आ गया है । गाँव की सौ से ज्यादा महिलाओं और छात्राओं ने सोशल फोरम की इस पहल में हिस्सा लेकर सोशल फोरम प्रक्रिया को न सिर्फ ताकत दी बल्कि उसे शहरों से बाहर खेत खलिहानों तक पहुँचाया ।दक्षिण एशिया सोशल फोरम की तैयारी के सिलसिले में उन्नाव जिले के रहीमनगर गाँव में एक जनसभा का आयोजन किया गया।नारी सशक्तिकरण के विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में आस पास के कई गाँव के पुरुष और भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित हुए।
इस अवसर पर बोलते हुए अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताहिरा हसन ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की लड़ाई पुरुष समाज के खिलाफ नहीं गैरबराबरी के खिलाफ लड़ाई है। इसे पुरुषों को भी लड़ना है तभी सशक्त नारी समाज का सपना साकार हो सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिक खोजों का उपयोग करके उच्च तथा माध्यम वर्ग के लोगों में कन्या भ्रूण हत्या की जो घटनाएं आ रही हैं, वह ग्रामीण समाज में नहीं होती। गैर बराबरी के किस्से आज कथित  तौर पर सभ्य समाज में ज्यादा मिल रहे हैं, तथा ऐसी घटनाओं को गम्भीरता से लेना च आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में जब तक युवा नहीं जुड़ेगा, तब तक यह लड़ाई अधूरी मानी जायेगी। यह मुद्दा दक्षिण एशिया सामाजिक मंच का एक महत्वपूर्ण विषय है और हमें उम्मीद है कि इसके आयोजन के बाद हमें निश्चित तौर पर इस लड़ाई को जारी रखने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर लोक विद्या जन आंदोलन के कार्यकर्ता रवि शेखर ने कहा कि यूरोपीय नजरिये से भारत में महिला सशक्तिकरण का प्रयास व्यर्थ है. हमारे पास किस चीज़ कि कमी है यूरोप हमेशा यही जताता आया है. ऐसा करके उसे हमें पिछड़ा साबित करने की आजादी मिलती है। उन्होंने कहा कि वास्तव में हमें ताकत के उन बिदुओं को चिन्हित करने की ज़रूरत है, जो हमारे समाज में उपस्थित हैं।  नारी सशक्तिकरण तभी सम्भव है जब बजाये शिक्षा की कमी बताने के हम उसे उसके ज्ञान और श्रम का हर स्तर पर उचित सम्मान करें। दक्षिण एशिया सामाजिक मंच के आयोजन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस मसले पर हम सब मिलकर एक पूरे दिन का आयोजन करें ताकिवैश्वीकरण के इस दौर में रास्ते से भटकता नारी विमर्श दुबारा प्रतिष्ठित हो सके। 
इस अवसर पर बोलते हुए स्थानीय ब्लाक प्रमुख किरण यादव ने काफी महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अथक लड़ाई के बाद सरकारों में भी संवेदनशीलता बढ़ी है. महिला हिंसा के खिलाफ जो क़ानून बनाया गया, वो संपूर्ण मानव समाज, और स्त्रियोंके लिए  ख़ास तौर से, एक बड़ी जीत है। अब हमें न केवल इस क़ानून का पूरा फायदा लेना है बल्कि स्त्रियों कि सुरक्षा, और समृद्धि के लिए अपनासंघर्ष पहले से भी ज्यादा तेज़ अंदाज में चलाना होगा। दक्षिण एशिया सामाजिक मंच में भरपूर शिरकत का आह्वान करते हुए श्रीमती यादव ने कहा कि ऐसे राजनैतिक  मंचो से ही नारी आंदोलन को आगे बढाया जा सकता है जिसमे समाज कि सक्रिय सहभागिता होती हो।दक्षिण एशिया सोशल फोरम और आईएमसीएफजे के इस कार्यक्रम वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार सामाजिक कार्यकर्ता ,संतोष सिंह ,मनप्रीत कौर आदि भी शामिल हुए ।सोशल फोरम ने इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए आसपास के गांवों में महिलाओं के सवाल पर आगे भी पहल करने का एलान किया है
साभार जनादेश न्यूज़ नेटवर्क 

Related

asia social forum 7317908703558671244

Post a Comment

emo-but-icon

Featured Post

करंसी नोट पर कहां से आई गांधी जी की यह तस्वीर, ये हैं इससे जुड़े रोचक Facts

नई दिल्ली. मोहनदास करमचंद गांधी, महात्मा गांधी या फिर बापू किसी भी नाम से बुलाएं, आजादी के जश्न में महात्मा गांधी को जरूर याद किया जा...

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Side Ads

Connect Us

item