53 प्रशासनिक अधिकारियों ने नहीं दाखिल किया अपनी सम्पत्ति का विवरण

नदीम
लखनऊ : अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि लोकसेवक हर साल 31 दिसम्बर तक एक निर्धारित प्रपत्र पर अपनी चल-अचल सम्पत्ति का ब्यौरा दाखिल करेंगे। हैरानी यह कि नियमावली के इस प्रावधान उल्लंघन सबसे ज्यादा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ही कर रहे हैं। उप्र काडर के 53 आइएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने इस साल तमाम परिपत्र और कड़क चेतावनियों के बावजूद भी अपनी सम्पत्ति का विवरण दाखिल नहीं किया। उप्र सरकार के संसदीय कार्यमंत्री रह चुके हृदय नारायण दीक्षित कहते हैं, 'अगर यही कृत्य किसी छोटे कर्मचारी ने किया होता तो उसे दंडित कर दिया जाता लेकिन आइएएस अधिकारियों के खिलाफ नियम तोडने पर कोई कार्रवाई इसलिए आसान नहीं होती कि कार्रवाई भी किसी आइएएस को ही करनी होती है। आइएएस, आइएएस का सबसे बड़ा मददगार होता है।'
आइएएस अधिकारियों की सम्पत्ति का मामला इसलिए जेर-ए-बहस हो गया है कि हाइकोर्ट ने केंद्र और उप्र सरकार को उप्र काडर के आइएएस अधिकारियों की सम्पत्ति का विवरण पेश करने का आदेश दिया है। हाइकोर्ट जानना चाहता है कि उप्र काडर के आइएएस अधिकारियों के पास आज की तारीख में कितनी सम्पत्ति है और सेवा में आने से पहले उनके पास कितनी सम्पत्ति थी। हाइकोर्ट इस मामले की सुनवाई चार जुलाई को करेगा। उप्र सरकार के लिए यह विवरण जुटाना इस लिए मुश्किल हो रहा है कि अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के तहत सम्पत्ति का जो विवरण अनिवार्य रूप से आइएएस अधिकारियों को देना चाहिए था, वह नहीं दे रहे हैं।
इन अधिकारियों ने नहीं दाखिल किया है सम्पत्ति का विवरण : 31 दिसम्बर 2011 तक जिन अधिकारियों को अपनी सम्पत्ति का विवरण देना था और उन्होंने आज की तारीख तक जमा नहीं किया, उनमें आरके शर्मा, सुशील मोहन, प्रदीप शुक्ला, एसपी सिंह, अतुल बगई, एसएन शुक्ला, किशन सिंह अटोरिया, एमवीएस रामी रेड्डी, मनोज कुमार सिंह, संजय भाटिया, कल्पना अवस्थी, जितेंद्र कुमार, सुधीर बोबडे़, ओम प्रकाश नारायण, संजीव कुमार, अमित कुमार घोष, केआर मोहन राव, वीएच झिमोनी, प्रज्ञानराम मिश्रा, सच्चिदानंद गुप्ता, जगदीश प्रसाद, सुशील कुमार, सुनिष्ठा सिंह, रीता सिंह, एमकेएस सुंदरम, अनिल कुमार सागर, दीपक अग्रवाल, धनलक्ष्मी, समीर वर्मा, आर सैम्फल, अनामिका सिंह, रवि कुमार एनजी, सारिका मोहन, अभय, सौम्या अग्रवाल, किंजल सिंह, एपी सिंह, आशुतोष निरंजन, शंभू कुमार, भवानी सिंह, नेहा शर्मा, संजय कुमार खत्री, सोमलता सिंह, ज्ञान सिंह, विमल किशोर गुप्ता, जीपी मिश्रा, राज नारायण सिंह, योगेंद्र कुमार बहल, अरविंद कुमार द्विवेदी, सुशील कुमार यादव, संतोष कुमार द्विवेदी, सुधार कुमार शामिल हैं। उप्र काडर के 310 आइएएस अब तक अपनी सम्पत्ति का विवरण जमा कर चुके हैं।
अब जारी होगी नोटिस : सम्पत्ति के विवरण को लेकर हाइकोर्ट के सख्त फैसले के बाद अब मुख्य सचिव की ओर से सम्पत्ति का विवरण न देने वाले यूपी काडर के आइएएस अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे सम्पत्ति का विवरण देने को कहा जाएगा ताकि उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया जा सके।

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