हेलिकॉप्टर हादसे में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की मौत

तहलका  टुडे  टीम  

ईटानगर। अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और उनके साथ हेलिकॉप्टर में सवार चार अन्य लोगों की मौत हो गई है। सेना ने इस खबर की पुष्टि की है। खांडू सहित पांच लोगों को लेकर शनिवार को लापता हुए हेलिकॉप्टर का मलबा बुधवार सुबह अरूणाचल प्रदेश के लाबोतांग में मिला।

केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश के लाबोतांग में तीन शव देखे गए हैं। गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि हेलिकॉप्टर का ईएलटी (इमरजेंसी लॉकेटर टांसमीटर) काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। टीवी रिपोर्टो के मुताबिक मुख्यमंत्री सहित पांचों लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई है।
गौरतलब है कि चार सीटों वाली सिंगल इंजन पवन हंस हेलिकॉप्टर मुख्यमंत्री तथा चार अन्य लोगों के साथ 30 अप्रैल से लापता था। यह हेलिकॉप्टर पवन हंस एएस350 बी-3 तवांग से सुबह नौ बजकर 56 मिनट पर उ़डान भरने के 20 मिनट बाद ही लापता हो गया था। खांडू के अलावा हेलिकॉप्टर में पायलट कैप्टन जेएस बब्बर और कैप्टन टीएस मामिक, खांडू के मुख्य अधिकारी येशी छोड्डाक तथा तवांग से विधायक त्स्वांग ढोंढूप की बहन येशी ला±मू सवार थे।
हेलिकॉप्टर के तलाशी अभियान में सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के तीन हजार जवानों को लगाया गया था। हेलिकॉप्टर के पायलट ने तवांग से ईटानगर के लिए उ़डान भरने के 20 मिनट बाद अंतिम बार चीनी सीमा के करीब सेला दर्रे के करीब 13,700 फुट की ऊंचाई पर रहते हुए संपर्क साधा था। उसके बाद उससे संपर्क अचानत टूट गया था। बचाव दलों को खराब मौसम, बारिश और बर्फबारी के कारण काफी समस्याओं का सामना करना प़डा और इसकी वजह से अभियान अपेक्षित तेजी नहीं पक़ड पाया। मंगलवार को भी भारी बर्फबारी और बारिश के कारण दृश्यता कम हो गई, इससे तलाशी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ।
तलाशी अभियान में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनजीआरएफ) के 38 कमांडो और 1000 स्थानीय लोगों की भी मदद ली गई। इससे पहले, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने मंगलवार दिन में कहा था कि खांडू को लेकर लापता हुए हेलिकॉप्टर का पता लगाने में लगा बचाव दल शाम तक कुछ ठोस जानकारियां उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने कहा, हम सायं चार बजे तक कुछ ठोस जानकारी उपलब्ध कराने की स्थिति में होंगे। सेना और अर्धसैनिक बलोंम के प्रशिक्षित जवान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रडार द्वारा पहचान किए गए संभावित स्थान तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बचाव दल की टीमें सेला दर्रे के पास पर्वतीय इलाके में उस जगह पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, जहां इसरो के रडार ने धातु के टुक़डों की पहचान की है।

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