फुकुशिमा ऐटमी प्लांट में धमाका, 1 हजार मरे, 88 हजार लापता
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टोक्यो. जापान के इतिहास के सबसे भयानक भूकंप और सूनामी के बाद शनिवार को फुकुशिमा डायची परमाणु संयंत्र में धमाके हो गया। जापानी समाचार एजेंसी एनएचके के मुताबिक फुकुशिमा प्लांट में हुए धमाके में कई लोगों के ज़ख़्मी होने की खबर है। जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेट्री एडानो ने फुकुशिमा प्लांट से रेडिएशन लीक की पुष्टि की है और बताया है दूसरे न्यूक्लियर प्लांट के क्षेत्र के १० किलोमीटर तक की दूरी का क्षेत्र खाली करवाया जा रहा है। जापान की क्योडो न्यूज ऐजेंसी ने बताया है कि वातावरण में रेडियो विकरण की मात्रा बीस गुना बढ़ गई है। धमाके के बाद प्लांट की दीवार और छत गिर गई है।
जापान के फुकुशिमा डाइची यूनिट 1 ऐटमी प्लांट में दबाव दोगुना हो गया था, जिसके चलते इसमें धमाके की आशंका पहले से ही जाहिर की जा रही थी। यूनिट 1 में सामान्य हालात की तुलना में एक हजार गुना ज़्यादा रेडिएशन हो रहा है। प्लांट के कर्मचारी इसे ठंडा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बिजली की सप्लाई ठप होने और जेनरेटर न चलने की वजह से इस काम में दिक्कत आ रही है। इससे पहले इसी संयंत्र से रिसाव शुरू होने की खबरें आ रही थीं। अमेरिका में जापान के राजदूत के हवाले से यह खबर आई थी। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने इस रिसाव की पुष्टि कर दी है। जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान ने फुकुशिमा प्लांट का हवाई दौरा किया है और वे परमाणु विशेषज्ञों के साथ हालात पर खुद नज़र रख रहे हैं।
जापान सरकार ने फुकुशिमा समेत दो ऐटमी प्लांटों में आपातकाल का ऐलान कर दिया है और 14,000 लोगों को परमाणु संयंत्रों के आसपास से हटाकर दूसरी जगहों पर भेजा गया है। इन ऐटमी प्लांटों के आसपास के दस किलोमीटर के इलाके को खाली करा दिया गया है। आईएईए ने एक बयान में कहा है कि डीज़ल जेनरेटरों के काम न करने की वजह से फुकुशिमा डाइची ऐटमी प्लांट को ठंडा करने में दिक्कत हो रही है। जापान के पांच परमाणु संयंत्र बंद कर दिए गए हैं।
उधर, जापान में भूकंप का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को 6.8 तीव्रता का एक और भूंकप जापान में महसूस किया गया है। शुक्रवार से अब तक जापान में भूकंप के १२४ झटके लग चुके हैं। जापान के १५० सालों के इतिहास के सबसे तेज भूकंप से जापान के एक दर्जन शहर तबाह हो गए हैं। कुदरत की इस तबाही की मार सबसे ज़्यादा सेंडाई शहर पर पड़ी है। सेंडाई की तेल रिफाइनरी में लगी आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है। करीब ४० लाख घर भूकंप और सूनामी की भेंट चढ़ गए। शनिवार को राहत और बचाव का काम शुरू हो गया है। लेकिन पूरे शहर में पानी भरे होने की वजह जे इसमें दिक्कत पेश आ रही है। शुक्रवार को आए 8.9 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सूनामी के चलते जापान में करीब एक हजार लोगों के मारे जाने और 88 हजार लोगों के लापता होने की खबर है। अब तक ४०० से ज़्यादा शव बरामद किए जा चुके हैं। इसमें २००-३०० शव तो सेंडाई शहर में ही मिले हैं। एक हजार लोगों को लेकर जापान की तरफ आ रहा जहाज लापता है और एक ट्रेन का भी कोई अता-पता नहीं है।
राहत और बचाव का काम राहत और बचाव के काम में जुटे लोग मलबे के अंदर लोगों की तलाश कर रहे हैं। करीब ५० हजार बचावकर्मी इस काम में लगे हुए हैं। सूनामी की चपेट में आने वाले नातोरी शहर के अधिकारी काजूशिगे इताबाशी ने कहा कि उनके इलाके में कई जिले पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। शनिवार की सुबह राहत और बचाव के काम में जुटे लोगों ने एक प्राइमरी स्कूल में फंसे 870 लोगों को बचा लिया है। वहीं, एक जूनियर हाई स्कूल में 1,200 लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। जापान के अख़बार मैनिची शिमबून के मुताबिक सेंडाई शहर के एक स्कूल की छप पर 600 लोग राहत के इंतजार में बैठे हुए हैं। शनिवार की सुबह तक जापान के बचावकर्मियों ने इनमें से 150 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा दिया है। असाही टीवी के मुताबिक ल्वानुमा शहर के चुओ अस्पताल की छत पर डॉक्टर और नर्सें सफेद झंडे और गुलाबी छाते लहराकर मदद की पुकार कर रहे हैं। उन्होंने छत की फर्श पर अंग्रेजी में 'हेल्प' यानी मदद और जापानी में 'फूड' यानी खाना लिखा है।
(तस्वीर: फुकुशिमा ऐटमी प्लांट)