हालात ए कश्मीर :
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तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली. कश्मीर मुद्दे पर मचे बवाल के बीच जम्मू व कश्मीर के आनाड़ी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पिता फारुख अब्दुल्ला कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिलकर घाटी के हालात से रूबरू करवाया। इससे पहले कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी भी उमर के समर्थन में उतर आए हैं। दूसरी ओर, कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में आज भी कर्फ्यू जारी है।
राहुल ने उमर अब्दुल्ला को 'बच्चा' बताया
कश्मीर मुद्दे पर बुरी तरह घिरे राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के समर्थन में अब खुद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी आ गए हैं। राहुल ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर सरकार उमर का पूरा समर्थन करती है। उमर जनता के चुने हुए नेता हैं और वे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना जानते हैं।
राहुल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कश्मीर समस्या 'पार्ट टाइम' नहीं, बल्कि 'फुल टाइम प्रॉब्लम' है। इससे पहले मंगलवार की रात पीडीपी मुखिया मुफ्ती मोहम्मद सईद की सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि जम्मू-कश्मीर में सत्ता के नए समीकरण बन सकते हैं। लेकिन राहुल ने इन अटकलों को यह कहकर विराम दे दिया कि उमर को अभी और वक्त दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने जम्मू-कश्मीर के मामले में दखल देने से इंकार करते हुए राज्य से सेना को मिले विशेषाधिकार कानून हटाए जाने के मामले पर भी कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं एएफएसपीए जैसे मसले पर कुछ भी कहने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हूं।'
कश्मीर के युवाओं को राजनीति में आने की पैरवी करते हुए राहुल ने कहा कि युवाओं की राजनीति कामयाब रही है और देश के विकास के लिए युवाओ का राजनीति मे आने चाहिए। उन्होंने कहा, 'सियासत की बेहतरी के लिए युवाओं की ज़रूरत है और उन्हें आगे आना चाहिए।'
दूध, सब्जी, दवाईयों के लिए तरसे कश्मीर के लोग, कर्फ्यू जारी
जम्मू व कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर, सभी प्रमुख शहरों एवं तहसील मुख्यालयों में आज पांचवें दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आम जनता की सुरक्षा के लिए एहतियायतन कर्फ्यू लगाया गया है।
ज्ञातव्य है कि 12 सितम्बर को विद्युत विकास विभाग और अपराध शाखा के कार्यालयों में आग लगाए जाने की घटना के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम के लिए शासन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को जिम्मेदार ठहाराया है और उसके खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
कर्फ्यू के दौरान सुरक्षा बलों के जवान एवं पुलिसकर्मी सड़कों पर तैनात हैं और लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रहे हैं। लगातार पांचवे दिन कर्फ्यू जारी रहने से लोगों को काफी दिक्कतें आ रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एवं अन्य अलगाववादी संगठनों ने घाटी की मौजूदा हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि कर्फ्यू के कारण लोगों को दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं मसलन फल, दूध, सब्जी, बेबी फूड आदि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यहां तक कि बीमार लोगों को दवाईयां भी मुहैया नहीं हो पा
राहुल ने उमर अब्दुल्ला को 'बच्चा' बताया
कश्मीर मुद्दे पर बुरी तरह घिरे राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के समर्थन में अब खुद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी आ गए हैं। राहुल ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर सरकार उमर का पूरा समर्थन करती है। उमर जनता के चुने हुए नेता हैं और वे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना जानते हैं।
राहुल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कश्मीर समस्या 'पार्ट टाइम' नहीं, बल्कि 'फुल टाइम प्रॉब्लम' है। इससे पहले मंगलवार की रात पीडीपी मुखिया मुफ्ती मोहम्मद सईद की सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि जम्मू-कश्मीर में सत्ता के नए समीकरण बन सकते हैं। लेकिन राहुल ने इन अटकलों को यह कहकर विराम दे दिया कि उमर को अभी और वक्त दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने जम्मू-कश्मीर के मामले में दखल देने से इंकार करते हुए राज्य से सेना को मिले विशेषाधिकार कानून हटाए जाने के मामले पर भी कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं एएफएसपीए जैसे मसले पर कुछ भी कहने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हूं।'
कश्मीर के युवाओं को राजनीति में आने की पैरवी करते हुए राहुल ने कहा कि युवाओं की राजनीति कामयाब रही है और देश के विकास के लिए युवाओ का राजनीति मे आने चाहिए। उन्होंने कहा, 'सियासत की बेहतरी के लिए युवाओं की ज़रूरत है और उन्हें आगे आना चाहिए।'
दूध, सब्जी, दवाईयों के लिए तरसे कश्मीर के लोग, कर्फ्यू जारी
जम्मू व कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर, सभी प्रमुख शहरों एवं तहसील मुख्यालयों में आज पांचवें दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आम जनता की सुरक्षा के लिए एहतियायतन कर्फ्यू लगाया गया है।
ज्ञातव्य है कि 12 सितम्बर को विद्युत विकास विभाग और अपराध शाखा के कार्यालयों में आग लगाए जाने की घटना के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम के लिए शासन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को जिम्मेदार ठहाराया है और उसके खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
कर्फ्यू के दौरान सुरक्षा बलों के जवान एवं पुलिसकर्मी सड़कों पर तैनात हैं और लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रहे हैं। लगातार पांचवे दिन कर्फ्यू जारी रहने से लोगों को काफी दिक्कतें आ रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एवं अन्य अलगाववादी संगठनों ने घाटी की मौजूदा हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि कर्फ्यू के कारण लोगों को दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं मसलन फल, दूध, सब्जी, बेबी फूड आदि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यहां तक कि बीमार लोगों को दवाईयां भी मुहैया नहीं हो पा