कांग्रेस ने कूपन बेचकर 600 करोड़ रुपये जुटा लिए
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तहलका टुडे
नई दिल्ली । देश भर की पार्टियां चंदा जुटाने के लिए स्वैच्छिक दान पर निर्भर है, जबकि सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने कूपन बेचकर इस मद में 600 करोड़ रुपये जुटा लिए। कांग्रेस को दान से मात्र 72 करोड़ रुपये हासिल हुए जबकि भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] ने इसके जरिए 297.7 करोड़ रुपये की राशि इकट्ठा की। विभिन्न पार्टियों के वर्ष 2007-08 और 2008-09 के आयकर रिटर्न से यह जानकारी मिली है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स [एडीआर] ने सूचना के अधिकार [आरटीआई] कानून के तहत यह जानकारी हासिल की है।
कांग्रेस को 2007-2009 के दौरान कूपन बिक्री और दान के अलावा ब्याज के रूप में 38 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। भाजपा ने स्वैच्छिक दान के अलावा ब्याज के रूप में 21.29 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। दूसरी तरफ, बहुजन समाज पार्टी [बसपा] को इस दौरान चंदे के रूप में 202.94 करोड़, सदस्यता शुल्क के रूप में 43.20 करोड़ और बतौर ब्याज 5.18 करोड़ रुपये की आय हुई।
विभिन्न पार्टियों के आयकर रिटर्न के अनुसार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी [माकपा] को 'लेवी' से 46 करोड़ रुपये और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को कूपन बिक्री से 50 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। जहां तक की खर्च की बात है तो कांग्रेस ने इस दौरान चुनाव पर 215 करोड़ रुपये का व्यय दिखाया है। पार्टी ने प्रचार पर 58 करोड़ रुपये खर्च किए। भाजपा ने सबसे ज्यादा 89.16 करोड़ रुपये प्रचार और विज्ञापन पर खर्च किए, जबकि बसपा ने सबसे ज्यादा 85 करोड़ रुपये अचल संपत्ति खरीदने में खर्च किए।
इस दौरान कांग्रेस ने 718 करोड़ रुपये की अधिकतम सकल आय घोषित की जबकि भाजपा और बसपा के मामले में यह रकम क्रमश: 344 करोड़ और 252 करोड़ रुपये रही। हालांकि आय की वृद्धि दर के मामले में बसपा सबसे आगे है। उसकी आमदनी में 161 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 130 और कांग्रेस ने 125 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।