अमेरिका का हल्ला कर नया शिकार फसाने का गेम अब हिंदुस्तान में,भारत-चाइना सीमा पर हमले का नया शिगूफा

रिजवान मुस्तफा   
दिल्ली अमेरिका का हल्ला कर नया शिकार फसाने का गेम अब हिंदुस्तान में शुरू किया गया है,जबकि इस तरह  हिन्दुस्तानियो का गाँव में बटिर व जंगली जानवर पकड़ने व मरने  का पुराना शौक़ है ,अमेरिका  की शातिर चलें हिंदुस्तान में कामयाब होती  नहीं दिखाई पद रही है ,देश के हर मामले में दखल और किसी न किसी बहाने खौफ तारिकर  हव्वा खड़ा करना, फिर हमदर्द बनकर भेदिये  की तरह एक-एक बकरी को खा जाने का खेल कुवैत,अफगानिस्तान, इराक,पाकिस्तान  में देखा जा चूका है ,१५ अगस्त को आतंकी हमले की खबर के  बाद रही देश में शांति  के  बाद अब अमेरिका के रक्षा मुख्यालय ‘पेंटागन’ की ओर से जारी एक रिपोर्ट में चीन से लड़ाई की आशंका व्यक्त कर देश के ज़ेहन में खौफ तरी करने का  नया  शिगूफा आज छोड़ा गया है
इस खुराफात में   भारत को लेकर चीन की गतिविधियों का भी जिक्र है। पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने लंबी दूरी की मार करने वाली आधुनिक सीएसएस-5 मिसाइलों को भारत से लगी सीमा के पास तैनात कर दिया है। साथ ही बेहद कम समय में वायुसेना को बॉर्डर के पास पहुंचाने की योजना भी तैयार कर ली है।
अमेरिका के निचले सदन कांग्रेस में पेश पेंटागन की रिपोर्ट में चीन और भारत की सीमा को लेकर भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत और चीन के बीच राजनैतिक और आर्थिक संबंधों में सुधार के बाद भी दोनों देशों की सीमा पर तनाव बरकरार है। पेंटागन के मुताबिक चीन की सेना द्वारा सीमा उल्लंघन और आक्रामक बॉर्डर पेट्रोलिंग की वजह से सीमा पर तनाव रहता है। हालांकि, पेंटागन के अफसर के मुताबिक अमेरिका के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि भारत-चीन सीमा पर सैन्य क्षमता में कोई बढ़ोतरी की गई हो।
अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा है कि भारत और चीन के 4057 किलोमीटर लंबी सीमा पर हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं। सबसे ज़्यादा तनाव अरुणाचल प्रदेश को लेकर है, जिसे चीन तिब्बत का हिस्सा मानता है। इसके अलावा तिब्बत के पठार के पश्चिमी छोर पर मौजूद अक्साई चिन पर भी चीन दावा करता रहता है।
पेंटागन के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन ने अपने-अपने दावों को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए थे। 2009 में एशियन डेवलपमेंट बैंक से भारत को करीब 13 हजार अरब रुपये के लोन को रुकवाने की पूरी कोशिश की। चीन का तर्क था कि इस लोन का एक हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में पानी की योजना में लगाया जाएगा। पेंटागन के मुताबिक यह पहला मौका था जब चीन ने इस मुद्दे को किसी तीसरी पार्टी के सामने उठाया था।
पेंटागन की रिपोर्ट कहती है कि अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन गवर्नर ने कहा था कि भारत अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों की तैनाती बढ़ाएगा और साथ ही लड़ाकू विमानों की तादाद भी बढ़ाई जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार 2008 में भारत ने चीन की सेना द्वारा 270 बार सीमा उल्लंघन और 2300 मामलों में आक्रामक निगरानी के मामले रिकॉर्ड किए थे।
चीन द्वारा पिछले कुछ दशकों में किए गए हमलों और युद्धों को रक्षात्मक कदम बताया गया है। रिपोर्ट कहती है कि चीन द्वारा 1950-53 में हुए कोरियाई युद्ध को अमेरिका को रोकने और कोरिया की मदद करने वाला बताया गया है। इसी तरह भारत पर 1962 में किए गए हमले को भी जवाबी रक्षात्मक लडा़ई बताया गया है। पेंटागन के मुताबिक भारत के साथ सीमा विवाद में फंसा हुआ चीन भारत की उभरती हुई अर्थव्यवस्था, राजनीतिक शक्ति और सैन्य शक्ति से चिंतित है। चीन भारत से लगी हुई सीमा पर बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती पर विचार कर रहा है। इसके अलावा चीन इस समय सड़कों के निर्माण में पैसा खर्च कर रहा है। चीन एक सड़क भारत और चीन की सीमा के समानांतर भी बनाने की योजना पर काम कर रहा है

वही दूसरी तरफ  बीजिंग. से मिली खबरों क मुताबिक भारतीय सीमा पर मिसाइलों की तैनाती से चीन ने इंकार किया है 

अपनी सैन्‍य ताकत बढ़ाने और भारत से लगी सीमा पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम, अत्‍याधुनिक सीएसएस 5 मिसाइलों की तैनाती संबंधी अमेरिकी रिपोर्ट पर चीन भड़क गया है। अमेरिकी रक्षा मुख्‍यालय 'पेंटागन' की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में भारत को लेकर चीन की गतिविधियों का जिक्र किया गया है। बुधवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने इस रिपोर्ट को बकवास करार दिया। चीन ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में जो बातें कही गई हैं, उसके बारे में चीन सोच तक नहीं रहा है। अमेरिका की इस रिपोर्ट पर चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने कोई टिप्‍पणी नहीं की है, लेकिन सरकारी मीडिया ने विशेषज्ञों के हवाले से रिपोर्ट को बकवास बताया है। 'चाईना डेली' अखबार ने चाईनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के शोधकर्ता नी फेंग के हवाले से कहा, 'पेंटागन की रिपोर्ट में बिना किसी ठोस सबूत के ही संदिग्‍ध तथ्‍य पेश किए गए हैं।'    

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