बीजेपी को शत्रु संपत्ति संबंधी अध्यादेश में बदलाव मंजूर नहीं

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तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली। भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि अगर सरकार की ओर से जारी अध्यादेश की मूल भावना को कमजोर करने के बाद शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाया जाता है तो पार्टी उसका पुरजोर विरोध करेगी।
राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एसएस अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से इस संबंध में मुलाकात की। इस मुलाकात में पार्टी के रुख से चिदंबरम को अच्छी तरह से अवगत करा दिया गया था।
उन्होंने कहा कि अब अगर सरकार दो जुलाई को लाए गए अध्यादेश में तब्दीली करते हुए शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाती है तो पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी। अहलूवालिया ने कहा कि जब सरकार संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश लाई तो उसका मकसद शत्रु संपत्ति कानून के तहत संरक्षण को मजबूत बनाना था। लेकिन सरकार विभाजन के वक्त पाकिस्तान जा चुके लोगों या उनके वंशजों को ही संपत्ति लौटाने के मकसद से कुछ लोगों के दबाव में आते हुए अध्यादेश की मूल भावना को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश में शत्रु संपत्ति कानून के तहत करीब 2100 संपत्तियां आती हैं। इनमें से 1400 उत्तर प्रदेश में हैं। इनमें से भी 1100 संपत्तियां उन लोगों की हैं जो पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के साथ पाकिस्तान चले गए थे और जो बाद में उनके वित्तीय सलाहकार भी बने।
अहलूवालिया ने आरोप लगाया कि जब सरकार ने विधेयक का मसौदा तैयार किया तब वह तत्कालीन राजाओं के वंशजों के दबाव में आ गई। यह भी निंदाजनक है और पहली ही बार देखने में आया है कि ऐसे किसी विधेयक को संसद में पेश किए जाने से पहले किसी धर्म विशेष से ताल्लुक रखने वाले सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की हो।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1965 में ताशकंद समझौते के वक्त, वर्ष 1968 में ऐसा कानून बनने के वक्त और फिर उसके बाद आज तक ऐसी संपत्ति को शत्रु संपत्ति ही कहा गया है। इसमें बदलाव की गुंजाइश नहीं है।
अहलूवालिया ने कहा कि अब अगर सरकार इसमें कोई बदलाव करना चाहती है तो सिर्फ यही बदलाव हमें मंजूर होगा कि ऐसी संपत्ति पर रह रहे किराएदारों का हक बरकरार रखे।
यह पूछने पर कि क्या ऐसे मामलों में पार्टी नेता जेटली और राम जेठमलानी के किराएदारों की ओर से अदालत में कथित तौर पर पैरवी करने के कारण भाजपा इस आशय के बदलाव के समर्थन में है, अहलूवालिया ने कहा, कि भाजपा को वकील निर्देशित नहीं करते।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट में ही ऐसे कुछ सदस्य हैं जो शत्रु संपत्ति कानून से जुड़े मामलों में पक्षों के कानूनी सलाहकार रहे हैं