झारखंड लाइवःभुखमरी पे किसान,सरकार की अनदेखी से 2000 ने इच्‍छा मृत्‍यु की इजाजत मांगी

तहलका टुडे team
नयी दिल्ली : एक और जहां झारखंड के गांव के किसान भूख से लड़ते हुए जान देने पर आमादा हैं, वहीं देश की राजधानी नई दिल्‍ली में सांसद अपना वेतन 80 हजार रुपये प्रति माह करने के लिए लड़ रहे हैं सूखे की मार झेल रहे झारखंड के एक गांव के करीब 2000 किसानों ने इच्‍छा मृत्‍यु की इजाजत मांगी है। प्रशासन का कहना है कि वह किसानों की मदद के लिए हर संभव उपाय करेगी, लेकिन किसान कह रहे हैं कि उनके लिए जीना इतना दुश्‍वार हो गया है कि मर जाना बेहतर है।


किसानों का कहना है कि हो सकता है कि लोग हमारे इस कदमको सस्ती लोकप्रियता पाने का जरिया समझे लेकिन हालात इतने खराब हैं कि जीना दुश्वारहै। क्षेत्र में भीषण सूखा पड़ रहा है और किसान आत्महत्या करने को मजबूरहैं।

गौरतलब है कि झारखंड में पिछले दो साल से भीषण सूखा पड़ रहा है और जनपदपलामू के इस क्षेत्र के किसान कुछ भी नहीं उगा पा रहे हैं। दो साल से कोई फसल नहीं हुई है और अब यहां खाने के लाले पड़ गए हैं। 

मानसून में बारिश नहीं होने के कारण झारखंड की हालत खराब है। इस साल भी राज्‍य में औसत से 42 प्रतिशत कम बारिश हुई है। सभी 24 जिलों को सूखाग्रस्‍त घोषित कर दिया गया है। गुरुवार को केंद्र से एक टीम झारखंड के दौरे पर गई थी। टीम ने हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा जिलों का दौरा किया और निष्‍कर्ष दिया कि हालात बेहद खराब हैं। अभी राज्‍य का शासन (राष्‍ट्रपति शासन) भी केंद्र के ही हाथों में है।

सरकार से मदद मिलती नहीं देख और जिंदगी लगातार दुश्‍वार होता देख हजारीबाग जिले के पतरातू ब्‍लॉक अंतर्गत जराड़ गांव के करीब 2000 किसान मौत को गले लगाना चाह रहे हैं। उन्‍होंने राज्‍यपाल एमओएच फारुक के जरिये राष्‍ट्रपति को पत्र लिखकर इच्‍छा मृत्‍यु की आज्ञा मांगी है।

इलाके के एसडीओ सुनील कुमार का कहना है कि इलाके में हालात बेहतर बनाने के लिए प्रशासन लगा हुआ है। इसके तहत किसानों को जरूरी चीजें मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के राज्यपाल एमओएच फारूख का कहना है कि हम किसानों के लिए हालातबेहतर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। पर किसानों का कहनाहै कि दो साल से सूखा पड़ रहा है। हमारे पास बच्चों को शिक्षा दिलाना तो दूर खानेतक के लिए कुछ भी नहीं है। 
झारखंड दस साल पुराना राज्‍य है। 2001 की जनगणना के मुताबिक राज्‍य की आबादी 2.69 करोड़ है। राज्‍य में ज्‍यादातर लोग आदिवासी और बेहद गरीब हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक यहां के लोगों की प्रति व्‍यक्ति सालाना आमदनी 4161 रुपये है। राज्‍य में 32620 गांव हैं, जिनमें से केवल 8484 ही सड़क से जुड़े हैं। देश की राजधानी का हाल एक और जहां झारखंड के एक गांव के सभी किसान भूख से लड़ते हुए जान देने पर आमादा हैं, वहीं देश की राजधानी नई दिल्‍ली में सांसद अपना वेतन 80 हजार रुपये प्रति माह करने के लिए लड़ रहे हैं। सांसद अपना मूल वेतन 16000 रुपये मासिक से बढ़ा कर 80000 रुपये मासिक कराने पर अड़े हैं। उनका कहना है कि इससे कम वेतन उनका अपमान है, क्‍योंकि इतना वेतन सेक्रेट्री लेवल के नौकरशाहों का है।सरकार ने  सांसदों की गुहार सुनने में सरकार ने जरा भी देर नहीं की। पहले सोमवार को जब कैबिनेट ने सांसदों की वेतन वृद्धि का फैसला टाल दिया था तो सांसदों ने इसका विरोध किया। इसके बाद शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सांसदों की 300 फीसदी वेतन वृद्धि पर फौरन मुहर लगा दी गई। सांसद इससे भी संतुष्‍ट नहीं हुए। उन्‍होंने 500 फीसदी वेतनवृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन किया। इस पर शनिवार को वित्‍त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने तत्‍काल उनका 'दुखड़ा' सुना और इस पर विचार करने का भरोसा दिलाया। 

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