रामलीला मैदान से रामदेव को जबर्दस्ती क्यों हटाया गया-सुप्रीम कोर्ट

 तहलका टुडे टीम
नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह पूछा है कि बाबा रामदेव को रामलीला मैदान से जबर्दस्ती क्यों हटाया गया। केंद्रीय गृह सचिव, दिल्ली मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और केंद्र को नोटिस भेजते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा है। इस मामले से जुड़ी वकील अजय अग्रवाल की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में रविवार को एक याचिका दायर करके रामलीला मैदान में शनिवार देर रात हुई कार्रवाई को लेकर सरकार के आदेश के ब्योरे को सार्वजनिक करने की मांग की थी। अग्रवाल ने अपनी याचिका में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, सुबोधकांत सहाय और बाबा रामदेव के बीच बीते शुक्रवार को हुई बातचीत का भी ब्योरा तीन दिनों के भीतर मांगा था।

उधर, स्वामी रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा है। हरिद्वार में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ऐतिहासिक झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान में महिलाओं पर हुए अत्याचार को देखते हुए कहा कि महिला आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट की तरह स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस के बड़े अधिकारी ने तीन बार पंडाल को आग लगाने का आदेश दिया और जब मेरे कार्यकर्ता ने उसे बुझाने की कोशिश की तो उसे पीटा गया।    

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई में सरकारी दमन के बावजूद बाबा रामदेव पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्‍होंने हरिद्वार में अपना अनशन शुरू कर दिया है। पतंजलि योगपीठ में सोमवार सुबह पांच बजे सबसे पहले बाबा ने योग किया। शुरू में 20 से 25 मिनट योग करते समय वे लगभग मौन रहे। लेकिन इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बाबा रामदेव ने योग करते हुए अनशन की शुरुआत की और बीच-बीच में समर्थकों को संबोधित करते हुए सरकार पर जमकर भड़ास निकाली।

इस दौरान बाबा बोले, 'अगर मेरा आंदोलन तीन दिन दिल्ली चल गया होता तो फिर पूरे देश का आक्रोश खुलकर सामने आ गया होता और मुझे लगता है इस बात से सरकार डर गई। दिल्ली में सत्याग्रह में भाग लेने आने वाले लोगों के साथ जिस तरह का व्यवहार सरकार ने किया है वह जुल्म की इंतहा है।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के लिए कम जिम्मेदार लगते हैं सोनिया जी के लिए ज्यादा। उन्होंने कहा कि अगर चुना हुआ जनता का प्रतिनिधी सरकार चला रहा होता तो दिल्ली में एक लाख सत्याग्रह कर रहे लोगों पर इस तरह की बर्बरता नहीं हुई होती। जिस तरह का व्यवहार किया गया है वैसा तो बाबार ने भी नहीं किया होगा। हम तो कालाधान वापस लाना चाहते हैं लेकिन सरकार को ना जाने क्यों ये बात समझ नहीं आती।

सीबीआई-आईटी बनेंगे नए हथियार!
केंद्र सरकार भी इस लड़ाई में हर हथियार आजमा लेना चाहती है। उसका अगला वार सीबीआई और आयकर विभाग के जरिए होने वाला है। इन दोनों एजेंसियों को सरकार ने सक्रिय कर दिया है। उन 200 कंपनियों के कामकाज और आमदनी पर इनकी नजर है, जिनसे बाबा और उनके सहयोगी जुड़े हैं।

जिन कंपनियों पर सरकार की नजर है, उनमें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, दिव्‍य फार्मेसी योग, आरोगय हर्ब्‍स, झारखंड मेगा फूड पार्क, दिव्‍य पैकमैफ, वैदिक अष्‍टभजन ब्रॉडकास्टिंग, डायनामिक बिल्‍डकॉम, पतंजलि बायो रिसर्च इंस्‍टीट्यूट आदि शामिल हैं। इन कंपनियों का अरबों का कारोबार है।

कमाई को जांच के घेरे में लेकर बाबा और उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। बाबा के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्‍ण 34 कंपनियों के निदेशक हैं। उनके एक और सहयोगी मुक्‍ता नंद 11 कंपनियों के निदेशक हैं। बाबा ने कई मामलों में आयकर छूट ले रखी है। इनकम टैक्‍स विभाग अब छानबीन करेगा कि क्‍या यह छूट लेने में नियमों की अनदेखी तो नहीं हुई है। साथ ही, यह भी जांच होगी कि रामदेव से जुड़ी कंपनियां प्रॉडक्‍ट तैयार करने में हर नियम का पालन कर रही हैं या नहीं।

रविवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह पार्टी से मांग करेंगे कि बाबा रामदेव को आयकर से मिली छूट की जांच की जाए। पर सरकार ने 3 जून से ही सीबीआई और इनकम टैक्‍स विभाग को बाबा रामदेव के खिलाफ सक्रिय कर दिया है।
बाबा के ट्रस्‍ट की ओर से संपत्ति, जमीन-जायदाद की खरीद-बिक्री को भी कानूनी पैमाने पर पूरी तरह परखे जाने की तैयारी है।

आपकी राय
क्या सरकार अब पूरी तरह से बाबा रामदेव के दमन के लिए तैयार है? क्या बाबा रामदेव का आंदोलन गैरकानूनी और असंवैधानिक था? क्या शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन या अनशन करना गैरकानूनी है? बाबा रामदेव के अनशन पर पुलिस के जरिए हमले और अब जांच एजेंसियों के जरिए शिकंजा कसने की तैयारी क्या साबित करती है? इन मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करें।

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