सुप्रीम कोर्ट का सवाल 'एक अभियुक्त सतर्कता आयुक्त कैसे हो सकता है?

 तहलका  टुडे  टीम 
नई दिल्ली:नए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त पीजे थॉमस की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले बेंच ने पूछा कि क्या आपराधिक मामलों को झेल रहे सीवीसी सही तरीके से अपना काम कर पाएंगे। चीफ जस्टिस ने अटॉर्नी जनरल से दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

कोर्ट ने कहा कि न्यायिक सिद्धांतों के मुताबिक अगर किसी के खिलाफ आपराधिक केस चल रहा हो और चार्जशीट पेंडिंग हो, तो उसका प्रमोशन तक पर भी विचार नहीं किया जा सकता है, ऐसे में उनका सीवीसी बनाए जाना कितना उचित है।

बेंच ने यह भी कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अगर हम आरोपों के तह तक नहीं जाते हैं, तब भी क्या ये कहना सही नहीं है कि इस तरह के आरोपों के बीच उनके लिए काम करना आसान नहीं होगा।

थॉमस पर पॉम आइल आयात घोटाले के आरोप हैं, जिसमें उनके खिलाफ चार्जशीट भी फाइल हो चुकी है। विपक्ष की नेता की हैसियत से सुषमा स्वराज ने भी सीवीसी थॉमस की नियुक्ति का शुरू में ही विरोध किया था। बीजेपी का आरोप है कि थॉमस के सीवीसी बनने से 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले और कॉमनवेल्थ घोटालों की जांच प्रभावित होगी।

हालांकि सरकार का कहना है कि थॉमस 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल नहीं हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक थॉमस जब टेलीकॉम मंत्रालय में बतौर सचिव आए, तब तक ये घोटाला हो चुका था और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।

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