धर्मेन्द्र यादव,सदर विधायक का भाई भी था गोवा की अय्याशी में ?

शहर में सीएम के साथ लगी धर्मेन्द्र यादव की होर्डिंग्स आज सपाइयों ने ही फाड़ डाली
बाराबंकी। समाजवादी पार्टी द्वारा तीन विधायकों को निलम्बित करने व दो विधायकों के पुत्र को पार्टी से निष्काषित करने के मामले में आज उस वक्त नया मोड़ ले लिया जब आलाकामान के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए सपा के ही कुछ नेता नजर आये। उनका कहना था कि बाराबंकी शहर के विधायक सुरेश यादव का भाई धर्मेन्द्र यादव भी गोवा की अय्याशी में पकड़ा गया। न इनको निलम्बित किया गया और न उसको निष्काषित किया गया।
 बंकी ब्लाक का प्रमुख बताकर बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ लगाने वाला धर्मेन्द्र यादव क्या गोवा में सीतापुर के सपा विधायक के साथ अय्याशी करते हुए पकड़ा गया है? ऐसी चर्चायें आज उस वक्त सही साबित होने लगी जब धर्मेन्द्र यादव की होर्डिंग्स ही उनके अपने ही गुर्गे फाड़ने लगे।
मालूम हो गोवा में अय्याशी करने गये सीतापुर के विधायक महेन्द्र सिंह उर्फ झीन बाबू के साथ बाराबंकी के सदर विधायक सुरेश यादव का भाई जो अपने आपको बंकी का ब्लाक प्रमुख बताकर बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स लगाकर अधिकारियों पर सीएम का खास बताकर रौब डाला करता था भी साथ में था। गिरतारी पर छपी खबर के बाद धर्मेन्द्र प्रसाद का नाम आया लेकिन बाद में धीरे-धीरे चर्चा ने जोर पकड़ा और मालूम हुआ कि यह बाराबंकी की देवां-महादेवा की पवित्र भूमि को कलंक करने के लिए गोवा पहुंच गये थे। पकड़े गये लोगों में एक आवास विकास में रहने वाले बैंक मैनेजर की पत्नी भी शामिल बतायी जा रही है। 
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कड़े तेवर के बाद निकाले गये तीन विधायक जिनमें रामलाल अकेला बछरावां, सीतापुर के अय्याश विधायक महेन्द्र सिंह उर्फ झीन बाबू, सीतापुर के दूसरे विधायक राधेश्याम जायसवाल के साथ इनके पुत्रों को दबंगई करने पर निष्काषित कर दिया गया है। लेकिन बाराबंकी के विधायक सुरेश यादव के भाई की करतूतों पर क्यों खामोशी हुई यह जनचर्चा है। वैसे पार्टी के प्रमुख लोग खामोश हैं जबकि कुछ लोग दबी जबान यह कहते जरूर नजर आये कि पार्टी को धर्मेन्द्र यादव को निष्काषित कर सपा को कलंक धुलने के लिए कड़े कदम उठाना चाहिए।
जबकि विधायक सुरेश यादव के खास लोगों का कहना है कि विधायक जी का संबंध भाई से नहीं है आपस में बंटवारा है। शहर के कई लोगों ने अपना न छापने की शर्त पर बताया कि मुहारीपुरवा में हुआ कैटर्स का मर्डर में भी धर्मेन्द्र का नाम चर्चा में आया था लेकिन बाद में सत्ता की हनक के आगे मामला रफा-दफा हो गया। वहीं सफेदाबाद में एक दलित की डम्फर से दबाकर हत्या के मामले में भी इनके नाम ने तूल पकड़ा था। वहीं सफेदाबाद पुल पर कोठी क्षेत्र के एक युवक को इन लोगों ने जमकर मारा पीटा था और पुल के नीचे उल्टा लटका दिया था। 
इस मामले में भी कोतवाली पुलिस ने लाख चाहने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की थी व गरीबों के मकानों पर बुल्डोजर चलवाने में भी इसकी प्रमुख भूमिका थी। इस तरह के एक नहीं दर्जनों उदाहरण सपा सरकार बनने के बाद आ चुके हैं क्योंकि यह सदर विधायक के भाई हैं इसीलिए अधिकारी और पुलिस कर्मी इन पर कार्यवाही करने से हमेशा बचते रहे हैं।
 वहीं गोवा की एसपी प्रियंका ने बताया कि इस अभियुक्त ने अपना नाम धर्मेन्द्र प्रसाद यादव पुत्र महादेव प्रसाद यादव निवासी 6/33 चिनहट लखनऊ यूपी का बताया है। जबकि हकीकत में धर्मेन्द्र यादव 633/008ए मटियारी चौराहे पर रहता था अब यह गोमती नगर में रहने लगा है। 
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का इस संबंध में कहना था कि मुझे पता नहीं था मैं इसकी जांच कराकर मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में डालता हूं अगर ऐसा है तो कार्यवाही होगी।

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