माया सरकार की नई चाल

यमुना एक्सप्रेस-वे : टप्पल का टाउनशिप प्रोजेक्ट रद,
चेक वापस करें किसान 
तहलका टुडे टीम 
अलीगढ़ मंडलायुक्त राजीव अग्रवाल ने डीएम एवं एसएसपी की मौजूदगी में टप्पल क्षेत्र में प्रस्तावित यमुना एक्सप्रेस वे टाउनशिप प्रोजेक्ट को रद्द किए जाने की घोषणा की। उन्होंने लखनऊ में कैबिनेट सचिव शशांक शेखर द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेस के हवाले से कहा कि अगर टप्पल के किसान नहीं चाहते तो टाउनशिप नहीं बनेगी। जिन किसानों ने अधिगृहीत जमीन का मुआवजा ले लिया है वे मुआवजे की राशि का चेक जिला प्रशासन को लौटा कर अपनी जमीन वापस ले सकते हैं।
इसी क्रम में जिलाधिकारी के. रवीन्द्र नायक ने कहा कि अब जब टाउनशिप का प्रोजेक्ट रद हो गया है, जिकरपुर में धरना एवं आमरण अनशन का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने एसडीएम खैर को निर्देश दिया कि वह धरना स्थल पर जाकर किसानों को शासन के निर्णय से अवगत करा दें और धरना स्थल से एम्बूलेंस, चिकित्सा आदि सुविधाएं वापस ले लें। डीएम ने आरोप लगाया कि आंदोलनकारियों के नेता बीमार बुजुर्गो और रोजेदारों को जबरन अनशन पर बैठा रहे हैं। एसएसपी सत्येन्द्र वीर सिंह का कहना है कि अब अगर अनशन स्थल पर किसी की भी मौत होती है तो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसानों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उधर जिकरपुर हाईवे के निकट आमरण अनशन पर बैठे सर्वदल किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनवीर सिंह तेवतिया ने कहा एसडीएम खैर ने उन्हें शासन-प्रशासन के निर्णय की जानकारी दे दी है, लेकिन इससे उनके आंदोलन पर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है और न ही उनकी लड़ाई खत्म हुई है। धरना एवं आमरण अनशन जिस तरह से चल रहा है चलता रहेगा। किसानों ने कभी प्रोजेक्ट रद करने की मांग नहीं की। यह शासन का अपना फैसला है। इसपर हमें कुछ नहीं कहना। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दस और किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। इस तरह अनशनकारियों की संख्या 39 हो गई है। इनमें से पांच किसानों की हालत खराब है। एक अनशनकारी महिला 90 वर्षीय बरफी देवी मरणासन्न स्थिति में है। तेवतिया ने यह भी कहा कि टप्पल क्षेत्र के गांव यमुना एक्सप्रेस वे के अधिसूचित क्षेत्र में है। जब तक यह अधिसूचना वापस नहीं होती इस क्षेत्र के किसान अपने को बंधन मुक्त नहीं मानेंगे, क्योंकि उनकी जमीन भविष्य में कभी भी अधिग्रहीत की जा सकती है

 टाउनशिप व इंटरचेंज से 2356 किसानों का नाता है। इनमें से 1377 किसान 110.64 करोड़ मुआवजा ले चुके हैं।  डीएम ने कहा, किसान मुआवजा लौटाएं, हम देंगे जमीन। हाईवे की जमीन पहले ही ली जा चुकी है। उसे लेकर न कोई विवाद था, न अब है।
दरअसल, छह लेन नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए 180 हेक्टेयर का अधिग्रहण तो दो साल पहले ही हो चुका है। ताजा बवाल टप्पल में इंटरचेंज व टाउनशिप की भूमि के मुआवजे को लेकर हुआ। इंटरचेंज के लिए 48 हेक्टेयर भूमि टप्पल की जा रही थी। टाउनशिप के लिए 488 हेक्टेयर भूमि बनानी थी। इसमें से टप्पल के 116 किसानों की 260 हेक्टेयर, जहानगढ़ के 289 किसानों की 72.52 हेक्टेयर, कृपालपुर के 230 किसानों की 43.42 हेक्टेयर, जिकरपुर के 203 किसानों की 60.96 हेक्टेयर व कंसेरा के 122 किसानों की 51.76 हेक्टेयर भूमि ली जा रही थी। अब सरकार ने जमीन लेने से इंकार कर दिया है।

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