मोदी ने फैलाई मुस्लिमों के सामने झोली पर वोट तो 'कम्युनल लाइन' पर ही पड़ेगा, जानिए कैसे
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नई दिल्ली. पटना की हुंकार रैली में रविवार को भाजपा के पीएम
कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने पहली बार मुस्लिमों का नाम लेकर उनसे वोट की अपील
की। मोदी ने कहा-मैं गरीब मुस्लिमों से कहता हूं और गरीब हिंदुओं से कहता
हूं कि क्या वह देश का विकास नहीं चाहते हैं। उन्होंने हज यात्रा का भी
जिक्र किया और कहा कि बिहार में हज कोटा गुजरात से ज्यादा है, लेकिन वहां
के मुस्लिम इतने समृद्ध नहीं हैं कि वे हज पर जा सकें।
मोदी ने कहा कि बिहार का हज कोटा 7,900 है, जबकि गुजरात का कोटा सिर्फ
साढ़े चार हजार है। इसके बावजूद गुजरात में हज के लिए आवेदन 40,000 आते
हैं और बिहार में कोटा भी पूरा नहीं हो पाता है। कुल मिलाकर मोदी ने
'हुंकार रैली' से मुस्लिमों के सामने झोली फैला दी है, लेकिन बड़ा सवाल यह
है कि उनकी अपील का असर होगा।
यूपी में दंगों से भाजपा को फायदा
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगे में 62 लोग मारे गए। एक लड़की के
यौनशोषण के बाद फैले दंगे 2014 चुनाव के लिए यूपी की लाइन तय कर चुके हैं।
गुजरात के उदाहरण से इसे बहुत अच्छे तरीके से समझा जा सकता है। गुजरात
दंगों में ज्यादातर सजा पाने वाले पटेल थे। गुजरात पटेल सबसे ज्यादा
प्रभावी मानजे जाते हैं। दंगों के वक्त गुजरात विश्व हिंदू परिषद के
प्रमुख भी पटेल ही थे। ठीक इसी प्रकार से जैसे कनार्टक में गौड़ा, पंजाबव व
हरियाणा में जट्ट, बिहार में कुर्मी और महाराष्ट्र में पाटिल सबसे सशक्त
हैं। इनमें किसी भी जगह जब हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए हैं वोट पॉलराइज हुआ है
और भाजपा के पक्ष में ही आया है, फिर चाहे 1992 का बाबरी विध्वंस हो या
फिर 2002 के गुजरात दंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश के हालात भी इसी ओर इशारा
कर रहे हैं।
विश्लेषकों का स्पष्ट मत है कि यूपी के जाट भाजपा के पीछे खड़े
होने के लिए लामबंद हो चुके हैं। भाजपा के जाति समीकरणों में जाटों के फिट
होने से इतना तो तय है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा प्रभावी
रहने वाली है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी का सत्ता केंद्र बनने से मुस्लिमों
में जो डर पैदा हुआ है, वह भी असर दिखाएगा। ऐसे में वोट पॉलराइज तो होगा
ही।
वोटर बेहद अहम
है। क्या मोदी विकास के नाम पर मुस्लिम वोट हासिल कर पाएंगे? क्या उत्तर
प्रदेश और बिहार का मुस्लिम वोटर
सबसे ज्यादा नुकसान बसपा होगा
मोदी की एंट्री और दंगों के बाद बदली यूपी की फिजा से सबसे ज्यादा नुकसान मायावती की बहुजन समाज पार्टी को होगा। इसके अलावा मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी से छिटकर कांग्रेस को जा सकता है, क्योंकि वे मौलाना मुलायम से नाराज हैं। इस साल दंगों में अब तक 107 लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि, राजनीतिक दलों के लिए यह बहुत छोटा आंकड़ा हो सकता है, लेकिन इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हिंसा का असर कितने लोगों पर हुआ और आज का सच यही है यूपी में चुनाव कम्युनल लाइन पर ही होगा।
कम्युनल लाइन से अलग होकर विकास या मुद्दों के आधार पर वोट करेगा, भाजपा यह दावा करती है कि ऐसा होगा, लेकिन जमीनी हकीकत इस दावे की हवा निकाल रही है। जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में मोदी की एंट्री, मुजफ्फरनगर और मोदी की पटना रैली में धमाके कुछ और इशारा कर रहे हैं।