अजादारों ने हजरत अली की शहादत पर निकला ताबूत का जुलूस
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बाराबंकी। अली-अली हाय अली की सदाये आज 21 रमजान हजरत अली (अ0) की शहादत पर जिले के कई स्थानों से निकले ताबूत के जुलूस में गंूज उठी। रोजेदार अजादारों ने इमाम अली (अ0) की शहादत पर मातम किया। आंसुओ का नजराना पेश कर स्थानीय कर्बला में ताबूत के फूलो का दफन कर, उनके बताये हुए रास्ते पर चलने का प्रण लिया।
कर्बला सिविल लाइन्स में कटरा स्थित इमामबाड़ा मीर मासूम अली व देवां रोड स्थित गुलाम अस्करी हाल, लाइनपुरवा स्थित इमामबाड़ा स्व0 जुल्फिकार हुसैन के अजाखाने से अन्जुमन इमामिया, अन्जुमन गुन्चे अब्बासिया, अन्जुमन गुलामे अस्करी, अन्जुमन सदाए हुसैन ने मिलकर निकाले जुलूस जो शहर पुलिस चौकी, घण्टाघर, धनोखर तालाब, छाया चौराहा, निबलेट तिराहा, बेगमगंज होते हुए कर्बला पहुंचा यही बड़ी संख्या में काले कपड़े धारण किये पुरूष व महिला अजादारों ने आंसुओं से नजरानये अकीदत पेश कर सीने पर या अली मौला का मातम कर स्वागत किया। इस मौके पर सांसद पीएल पुनिया ने ताबूत के जुलूस में हजरत अली (अ0) की शहादत पर अजादारों के गम में अपने को भी शरीक कर इमाम की शहादत का पुरसा दिया। कर्बला में ताबूत के फूल को हजारो लोगों की मौजूदगी सुपुर्देखाक किया गया। इस मौके पर कर्बला सिविल लाइन्स के पेश इमाम मौलाना इब्ने अब्बास ने मजलिस को खिताब कर हजरत अली (अ0) की फजीलत और उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की ताकीद की। मौलाना इब्ने अब्बास ने कहा हर ईमाम का गम मनाने वाला ऐसी दुनिया में मिसाल बन जाये कि लोग कहे जो हजरत अली के चाहने वाला इतना सखी, परवर, ईमानदार, दीन दुखियों का मद्दगार, आतंकवाद से लड़कर दुनिया में गरीबों को इन्साफ और शान्ति दिलाने वाला है तो इनका इमाम कैसा होगा। मौलाना इब्ने अब्बास ने हजरत अली (अ0) की शहादत के दर्दनाक मसायब पढ़े जिसे सुनकर अजादार फफक कर रो पड़े।
बेगमगंज स्थित शाही मस्जिद में इमामे जुमा मौलाना आसिम हुसैन ने मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि हजरत अली (अ0) का कथन है कि अमानत की हिफाजत में काहिली न करो, अमानत में ख्यानत फक्र और गरीबी का कारण बनता है। जहां भी रहो खुदा से डरो, हमेशा हक बात कहो अगरचे कड़वी ही क्यों न हो। उन्होंने दर्दनाक मसायब पेश किया अजादार दहाड़े मारकर रो दिये। इसके उपरान्त बेगमगंज स्थित इमामबाड़ा जनाबे जैनब में मजलिस का आयोजन हुआ जिसको हाजी तकीउल हसन जैदी ने खिताब किया। आखिरी मजलिस पीरबटावन स्थित स्व0 इंजीनियर नासिर अब्बास के आवास पर मौलाना मीसम जैदी ने खिताब किया। आज कर्बला सिविल लाइन्स में सुबह की नमाज के बाद ही अजादार काले कपड़े धारण कर पहुंच गये थे। पहली मजलिस मौलाना तालिब मुर्तजा ने खिताब किया। इसके बाद कर्बला परिसर में ही स्थित अली कालोनी में मोहम्मद मुजतबा व मोहम्मद आलिम हुसैन के आवास पर मजलिस को मौलाना इब्ने अब्बास ने खिताब किया। इसके बाद ताबूत का जुलूस निकला जो कर्बला में जाकर समाप्त हुआ। यहां स्व0 अल्हाज शुजाअत हुसैन रिजवी के नगराम हाउस में आयोजित मजलिस को मौलाना इब्ने अब्बास ने खिताब किया। इस मौके पर शहवेज हैदर, आसिम हुसैन ने नौहाख्वानी की।
आज जैदपुर, किन्तूर, बदोसरायं, रसूलपुर, बेलहरा, फतेहपुर, मित्तई, मौथरी, केसरवा सादात, असन्द्रा, मोतिकपुर, बेड़हरी, सगौरा, चन्दवारा, भानमऊ, सराय इस्माइल, जौरास, फतेहपुर में भी ताबूत के जुलूस निकले व मजलिसे हुई। कार्यक्रम की समाप्ति पर कर्बला के खादिम रिज़्ावान मुस्तफा ने जिला प्रशासन का सहयोग करने के लिए शुक्रिया अदा किया।
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कौमी एकता का मिसाल बना बाराबंकी
बाराबंकी। दुनिया में हर तरफ जहां मार-काट कहीं शिया-सुन्नी, कहीं हिन्दू-मुसलमान के बीच खाई पैदा कर लड़ाई करवायी जा रही है। वहीं जिले में आज हजरत अली (अ0) की शहादत पर निकले जुलूस में हिन्दुओं के साथ सुन्नी भाइयों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
बेगमगंज स्थित शाही मस्जिद जो शिया वक्फ तकैया बेगम में वक्फ में है में बरसों से शिया समुदाय से इजाजत लेकर सुन्नी समुदाय नमाज पढ़ता है, शिया समुदाय उनके सम्मान में मस्जिद उनके लिए हर वक्त इबादत के खोल दिया है। वहीं हर वर्ष मोहरर्म व रमजान को होने वाले मस्जिद के कार्यक्रमों खासकर आज 21 रमजान को हजरत अली (अ0) की शहादत पर होने वाली मजलिस के लिए शाही मस्जिद को खोल दिया जाता है। नाराये हैदरी-या अली की सदाओं के बीच मौलाना आसिम हुसैन इमामे जुमा ने मजलिस को खिताब किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सुन्नी समुदाय ने हजरत अली (अ0) की शहादत के गम में शिरकत कर आंसू बहाये। सांसद पीएल पुनिया ने जुलूस में अपने दर्जनों साथियों के साथ शिरकत की।