फैजाबाद फसाद: कि‍सने लगा दी अमन के इस शहर को आग

फैजाबाद. बुधवार से लेकर गुरुवार अब तक फैजाबाद में जो भी फसाद हुआ, स्‍थानीय लोगों का मानना है कि‍ पुलि‍स व प्रशासन की नि‍ष्‍क्रि‍यता के चलते ऐसा हुआ। शहर की बि‍गड़ती फि‍जां बचाने वालों ने अमन कायम रखने को खुद आगे आना चाहा, पर पुलि‍स प्रशासन ने ऐसा होने नहीं दि‍या। आखि‍रकार बीस साल बाद इस शहर में दोबारा कर्फ्यू लगा दि‍या गया है। इससे पहले 6 दि‍संबर 1992 में बाबरी मस्‍जि‍द वि‍ध्‍वंस के बाद कर्फ्यू लगाया गया था।
बाबरी मस्‍जिद एक्‍शन कमेटी के कन्‍वेनर आफाक अहमद खां ने कहा कि उन्‍हें इस पूरी घटना में उन्‍हें राजनीतिक साजिश की बू आ रही है। उन्‍होंने घटना के पीछे विधायक चुनाव में हारे कई साल से विधायक पर आरोप लगाया कि उन्‍होंने मामला भड़काया। रात को करीब 40 दुकानों में आग लगा दी गई, इससे पहले दुकानों को लूट गया। पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। इस घटना से लगता है कि अधिकारी निष्‍पक्ष नहीं थे।
उन्‍होंने जब लखनऊ में जफरयाब जिलानी के माध्‍यम से डीजीपी तक फसाद का संदेश भिजवाया तो शहर के डीएम का उनके पास फोन आया। उन्‍होंने उनसे गुजारिश की कि किसी भी तरह शहर की शांति बचा लीजिए। अब शहर के इमाम मोहम्‍मद कुतुबुद्दीन कादरी साहब डीजीपी से मुलाकात करने गए हुए हैं।
फैजाबाद हिलाल कमेटी के सदस्‍य खलीक अहमद खां ने कहा कि जिले में साम्‍प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए ये सुनियोजित ढंग से फसाद किया गया। इसमें फैजाबाद के एसएसपी, डीएम, एसपी सिटी और सीओ सिटी ने बवालियों को पूरा संरक्षण दिया। हम उन पर भरोसा कर उनसे फसाद रोकने की मिन्‍नत करते रहे, पर किसी ने कुछ नहीं किया।
बाद में कमिश्‍नर जो उस समय बाराबंकी से लौट रहे थे, उनसे हमने बात की तो मौके पर सीआरपीएफ और कमांडो तैनात किए गए। खलीक ने कहा कि हम लोगों ने मिलकर मामले की जानकारी शासन में बैठे उच्‍चाधिकारियों को कराई उसके बाद सब हरकत में आए। डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह तो आज शहर में ही हैं और अब मीटिंग कर रहे हैं। खलीक ने कहा कि पीएसी ने भी रात में घुसियाना इलाके में फायरिंग की, बाद में जब कई लोगों ने हस्‍तक्षेप किया तो वह शांत हुई।
उधर फैजाबाद के दंगा प्रभावित इलाके रकाबगंज में ही रहने वाले सलीम शहजादे ने बताया कि अब तो स्थिति नियंत्रण में है। कर्फ्यू लगा दिया गया है और हम लोग घर में हैं। उन्‍होंने कहा कि रात को शराबी युवाओं द्वारा महिलाओं के साथ छेड़खानी से शुरू हुआ बवाल धीरे धीरे दंगों में बदल गया।
हर मिनट सिर्फ अफवाहें सुनाई दे रही थीं। दंगाइयों ने कई दुकानों में भी आग लगा दी। हालांकि किसी के हताहत  होने की सूचना नहीं है। अब पुलिस ने पूरे शहर को छावनी में तब्‍दील कर दिया है। उम्‍मीद है जल्‍द ही फि‍र सब ठीक हो जाएगा।
अयोध्‍या में वशिष्‍ठ पीठाधीश और विश्‍व हिंदू परिषद के नेता व भाजपा के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने फैजाबाद की घटना पर कहा कि दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित करने के लिए लोग शांति से अयोध्‍या की तरफ आ रहे थे, उन पर अचानक सुनियोजित ढंग से हमला किया गया। लोगों पर जमकर पत्‍थरबाजी की गई, जिसके बाद दंगा भड़क गया।
उन्‍हें सूचना मिली है कि भदरसा में एक व्‍यक्ति की हत्‍या हो गई है, जबकि 6 अन्‍य बुरी तरह घायल है। पुलिस प्रशासन घटनाएं रोकने में पूरी तरह विफल रहा। उन्‍होंने खुद डीएम एसएसपी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं उठा। बाद में डीआईजी से बात करके उन्‍होंने मौके पर पीएसी तैनात करने की गुजारिश की। वेदांती ने कहा कि वह इस घटना की निंदा करते हैं और पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं कि दोषी अपराधी तत्‍वों की जल्‍द से जल्‍द गिरफ्तारी की जाए।

फैजाबाद में चौक दुर्गापूजा समिति के अध्‍यक्ष राहुल कपूर कहते हैं कि रात में ही घटनाएं हुईं। पुलिस ने अब सब काबू कर लिया है। इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जब यह हादसा हुआ तो वह विसर्जन में घाट पर गए हुए थे। घर वालों ने जानकारी दी कि बवाल हो गया है तो लौटकर वह सीधे घर चले आए। रात में कुछ दंगाइए उनके पूजा पंडाल को भी जलाने आ गए थे लेकिन मोहल्‍ले वालों ने पंडाल बचा लिया।

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