"सीएम शिया वक्फ बोर्ड को भंग करे: मौलाना इंकलाबी

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सीबीआई जांच की मांग,चेयरमैन वसीम की सम्पत्ति की प्रवर्तन निदेशालय से की जाये जांच
बाराबंकी। बसपा सरकार में शिया वक्फ बोर्ड की जमीनों को खुर्द-बुर्द कर करोड़ों का सौदा चेयरमैन वसीम रिजवी ने किया है। अब सपा में आकर वसीम वक्फ की जमीन अंदर ही अंदर बेच रहा है। जिस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सीबीआई की जांच कराकर वक्फ खोरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने और वसीम को चेयरमैन पद से हटाने की मांग शिया ओलमा कौन्सिल हिन्द के सिकेट्री व शियाने हैदरे कर्रार आर्गनाइजेशन इण्डिया के अध्यक्ष मौलाना इफतेखार हुसैन इंकलाबी ने की है।
सीएम को लिखे पत्र में मौलाना इंकलाबी ने कहा है कि आगरा में मजार शहीद-ए-सालिस में वसीम ने चेयरमैन की कुर्सी संभालते ही जमकर जमीनों को भूमाफियाओं के हाथ सौदा शुरू कर दिया है। इस संबंध में कमिश्नर, डीएम, सीएम को मेरे द्वारा पत्र भेजकर आगरा मण्डल के वक्फ की जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने की विनती की गयी थी। लेकिन बसपा सरकार के मंत्री नसीमुद्दीन और प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के खास उमराव जान सप्लायर, वक्फ खोर वसीम का प्रशासन बालबाका भी न कर सका। बल्कि राज्यमंत्री को पैसा वसूलने और आगरा में ऐश करने की लिए पूरी सुविधा उपलब्ध करा दी गयी। अब वही बसपा का चेयरमैन वसीम सपा में आकर सपा और मुलायम के मुफ्ती आजम खान का खास बनकर वक्फ की जमीनों को बरबाद कर रहा है। मौलाना इंकलाबी ने कहा कि धांधलिया ऐसे की जा रही हैं कि पुराने रिकार्डों में राजस्व के अभिलेखों में दर्ज सम्पत्ति के नम्बर अब नये रिकार्डों में बदल गये हैं लेकिन वक्फ बोर्ड के रजिस्टर में वही पुराने ही दर्ज है। नतीजतन भूमाफियाओं से सांठगांठ कर चेयरमैन उनसे जनसूचना से प्रार्थना पत्र डलवाकर सवाल कर लेता है कि वक्फ जमीन का नया नम्बर डालकर वहां से जवाब ले लेता है। वक्फ रिकार्डों में पुराना नम्बर होता है। नये नम्बर के बारे में लिखा दिया जाता है कि यह नम्बर वक्फ रिकार्डों में दर्ज नहीं है और एनओसी जारी कर वक्फ की जमीनों का खुर्द-बुर्द कर दिया जाता है।
मौलाना इंकलाबी ने कहा कि 30 वर्षों तक वक्फ बोर्ड में कंट्रोलर रहा इस दरमियान तमाम जमीनों को खत्म किया गया। जो बच गयी उन पर अब वसीम की निगाहें हैं। जिसने करोड़ों की सम्पत्तियों को टके के भाव सौदा कर समाप्त कर दिया है और जो बची हैं उनको भी बर्बाद करने में लगा है। मौलाना इंकलाबी ने मुख्यमंत्री से मांग की है शिया वक्फ बोर्ड की मौजूदा कमेटी को भंग कर प्रशासक की नियुक्त की जाये और फर्जी तरीके बसपा सरकार में नामित सदस्यों की पत्रावली की जांच कर उनके खिलाफ एफआईआर लिखकर जेल भेजा जाये। इस दरमियान इनके द्वारा किये गये सभी आदेश निरस्त किये जाये। मौलाना इंकलाबी ने वक्फ बोर्ड में मुख्य कार्यपालक अधिकारी की तुरन्त नियुक्त की मांग की है व वक्फ के दस्तावेजों का कम्प्यूटरीकरण कराने व वक्फ सम्पत्ति जो कर्बला, कब्रिस्तान, मस्जिद, दरगाह की है पर काम्लेक्स व फ्लैट बनाने से रोकने तथा वक्फ की ऐसी सम्पत्ति जो कर्मिशयल हैं पर बनने वाले फ्लैट व काम्पलेक्स को शिया समुदाय के ही लोगों से उसका निर्माण करवाया जाये और शिया समुदाय को ही उसका किरायदार बनाया जाये। इसके पीछे मौलाना ने तर्क दिया कि जब शिया वक्फ बोर्ड में मेम्बर, चेयरमैन, कर्मचारी और किसी मसलक के नहीं हो सकते तो शिया समुदाय द्वारा की गयी वक्फ सम्पत्ति को दूसरे समुदाय व मसलक के लोगों को चन्द टके में चेयरमैन वसीम रिजवी जो अनूबंध कर रहा है इसको तुरन्त रोका जाये। चेयरमैन वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूरे वक्फ बोर्ड की सीबीआई से जांच करायी जाये और वसीम की सम्पत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय से करवाकर जेल भेजा जाये। पत्र में मौलाना ने वक्फ सम्पत्ति को इमामे जमाना की सम्पत्ति कहा है और इसको बचाने के लिए हर तरह के शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की चेतावनी भी सरकार को दी है।
सीएम को लिखे पत्र में मौलाना इंकलाबी ने कहा है कि आगरा में मजार शहीद-ए-सालिस में वसीम ने चेयरमैन की कुर्सी संभालते ही जमकर जमीनों को भूमाफियाओं के हाथ सौदा शुरू कर दिया है। इस संबंध में कमिश्नर, डीएम, सीएम को मेरे द्वारा पत्र भेजकर आगरा मण्डल के वक्फ की जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने की विनती की गयी थी। लेकिन बसपा सरकार के मंत्री नसीमुद्दीन और प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के खास उमराव जान सप्लायर, वक्फ खोर वसीम का प्रशासन बालबाका भी न कर सका। बल्कि राज्यमंत्री को पैसा वसूलने और आगरा में ऐश करने की लिए पूरी सुविधा उपलब्ध करा दी गयी। अब वही बसपा का चेयरमैन वसीम सपा में आकर सपा और मुलायम के मुफ्ती आजम खान का खास बनकर वक्फ की जमीनों को बरबाद कर रहा है। मौलाना इंकलाबी ने कहा कि धांधलिया ऐसे की जा रही हैं कि पुराने रिकार्डों में राजस्व के अभिलेखों में दर्ज सम्पत्ति के नम्बर अब नये रिकार्डों में बदल गये हैं लेकिन वक्फ बोर्ड के रजिस्टर में वही पुराने ही दर्ज है। नतीजतन भूमाफियाओं से सांठगांठ कर चेयरमैन उनसे जनसूचना से प्रार्थना पत्र डलवाकर सवाल कर लेता है कि वक्फ जमीन का नया नम्बर डालकर वहां से जवाब ले लेता है। वक्फ रिकार्डों में पुराना नम्बर होता है। नये नम्बर के बारे में लिखा दिया जाता है कि यह नम्बर वक्फ रिकार्डों में दर्ज नहीं है और एनओसी जारी कर वक्फ की जमीनों का खुर्द-बुर्द कर दिया जाता है।
मौलाना इंकलाबी ने कहा कि 30 वर्षों तक वक्फ बोर्ड में कंट्रोलर रहा इस दरमियान तमाम जमीनों को खत्म किया गया। जो बच गयी उन पर अब वसीम की निगाहें हैं। जिसने करोड़ों की सम्पत्तियों को टके के भाव सौदा कर समाप्त कर दिया है और जो बची हैं उनको भी बर्बाद करने में लगा है। मौलाना इंकलाबी ने मुख्यमंत्री से मांग की है शिया वक्फ बोर्ड की मौजूदा कमेटी को भंग कर प्रशासक की नियुक्त की जाये और फर्जी तरीके बसपा सरकार में नामित सदस्यों की पत्रावली की जांच कर उनके खिलाफ एफआईआर लिखकर जेल भेजा जाये। इस दरमियान इनके द्वारा किये गये सभी आदेश निरस्त किये जाये। मौलाना इंकलाबी ने वक्फ बोर्ड में मुख्य कार्यपालक अधिकारी की तुरन्त नियुक्त की मांग की है व वक्फ के दस्तावेजों का कम्प्यूटरीकरण कराने व वक्फ सम्पत्ति जो कर्बला, कब्रिस्तान, मस्जिद, दरगाह की है पर काम्लेक्स व फ्लैट बनाने से रोकने तथा वक्फ की ऐसी सम्पत्ति जो कर्मिशयल हैं पर बनने वाले फ्लैट व काम्पलेक्स को शिया समुदाय के ही लोगों से उसका निर्माण करवाया जाये और शिया समुदाय को ही उसका किरायदार बनाया जाये। इसके पीछे मौलाना ने तर्क दिया कि जब शिया वक्फ बोर्ड में मेम्बर, चेयरमैन, कर्मचारी और किसी मसलक के नहीं हो सकते तो शिया समुदाय द्वारा की गयी वक्फ सम्पत्ति को दूसरे समुदाय व मसलक के लोगों को चन्द टके में चेयरमैन वसीम रिजवी जो अनूबंध कर रहा है इसको तुरन्त रोका जाये। चेयरमैन वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूरे वक्फ बोर्ड की सीबीआई से जांच करायी जाये और वसीम की सम्पत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय से करवाकर जेल भेजा जाये। पत्र में मौलाना ने वक्फ सम्पत्ति को इमामे जमाना की सम्पत्ति कहा है और इसको बचाने के लिए हर तरह के शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की चेतावनी भी सरकार को दी है।