उमर का टिकट रद्द करें मुलायम सिंह: बुखारी
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लखनऊ। दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से
कहा कि उमर को दिया गया विधान परिषद का टिकट रद्द कर
दें। समाजवादी पार्टी पर मुस्लिमों के हितों का अधिक ख्याल नहीं रखने का
आरोप लगाते हुए बुखारी ने मुलायम सिंह को एक पृष्ठ का पत्र लिखा है, जिसमें
उन्होंने 'आपत्तिजनक टिप्पणयों' के लिए सपा नेता आजम खान की निंदा भी की
है।
यह
रेखांकित करते हुए कि उन्होंने टिकट नहीं मांगा था,
बुखारी ने मुलायम सिंह से कहा कि वह इसके बजाय 'मुस्लिमों के कल्याण के लिए
गम्भीरतापूर्वक और ईमानदारी से कार्य करें'।
बुखारी
ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने भाई याह्या के लिए राज्यसभा का टिकट मांगा
था, लेकिन मुलायम सिंह ने उनके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया। गौरतलब है कि
आजम खान और इमाम बुखारी के बीच वर्षों से खींचतान चलती रही है। आजम धर्म को
राजनीति में मिलाने का हमेशा विरोध करते रहे हैं।
मुलायम
सिंह ने गुरुवार को जब बुखारी के दामाद को टिकट दिया, तब आजम खान ने
टिप्पणी की थी कि पार्टी को किसी धार्मिक व्यक्ति को पुरस्कृत नहीं करना
चाहिए।
बुखारी ने जो चिट्ठी लिखी है उसका मजमून कुछ इस तरह हैः-
जनाब मुलायम सिंह यादव साहब,
मैं
अफसोस के साथ कह रहा हूं कि सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी देने के मामले
में समाजवादी पार्टी का रवैया भी अफसोसनाक है। राज्यसभा के चुनाव में सपा
ने मुसलमानों को सिर्फ एक सीट दी है वो भी मध्य प्रदेश के एक गुमनाम
व्यक्ति को जो किसी भी तरह मुसलमानों के काम आने वाला नहीं है। दूसरे दर्शन
सिंह यादव को राज्यसभा भेजा गया है ये जानते हुए भी कि वो कांग्रेस, भाजपा
और बीएसपी से होते हुए सपा में आए हैं। मुसलमानों को लेकर उनका ट्रैक
रेकार्ड भी बहुत खराब है मुझे इस बात पर सख्त हैरत है कि देश के सबसे बड़े
राज्य़ में एक भी मुसलमान इस योग्य नहीं मिला जो मुसलमानों का प्रतिनिधि बन
सके। सपा ने विधान परिषद के लिए जो सात नामों की सूची जारी की है उसमें भी
केवल एक नाम मुसलमान का है। क्या आप ये बताने का कष्ट करेंगे कि भागीदारी
का ये कौन सा तरीका है? उत्तर प्रदेश में मुसलमान बीस फीसदी और यादव सात
फीसदी हैं लेकिन जब सत्ता में भागीदारी की बात आती है तो सपा भी मुसलमानों
को नजरअंदाज करती है। मेरे दामाद को टिकट देकर मुसलमानों के अधिकार को
समाप्त नहीं किया जा सकता। अगर आप मुसलमानों को सत्ता और प्रशासन में
ईमानदारी के साथ बराबर की भागीदारी नहीं देते हैं तो मैं उमर अली खां को दी
गई सीट शुक्रिया के साथ आपको वापस करता हूं।
अब्दुल्ला बुखारी
इस
चिट्ठी पर सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि ये मामला हमारे राष्ट्रीय
अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव देखेंगे। जहां तक बुखारी जी का सवाल है तो वो भी
हमारे सम्मानीय हैं, हमारे परिवार के हैं और ये सब हमारे परिवार का मामला
है। मीडिया को इसे तूल नहीं देना चाहिए। नेता जी ही तय करेंगे क्या करना
है। आप तूल मत दीजिए।