सपा में समा गई लोकदल की अनुराधा
https://tehalkatodayindia.blogspot.com/2012/01/blog-post_7519.html
लखनऊ :जैसे ही यह खबर आई कि लोकदल की अनुराधा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं तो सबने यही सवाल पूछना शुरू किया कि आखिर लोकदल में ऐसा क्या हुआ कि अनुराधा छोटे चौधरी का दामन छोड़कर धरतीपुत्र के दरवाजे पर जा पहुंची? जो जवाब अभी तक मिल पा रहा है वह यह कि छोटे चौधरी की राधा कहे जाने पर भी ऐतराज न करनेवाली अनुराधा चौधरी को जब छोटे चौधरी के संबंधों और राजनीतिक भविष्य में चुनना हुआ तो उन्होंने राजनीतिक भविष्य को ही तजरीह दी और सपा में शामिल हो गई.
राजनीति में अजीत सिंह का साथ पाने से पहले अनुराधा चौधरी मुलायम सिंह यादव की ही राजनीतिक शिष्य रही हैं. मुलायम सिंह उन्हें अपनी सरकार में लोकनिर्माण मंत्री रख चुके हैं. 2004 में लोकदल के टिकट पर वे कैराना से सांसद चुन ली गई. लेकिन समय बीतने के साथ लोकदल में अनुराधा चौधरी की पूछ परख कम होने लगी और जब छोटे चौधरी अजीत सिंह ने अपने बेटे जयंत को राजनीतिक कमान सौंपने का निश्चय ले लिया तो अनुराधा चौधरी समझ गई कि अब उनका वैसा राजनीतिक भविष्य लोकदल में नहीं है जैसा वे उम्मीद लगाकर बैठी थीं.बताते यह भी हैं कि जयंत चौधरी सार्वजनिक मंचों पर भी अनुराधा चौधरी का बहिष्कार करने या उन्हें मौका न देने की कोशिश करते थे. छोटे चौधरी के लिए मुश्किल बढ़ती जा रही थी. बेटे और अनुराधा में आखिरकार उन्हें किसी एक का चुनाव करना था. ऐसा एक मौका तब आया जब केन्द्र में छोटे चौधरी को मंत्री बनने की बारी आई. छोटे चौधरी बेटे को कैबिनेट मिनिस्टर बनाना चाहते थे लेकिन जब कांग्रेस उस पर तैयार नहीं हुई तो खुद मंत्री बन गये. अनुराधा चौधरी से उन्होंने वादा किया था कि वे उनके लिए राज्य मंत्री की सीट सुरक्षित रखेंगे जिस पर एक बार फिर कांग्रेस तैयार नहीं हुई.
फिर, अनुराधा चौधरी नहीं चाहती थी कि कांग्रेस के साथ प्रदेश में कोई चुनावी समझौता हो. अनुराधा चौधरी सपा के साथ चुनावी गठजोड़ चाहती थीं जिसे पूरा कराने में वे असफल रहीं. जब लोकदल का कांग्रेस से चुनावी समझौता हो गया तब अनुराधा चौधरी के लिए लोकदल में रहना मुश्किल होने लगा. इसलिए रविवार को उन्होंने मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और आजम खान की मौजूदगी में सपा ज्वाइन कर लिया. हालांकि सपा में आने से पहले उन्होंने भाजपा का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन राजनाथ सिंह से हुई उनकी मुलाकात का कोई बहुत अच्छा परिणाम सामने नहीं आया.
अनुराधा के आने से सपा को उम्मीद है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लोकदल गठबंधन को नुकसान होगा. सपा से जुड़े नेता मानते हैं कि "लोकप्रिय" नेता अनुराधा चौधरी के प्रभाव में कांग्रेस लोकदल गठबंधन अपनी मौत मर जाएगा. देखते हैं, सपाइयों की ये उम्मीदें कहां तक सच साबित होती हैं.