20 जनवरी को भारत आ सकता हैं सलमान रुश्दी "शैतान "

रुश्दी और खोमैनी का फतवा दोनों जिन्दा है.
मौलाना कल्बे जवाद व देव बंद ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र,भारत आने पर  पाबन्दी की मांग  
अपनी पांचवी शादी की खबरों के बीच शैतान साहित्यकार सलमान रुश्दी आगामी 20 जनवरी को भारत आने वाला हैं. लेकिन सैटेनिक वर्सेस के इस लेखक के खिलाफ मुसलमानों के जेहन में विरोध जो  सो चुका था इस खबर के साथ एक बार फिर जिन्दा हो गया है.शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी व कई अन्जुमानो  साथ  देवबंदी मुसलमानों की सर्वोच्च सैक्षणिक संस्था दारुल उलूम के कुलपति मौलाना अब्दुल कासिम नोआमी ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि सलमान रुश्दी को भारत आने की इजाजत न दी जाए.
कश्मीर में पैदा हुए सर अहमद सलमान रुश्दी के उपन्यास सेटेनिक वर्सेस (शैतान की आयतें) को 1988 में बुकर पुरस्कार मिल चुका है और लंबे समय से रुश्दी ब्रिटेन में रहते हैं. वे भारतीय नहीं बल्कि ब्रिटिश भारतीय के तौर पर जाने जाते हैं. सैटेनिक वर्सेस में सलमान रुश्दी ने कथित तौर पर जो  टिप्पणी की है.जिसको कोई भी मुसलमान  पसंद नहीं करता  अयातुल्ला खोमैनी 1989 में सलमान रुश्दी के खिलाफ जान से मारने का फतवा जारी कर दिया था . जब ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खोमेनी  ने  ही रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी करें तो भला उनके धार्मिक अनुयायी रुश्दी को क्यों बर्दाश्त करेंगे?
जिस साल खुमेनी ने रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया उसी साल 1989 में उनकी मौत हो गई. लेकिन रुश्दी और रुश्दी के खिलाफ दिया गया खोमैनी का फतवा दोनों जिन्दा है. खोमैनी के फतवे के बाद ब्रिटेन में रहनेवाले रुश्दी के लिए लंबे समय तक ईरान से अपने राजनयिक संबंध खत्म कर लिये थे.भारत जैसे लोकतांत्रिक और सहिष्णु देश में रुश्दी के खिलाफ उस फतवे के आधार पर विरोध करना कितना जायज है? फिर भी देवबंद के धार्मिक कुलपति नोआमी मानते हैं -" इस व्यक्ति से इस्लामिक जगत नफरत करता है." और इसी नफरत को बनाये रखने के लिए नोआमी ने अब भारत सरकार को पत्र लिखा है कि वे रुश्दी को भारत न आने दें.
नोआमी ने रुश्दी के भारत न आने देने के लिए तो पूरा जोर लगा ही दिया है. नोआमी कह रहे हैं कि उन्होंने दूसरे मुस्लिम संगठनों को भी अपील करते हैं वे केन्द्र सरकार पर इस बात का दबाव बनाये कि रुश्दी भारत न आने पाये.
निश्चित रूप से नोआमी और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी व कई अन्जुमानो  की अपील को अनसुना नहीं किया जाएगा.कांग्रेसनोआमी की अपील पर सरकार  कार्रवाई इसलिए भी करेगी क्योंकि बहुत सारे राजनीतिक दल जवाद-नोआमी के साथ खड़े हो जाएंगे और उत्तर प्रदेश के चुनावी आइने में सलमान रुश्दी का वजन तौलना शुरू कर देंगे. अगर रुश्दी के आने से मुस्लिम मतों के दाहिने से बाएं जाने में मदद मिलती है तो कौन सा राजनीतिक दल है जो रुश्दी के पक्ष या विपक्ष में बोलने से अपने आपको रोक पायेगा.
कांग्रेस में मौजूद आस्तीन के सांप  की भी नहीं चल नहीं पाएंगी '

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