10 साल में यूपी को दिल्ली और महाराष्ट्र जैसा बना देगी कांग्रेस:राहुल

 तहलका टुडे टीम 
सीतापुर॥ उत्तर प्रदेश में चुनावी तारीखों के एलान के बाद पहली बार जनसभा में बोलते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने दावा किया कि राज्य की जनता के गैर कांग्रेसी सरकारें चुनने से सूबे के 22 साल बरबाद हुए हैं और सिर्फ कांग्रेस ही इस प्रदेश को विकास की राह पर ला सकती है। उन्होने कहा कि अगर कांग्रेस को मौका दिया जाए तो वो 10 साल में यूपी को दिल्ली और महाराष्ट्र जैसा बना देगी।
उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के तीसरे चरण के पहले दिन राहुल ने सीतापुर के सिधौली में आयोजित जनसभा में पिछले 22 वर्षों के दौरान आई गैर कांग्रेसी सरकारों पर आरोप लगाया कि इन सरकारों ने सिर्फ 10 प्रतिशत जनता के लिए ही काम किया और बाकी की उपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 22 साल बर्बाद हुए हैं। पांच साल हमें दीजिए, हम शुरुआत करके दिखाएंगे और 10 साल में आपके प्रदेश को दिल्ली, महाराष्ट्र की तरह बनाकर दिखाएंगे। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यह राजनीति की बात नहीं बल्कि आपके बच्चों के भविष्य की बात है। उत्तर प्रदेश में गरीबों के प्रति कल्याणकारी और उन्नति चाहने वाली सरकार नहीं बनती है। आप गरीबों की, मजदूरों की सरकार बनाइए फिर देखिए हम क्या कर सकते हैं।
राहुल ने अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रदेश का छह साल का बच्चा भी जानता है कि अपने गृह प्रदेश में उसे रोजगार नहीं मिलेगा और उसे इसके लिए दिल्ली या महाराष्ट्र जाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए राज्य सरकार को धन भेजती है, लेकिन वह गरीबों तक नहीं पहुंचता और उसे मायावती का तैयार किया हुआ ‘जादू का हाथी’ खा जाता है।
राहुल ने आरोप लगाया कि मायावती अपने इसी ‘हाथी के भोजन’ का इंतजाम करने के लिए ही भोजन का अधिकार विधेयक का विरोध कर रही हैं, क्योंकि वह सोचती हैं इस योजना के लिए जो धन आएगा उसे उनका हाथी खाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि हम आपको रोजगार की गारंटी देते हैं, लेकिन बसपा का हाथी यह गारंटी लेता है कि वह गरीबों का पैसा खा लेगा।
कांग्रेस महासचिव ने केन्द्र सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि केन्द्र ने जनता को मनरेगा के अलावा, सूचना का अधिकार तथा शिक्षा का अधिकार दिया और अब वह भोजन का अधिकार कानून लाने कोशिश कर रहा है, लेकिन मायावती इसका भी विरोध कर रही हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री मायावती और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की जननेता की छवि खत्म हो जाने का दावा करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव पहले जमीनी नेता हुआ करते थे, लेकिन अब वक्त बदल गया है। अब वह जनता के बीच नहीं जाते। यही हाल मायावती का भी है।
राहुल ने कहा कि आपके नेताओं को पता लगना चाहिए कि ग्रामीण जनता किन हालात में जी रही है। वे आपके यहां खाना नहीं खाते और कुएं का गंदा पानी नहीं पीते। उन्हें कैसे पता होगा कि गरीबी क्या है और ग्रामीण जनता को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश के क्षेत्रों के सम्यक विकास के प्रति गम्भीर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव तो पारित कर दिया, लेकिन सबसे पिछड़े बुंदेलखण्ड इलाके में उपेक्षा से परेशान लोगों की सुध लेने नहीं गयीं।

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