कपिल सिब्बल पर भड़के अन्ना, मांगा इस्तीफा

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नई दिल्ली। जन लोकपाल विधेयक के लिए संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कपिल सिब्बल से इस संयुक्त समिति के ड्राफ्टिंग पैनल से इस्तीफा मांगा है। दरअसल अन्ना ने सिब्बल से ये इस्तीफा तब मांगा जब कपिल सिब्बल के मनोभाव उजागर हो गए। दरअसल सिब्बल ने कहाकि इस विधेयक के गठन के बाद भी कुछ नहीं बदलेगा।
अन्ना हजारे सिब्बल की इस बयानबाजी पर उबल पड़े और उन्होने सिब्बल से कमेटी से इस्तीफा देने के लिए कहा। अन्ना ने कहा कि सिब्बल हमारा और अपनी वक्त क्यों बर्बाद कर रहे हैं? जब उनमें इच्छाशक्ति ही नहीं है तब वह कमेटी में होना ही क्यों चाहते हैं? अन्ना ने कहा कि अगर उन्हे लगता है कि इससे कुछ नहीं होगा तो उन्हे कमेटी से इस्तीफा देकर कोई और काम करना चाहिए। अन्ना ने महाराष्ट्र के लिए जाते समय ये बातें पत्रकारों से कही।
सिब्बल ने कल सार्वजनिक मीटिंग में जम लोकपाल विधेयक के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कतहाकि अगर कोई ब्चा किसी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए किसी स्थानीय नेता की मदद लेता है तो उस में जन लोकपाल विधेयक क्या कर पाएगा? हालांकि उन्होने अन्ना की मांग पर कहा कि वह विधेयक को जल्द से जल्द अमली जामा पहचाना चाहते हैं जिससे भ्रष्टाचार से लड़ने का सपना साकार हो सके। उन्होने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहाकि विधेयक की सीमाएं हैं और आम आदमी की समस्याएं इस विधेयक के जरिए खत्म नहीं हो सकतीं। लोकपाल विधेयक केवल भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए है, इससे ज्यादा कुछ भी नहीं।
अन्ना हजारे सिब्बल की इस बयानबाजी पर उबल पड़े और उन्होने सिब्बल से कमेटी से इस्तीफा देने के लिए कहा। अन्ना ने कहा कि सिब्बल हमारा और अपनी वक्त क्यों बर्बाद कर रहे हैं? जब उनमें इच्छाशक्ति ही नहीं है तब वह कमेटी में होना ही क्यों चाहते हैं? अन्ना ने कहा कि अगर उन्हे लगता है कि इससे कुछ नहीं होगा तो उन्हे कमेटी से इस्तीफा देकर कोई और काम करना चाहिए। अन्ना ने महाराष्ट्र के लिए जाते समय ये बातें पत्रकारों से कही।
सिब्बल ने कल सार्वजनिक मीटिंग में जम लोकपाल विधेयक के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कतहाकि अगर कोई ब्चा किसी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए किसी स्थानीय नेता की मदद लेता है तो उस में जन लोकपाल विधेयक क्या कर पाएगा? हालांकि उन्होने अन्ना की मांग पर कहा कि वह विधेयक को जल्द से जल्द अमली जामा पहचाना चाहते हैं जिससे भ्रष्टाचार से लड़ने का सपना साकार हो सके। उन्होने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहाकि विधेयक की सीमाएं हैं और आम आदमी की समस्याएं इस विधेयक के जरिए खत्म नहीं हो सकतीं। लोकपाल विधेयक केवल भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए है, इससे ज्यादा कुछ भी नहीं।