लंका का बजा बाजा भारत वर्ल्ड चैंपियन

तहलका टुडे टीम 

मुंबई। गौतम गंभीर [97] और कप्तान धौनी [नाबाद 91] ने विश्व कप के महासंग्राम में जूझारू पारी खेलकर 28 साल के खिताबी सूखे को समाप्त करते हुए भारत को क्रिकेट का नया चैंपियन बना दिया है। टीम इंडिया ने रोमांचक जंग में गत उपविजेता श्रीलंका को छह विकेटों से हराकर सचिन तेंदुलकर का सपना पूरा करने के साथ ही कोच गैरी क‌र्स्टन को शानदार विदाई भी दे दिया।
गंभीर के बाद कप्तान धौनी ने युवराज सिंह [नाबाद 21] के साथ बेहतरीन साझेदारी कर टीम को चैंपियन बना दिया। भारत ने गंभीर, धौनी और विराट कोहली [35] की साहसिक पारी की बदौलत लक्ष्य को 10 गेंदें शेष रहते मुकाबला जीत लिया। धौनी ने नुवान कुलाशेखरा की गेंद पर छक्का मारकर भारत की ऐतिहासिक जीत दिलाई। भारत दूसरी बार खिताब जीतने वाला एशिया का पहला देश बना गया है। इससे पहले श्रीलंका के लिए महेला जयवर्धने [नाबाद 103] ने उत्कृष्ट शतकीय पारी खेली थी। श्रीलंका की शुरुआत बहुत धीमी रही लेकिन बैटिंग पावरप्ले में टीम ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 63 रन बटोर लिए। जयवर्धने ने टूर्नामेंट में अपना दूसरा शतक मात्र 84 गेंदों में चौका मारकर पूरा किया। उन्होंने अपनी अविजित पारी में 88 गेंदें खेली और 13 चौकों के साथ 103 रन बनाए। वह फाइनल मैच में शतक लगाने वाले छठे बल्लेबाज हैं। मेहमान टीम ने 50 ओवर में छह विकेट खोकर 274 रन बनाए। श्रीलंका के थिषारा परेरा [नाबाद 22 रन, नौ गेंद] ने पारी की अंतिम ओवर [जहीर] में 18 रन ठोक दिए। भारत की ओर से युवराज और जहीर ने दो-दो विकेट निकाले।
जवाब में उतरी टीम इंडिया को शुरुआत में ही मलिंगा ने घातक गेंदबाजी करते हुए वीरेंद्र सहवाग [0] और सचिन तेंदुलकर [18] को जल्द ही चलता किया लेकिन गंभीर और कोहली ने तीसरे विकेट के लिए 15.3 ओवर में 83 रन की साझेदारी कर टीम को मैच में वापस ला दिया। गंभीर ने 56 गेंदों में अपना 25वां पचासा पूरा किया। दूसरी तरफ कोहली एक बढि़या पारी खेल रहे थे लेकिन दिलशान की गेंद पर वह काटएंडबोल्ड हो गए। इस बीच गंभीर ने 24वां रन पूरा करते हुए वनडे करियर में 4000 रन पूरे किए। गंभीर यह उपलब्धि हासिल करने वाले 11वें भारतीय बल्लेबाज हैं। श्रीलंका एकमात्र ऐसी टीम है जिसके खिलाफ उन्होंने 1000 से अधिक रन बनाए हैं। इससे पूर्व विस्फोटक सहवाग आज खाता खोल बगैर ही पवेलियन लौट गए। सहवाग पारी व मलिंगा की दूसरी ही गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए। हालांकि उन्होंने यूडीआरएस लिया लेकिन फैसला भारत के पक्ष में नहीं आया। इसके बाद सचिन [18] और गंभीर ने पारी को आगे बढ़ाया तथा स्कोर 31 रन तक ले गए। सातवें ओवर की पहली गेंद पर मलिंगा ने तेंदुलकर को विकेट के पीछे कैच आउट कराकर टीम इंडिया को तगड़ा झटका दे दिया। मात्र 18 रन बनाकर आउट होने से सचिन टूर्नामेंट में अपने पांच सौ रन पूरे नहीं कर सके और 482 रन बनाकर विश्व कप का अभियान समाप्त किया। वहीं विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले सबसे आगे चल रहे दिलशान तिलकरत्ने ने इस मैच में बड़ी पारी नहीं खेली लेकिन 33 रनों की पारी खेलकर टूर्नामेंट में पांच सौ रन का आंकड़ा छूने वाले पहले बल्लेबाज बन गए।
कोहली के आउट होने पर कप्तान धौनी क्रीज पर आए और गंभीर के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रनों की साझेदारी कर टीम का स्कोर दो सौ के पार पहुंचाया। विश्व कप में अब तक नाकाम रहे धौनी ने फार्म में जोरदार वापसी की और 52 गेंदों में पचासा पूरा कर लिया। जूझारू पारी खेलने वाले गंभीर ने लगातार संयम दिखाया लेकिन शतक से वह जब तीन रन दूर थे वह अपना संयम खो बैठे परेरा की गेंद पर आगे बढ़कर मारने के प्रयास में बोल्ड हो गए। गंभीर के बाद युवराज क्रीज पर आए लेकिन शुरू में इन्हें लय बनाने में समय लगा। धौनी और युवराज ने
इससे पूर्व टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंकाई टीम ने बेशक शुरुआत के अनिवार्य बैटिंग पावरप्ले में महज 31 रन जुटाए थे लेकिन उसने इसकी भरपाई बैटिंग पावर प्ले के दौरान 63 रन जुटाकर कर ली। थिषारा परेरा ने जहीर के अंतिम दो ओवरों में 17 और 18 रन जोड़ते हुए अपनी टीम को सम्मानजनक योग तक पहुंचा दिया। जयवर्धने के नेतृत्व में श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने खराब शुरुआत और उसके बाद भारतीय गेंदबाजों की सधी गेंदबाजी के कारण सामने आई बेबसी को भुलाते हुए शानदार पारियां खेलीं। यह जयवर्धने की शतकीय पारी का ही कमाल था कि 45 ओवरों तक 211 रन बनाने वाली श्रीलंकाई टीम 274 रन बनाने में सफल रही। जयवर्धने के अलावा कप्तान कुमार संगकारा ने 48 और तिलकरत्ने दिलशान ने 33 रनों का योगदान दिया। थिलन समरवीरा ने 21 रन बनाए और नुवान कुलाशेखरा तथा परेरा ने अंतिम समय में जयवर्धने के साथ शानदार साझेदारियां निभाते हुए क्रमश: 66 और नाबाद 26 रन जोड़े। कुलाशेखरा ने 30 गेदों पर एक चौके और एक छक्के की मदद से 32 रन बनाए जबकि परेरा नौ गेंदों पर तीन चौकों और जहीर की अंतिम गेंद पर लगाए गए छक्के की मदद से 22 रन जोड़े। भारत की ओर से इस विश्व कप में कुल 21 विकेट झटककर पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी की बराबरी करने वाले जहीर खान और युवराज सिंह ने इस मैच में दो-दो विकेट लिए। जहीर ने अपने शुरुआती सात ओवरों में सिर्फ 16 रन दिए थे लेकिन 10वे ओवर की समाप्ति तक वह 60 रन लुटा चुके थे। हरभजन सिंह को भी एक सफलता मिली। कुलाशेखरा रन आउट हुए।

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