बिरादराने इस्लाम एकजुट होकर पूरी दुनिया को अमन का पैगाम दे:इमाम-ए-हरम

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देव-बंद । काबा शरीफ से पूरी दुनिया को पैगाम देने के बजाये आज देव -बंद की सरज़मीन पर इमाम-ए-हरम शेख अब्दुर रहमान बिन अब्दुल अजीज अल सुदेस ने कहा कि दुनिया को इस वक्त अमन की सर्वाधिक दरकार है। इसी रास्ते पर चलकर इंसानियत महफूज रह सकती है। अमन की पहल मुसलमान करें। सऊदी अरब की मक्का मस्जिद के इमाम ने दारुल उलूम को इस्लामिक शिक्षा के बुनियादी उसूलों का केंद्र बताया।
इमाम-ए-हरम प्रसिद्ध रशीदिया मस्जिद में लाखों अकीदतमंदों को जुमे की नमाज अदा कराने के दौरान खिताब कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'बिरादराने इस्लाम एकजुट होकर पूरी दुनिया को अमन का पैगाम दे।' उन्होंने कश्मीर सहित पूरी दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआ की। भारतीय मुसलमानों की भी तारीफ की तथा दारुल उलूम के संस्थापकों का भी जिक्र किया। बोले, दारुल उलूम को देखने की दिली तमन्ना थी, जो आज पूरी हुई। अपने शानदार इस्तकबाल पर उन्होंने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि देवबंद का सफर उनकी जिंदगी का यादगार हिस्सा बन गया है। इस मौके पर दारुल उलूम प्रबंधन की जानिब से इमाम-ए-हरम को प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। दारुल उलूम के मोहतमिम [कुलपति] मौलाना गुलाम मुहम्मद वस्तानवी, कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी, जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मौलाना अब्दुल खालिक संभली, मौलाना मुहम्मद सुलेमान, मौलाना मुहम्मद शौकत सहित दारुल उलूम के आला उस्ताद व पदाधिकारी सहित लाखों की संख्या में अकीदतमंद मौजूद थे।
मालूम हो इस सरज़मीन पर देव-बंद में अक्सर झगडे होते रहते है ,सूत्रों की माने तो आतंकवादियो की बड़ी कौम देश में यही से सीख कर देश में खुराफात करती है,