क्यों बनते हैं लोग बेवकूफ?
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हाल ही में हुई कुछ घटनाओं ने हमारे सामने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया कि आखिर किसे हम स्वामी या फिर धर्म गुरु का दर्जा दे सकते हैं जैसे ही मैंने यह ब्लॉग लिखना शरू किया तो मेरे दिमाग में दक्षिण भारत आ गया क्योंकि की दक्षिण भारत हमारे देश का एक ऐसा हिस्सा है जहां से बड़े-बड़े धर्म गुरु ने जन्म लिया और इस देश को इंसानियत का ज्ञान दिया। फेहरिस्त तो लम्बी है लेकिन जगह और वक्त की कमी के कारण यहां पर चंद अज़ीम शख्सियतों का नाम लेने चाहता हूं-तमिलनाडु के महर्षि श्री रमण, केरल के श्री नारायणा गुरु और साईं बाबा, ये ऐसे लोग थे जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी धर्म और समाज के लिए त्याग दी और कोशिश करते रहे कि लोगों को इंसानियत सिखाएं।
लेकिन पिछले कुछ महीनो में हमने लगातार देखा कि एक के बाद एक धर्म गुरु के काले धंधे सामने आए। लोग जिन्हें भगवान का दर्जा दे रहे थे वे शैतान से बदतर निकले। पहले बात करते हैं दिल्ली के इच्छाधारी बाबा की जब इसकी हकीकत सामने आई तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। इच्छाधारी बाबा लड़कियों की दलाली करता था। लोग अभी इसे भूले नहीं थे कि एक और स्वामी की काली करतूत सामने आई वो है स्वामी नित्यानंद। स्वामी नित्यानंद का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब तमिलनाडु की स्थानीय टीवी चेनल पर स्वामी और तमिल सिनेमा की मशहूर अदाकारा का अश्लील विडियो दिखाया गया। लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि यह स्वामी नित्यानंद हैं क्योंकि लोग तो इसे मसीहा मानते थे। यह विडियो देखकर लोगों से रहा नहीं गया और उन्होंने नित्यानंद के आश्रम में तोड़फोड़ की। पुलिस भी हरकत में आई ओर केस दर्ज किया लेकिन स्वामी फरार हो गया। पुलिस की कोशिशे रंग लाईं और स्वामी नित्यानंद को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले से गिरफ्तार किया गया। जेल में करीब 52 दिन रहने के बाद अदालत ने उसे ज़मानत पर छोड़ दिया। इन ढोंगी बाबाओं का खेल यहीं पर ख़त्म नहीं होता है।
खुद को हिन्दू धर्म का दसवां अवतार कहने वाला कल्कि भगवान भी इसी फेहरिस्त में शामिल हैं। उन पर इल्ज़ाम है कि उन्होंने लाखों रुपये की ज़मीन अपने नाम की है। हाल ही में उनके अपने ही मित्र विश्वनाथ ने उनपर इल्ज़ाम लगाया कि आंध्र प्रदेश में उनके आश्रम में नशीली दवाई का इस्तामाल किया जा रहा है।
यहां पर सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर कोन इन्हें हक़ देता है आम लोगों की भावनाओं के साथ खेलने का। लोग इनके कहने पर धन दौलत न्यौछावर करते हैं लेकिन यह लोग आस्था के नाम पर इन्हीं लोगों को लूटते हैं। अपने सपनों को साकार करने के लिए आम लोगों के सपनो को तोड़ते हैं। यहां पर गलती किसकी है लोगों की जो इन पर भरोसा करते हैं या फिर प्रशासन की। लोग कहते हैं कि यह पुलिस का काम है कि वो पता लगाए कि कौन पाखंडी बाबा है, वहीं पुलिस कहती है कि वो इस मामले में तब तक कुछ नहीं कर सकती जब तक लोग ऐसे ढोंगी बाबाओं के खिलाफ सामने आकर बयान नहीं देंगे यानी कोई खुद को इसके लिए कसूरवार नहीं समझता है।
अब वक्त आ गया है कि खुद सभी बड़े धार्मिक गुरु एकजुट होकर ऐसे ढोंगी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई करें और इनको समाज के सामने लाएं ताकि आस्था और धर्म के नाम पर फिर कोई बेवकूफ न बन सके। अगर आज इनको रोका नहीं गया तो कल भविष्य में जो इनके शिष्य होंगे वो भी इन्हीं की राह पर चलेंगे। मशहूर धार्मिक गुरु श्री जगद्गुरु तुकाराम महराज ने कहा है- शुदा भीजपोती फले रसाल गोमती ।