१५ अगस्त से पहले अमेरिका की नयी खुराफात- भारत पर हो सकता है आतंकी हमलाः
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रिजवान मुस्तफा
15 अगस्त से पहले अमेरिका की नयी खुराफात शुरू हो गयी है वोह देश में खौफ पैदा करने की मुहिम में लग गया है इसका विदेश मंतारालय जो अपनी हिफाज़त में खुद परेशां रहते है भारत क अन्दुरुनी मामलो में कैसे dhakhl देता है और किस तरीके से मीडिया क ज़रिये अपने को सुपर पावर बनता है इसका नमूना है वो विदेश मंतारालय की रिपोर्ट जो भारत में आतकवादी हमले की चेतावनी दे रही है ,यही नहीं भारत की पुलिस को नाकारा भी साबित करने पर तुली है
रिपोर्ट कहती है कि भारत को इस तरह के हमलों की विश्वसनीय जानकारियां काफी तादाद में मिल रही हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद पर जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में भारत के लिए लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को खतरनाक बताया है.
अमेरिका ने अल कायदा को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा माना है. इसके मुताबिक पाकिस्तान स्थित अल कायदा लगातार नई भर्तियां कर रहा है और अमेरिकी जमीन पर हमलों की नई साजिश रच रहा है.
भारत को आंतकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शुमार करते हुए रिपोर्ट कहती है, "पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट लश्कर, जैश ए मोहम्मद और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी बांग्लादेश जैसे संगठन भारत के लिए लगातार और बड़ा खतरा बने हुए हैं."
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी खतरों से निपटने में भारत की तैयारी पूरी नहीं है. इसकी वजह पुरानी पड़ चुकी कानून व्यवस्था और कानून लागू कराने की कमजोर व्यवस्था को बताया गया है. इसके अलावा न्याय व्यवस्था पर भारी दबाव होने का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट कहती है, "भारत सरकार आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन कमजोर कानून और न्याय व्यवस्था उसकी कोशिशों में बड़ी बाधा है." हालांकि इसमें मुंबई हमलों के बाद पास हुए सख्त कानूनों के बारे में भी बात की गई है.
रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2009 में 1000 लोग आतंकवादी हमलों में मारे गए. हालांकि कश्मीर में आतंकवादी हमलों और इनमें मारे जाने वाले लोगों की संख्या में खासी कमी आई है. रिपोर्ट कहती है, "भारतीय गृह मंत्रालय के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों में 71 नागरिक और 52 सुरक्षाकर्मियों की जान गई. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने संसद को बताया कि 700 विदेश आतंकी राज्य में सक्रिय हैं. बीते बरसों में इनकी संख्या 800 से ज्यादा रही."
रिपोर्ट में पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय विद्रोही संगठनों की भी बात की गई है. लेकिन इस रिपोर्ट ने लश्कर ए तैयबा पर खास जोर देते हुए कहा है कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद यह बेहद खतरनाक संगठन के रूप में उभरा है