कॉमरेड ममता बनर्जी सरेआम माओवादियों के साथ
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कोलकाता,ममता बनर्जी खुलेआम माओवाद और उससे जुड़े हत्यारों का साथ देने को तैयार हो गई है। दरअसल आज अगर ममता बनर्जी को कोई यह कह दे कि हाफिज सईद उन्हे बंगाल का मुख्यमंत्री बना सकता है तो शायद वे उसका भी साथ देने के लिए राजी हो जाएगी। मगर अपने आपको बंगाल की अग्निकन्या और शेरनी कहने वाली ममता बनर्जी ने जब से यह ऐलान किया है कि वे ऑपरेशन ग्रीन हंट को खत्म करवा कर ही मानेगी तब से गृह मंत्री पी चिदंबरम की नींद उड़ी हुई है। चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बाकायदा ममता बनर्जी की शिकायत की है और कहा है इस तरह के बयान मंत्रिमंडल की सहमति के बगैर नहीं दिए जाने चाहिए। ममता बनर्जी पर पहले भी माओवादियो का साथ लालगढ़ में देने का इल्जाम लगता रहा है। ममता बनर्जी मौके के अनुसार इसका खंडन और पुष्टि करती रही है। मगर वे जानती है कि माओवादी बंगाल में राजनैतिक तौर पर चुनाव को प्रभावित करने की हैसियत तो रखते ही है तो उनका सुर लगातार मीठा होता जा रहा है। इसीलिए जब हाल की रेल दुर्घटना में सबसे पहले माओवादियों का नाम लिया गया तो ममता बनर्जी ने बाकायदा चीख कर इसका खंडन किया था। प्रणब मुखर्जी ने भी ममता बनर्जी को इतना वायदा तो कर ही दिया है कि वे बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले तक राज्य में कानून व्यवस्था का ध्यान रखेगी। वामपंथी बंगाल सरकार इसे साजिश बता रही है मगर ममता बनर्जी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कोलकाता में तृणमूल की रैली में ममता ने केंद्र सरकार से ऑपरेशन ग्रीन हंट रोकने की अपील की। आरोप लगाया कि बंगाल में लेफ्ट ऑपरेशन ग्रीनहंट की आड़ में अपना ऑपरेशन चला रहा है। वो प्रधानमंत्री से बात कर सुरक्षा बलों को वापस भिजवाएंगी। शहीद मीनार की रैली में बंगाल के कोने कोने से कार्यकर्ता लाखों की तादाद में पहुंचे। तृणमूल कार्यकर्ताओं की भीड़ ने कोलकाता को ठप सा कर दिया। ममता ने ऐलान किया कि अगर वो सरकार में आईं तो सिंगूर की जमीन किसानों को वापस लौटाई जाएगी। इतना ही नहीं माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकने और सुरक्षा बलों को वापस भेजने के लिए ममता सीधे प्रधानमंत्री से बात करेंगी। ममता का आरोप है कि इस ऑपरेशन का लेफ्ट गलत फायदा उठा रहा है। सुरक्षा बलों का गलत इस्तेमाल हो रहा है। गरीब आदिवासियों पर ज्वाइंट ऑपरेशन के नाम पर जुल्म ढाए जा रहे हैं। सीपीएम के हथियारबंद कार्यकर्ता लालगढ़ जैसे इलाकों में लोगों को दहशत में डाले हुए हैं। 9 अगस्त को ममता ने लालगढ़ में रैली का ऐलान किया है जिसके बाद वो माओवाद प्रभावित जंगली इलाकों का दौरा करेंगी। ये रैली 1993 में पुलिस की गोली से मारे गये 13 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की याद में आयोजित की गई थी। शहीद दिवस के बहाने तृणमूल और कांग्रेस को एकजुटता दिखाने का एक और मौका मिल गया। रैली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मानस भुइया और प्रदेश प्रभारी केशव राव भी मौजूद थे। |