स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या किसानों के साथ पुलिस द्वारा बरती गई बर्बरता ने ब्रिटिश हुकूमत की दिला दी याद। पुलिस फायरिंग, 6 की मौत

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अलीगढ़। यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए अधिगृहीत जमीन के बदले नोएडा के बराबर मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों के साथ पुलिस द्वारा बरती गई बर्बरता ने ब्रिटिश हुकूमत की याद दिला दी। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर नेता की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे निहत्थे किसानों पर पुलिस ने जमकर गोलियां बरसाईं। उन पर हैंडग्रेनेड भी फेंके गए। गोली लगने से 6 की मौत हो गई जबकि कई किसान घायल हो गए। गुस्साए किसानों ने एक रोडवेज बस समेत तीन वाहन फूंक दिए। उधर, पुलिस की गोली से तीन किसानों की मौत की चर्चा है लेकिन, प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। मौके पर कायम भारी तनाव को देखते हुए अन्य जिलों की एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) बृजलाल ने तीन मौतों की पुष्टि की है। बृजलाल के मुताबिक किसानों ने पुलिस के दो वाहनों समेत तीन दर्जन से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया है। पुलिस के मुताबिक, कठेरिया की गिरफ्तारी के बाद उग्र किसानों पर नियंत्रण के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए व रबर की गोलियां दागी र्गई।पुलिस व पीएसी बुला ली गई है।
अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में जिकरपुर के पास ही हाईवे किनारे 18 दिन से धरना प्रदर्शन जारी था। पांच दिन से 11 किसान क्रमिक अनशन पर भी बैठते आ रहे थे। किसान नेताओं की मांग है कि जब तक उन्हें नोएडा के बराबर मुआवजा नहीं मिलेगा, अपनी जमीन नहीं देंगे। किसानों ने 15 अगस्त को अपनी जमीन प्रशासन से छीनने का ऐलान कर दिया। किसान नेता रामबाबू कटैलिया ने किसानों से रविवार को ट्रैक्टर लेकर पहुंचने की अपील की। शाम करीब सवा पांच बजे शनिवार का धरना खत्म हुआ था। रामबाबू कटैलिया पैदल ही जिकरपुर के लिए चल पड़े। पचास मीटर ही चले होंगे कि सादे कपड़ों में आए पुलिसकर्मियों ने धोखे से उन्हें गाड़ी में डाल लिया। कटैलिया और उनके साथ चल रहे किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया ने शोर मचाया। पुलिसकर्मी दोनों नेताओं को गाड़ी में डालकर फायरिंग करते हुए भागे। इस दौरान जहानगढ़ के चंद्रपाल सिंह के बेटे प्रशांत की मौत हो गई है। जिकरपुर के किसान देवेंद्र कुमार और सुनील गोली लगने से घायल बताए गए हैं। उन्हें जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। पवन, हेमराज, हंसराज भी घायल बताए गए हैं। किसानों ने पुलिस पर हैंडग्रेनेड फेंकने का आरोप लगाया है। गुस्साए किसानों ने पुलिस पर पथराव किया और जेपी समूह के हाईवे पर खड़े डंफर व एक कार और रोडवेज बस को फूंक दिया है। पुलिस ने किसानों को थामने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। मौके पर तनाव है। एसएसपी विजय प्रकाश ने फायरिंग की बात तो मानी है लेकिन किसानों पर हैंडग्रेनेड फेंकने के आरोपों से
नकार किया है।
.अलीगढ़ किसान और पुलिस के बीच फायरिंग की प्रतिक्रिया मथुरा में भी हुई। किसान नेता राम बाबू कटैलिया की गिरफ्तारी के बाद बाजना और आस-पास के इलाकों में किसानों का आक्रोश भड़क गया। ग्रामीणों ने बाजना पुलिस चौकी फूंक दी और एसओ को जीप से खींचकर उसमें आग लगा दी। एक्सप्रेस वे पर जेपी ग्रुप के कैम्प में फूंकने के बाद तीन दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। मथुरा के किसान नेता राम बाबू कटैलिया को पकड़ने पर जिकरपुर में शाम चार बजे करीब किसानों और पुलिस के बीच फायरिंग हुई। कटैलिया की गिरफ्तारी के विरोध में बाजना और आस-पास के क्षेत्र के किसान आक्रोशित हो गये।
क्षेत्र में बवाल बढ़ते ही कई थानों का पुलिस फोर्स और पीएसी मौके पर भेज दी गयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीडी पॉल्सन और जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र शुक्ला और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बी डी पॉल्सन भी घटना स्थल पर पहुंच गए
*स्वतंत्रता दिवस के ऐन पहले निहत्थे किसानों पर गोली चलाना ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाता है। मैं इसकी निंदा करता हूं। ये सरकार की किसान विरोधी नीति को दर्शाता है। भाजपा के पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की अध्यक्षता में परसों तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर पूरी स्थिति का जायजा लेगी।
-सूर्यप्रताप शाही, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
*किसानों पर फायरिंग करना लोकतंत्र, संविधान की हत्या है। घोर अन्याय है। सपा इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। किसानों को उनकी जमीन वापस लौटानी चाहिये।
-राजेंद्र चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी