कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी के पास है 12 सौ करोड़ की संपत्ति

तहलका टुडे टीम 
नई दिल्ली. देश की आधे से अधिक आबादी को रोजाना बीस रुपये भी हासिल न हो रहे हों, लेकिन इसी गरीब तबके का डंका पीटकर वोट बटोरने वाले सियासी दलों के खजाने दिन दूनी रात चौगुनी गति से भर रहे हैं। आलम यह है कि प्रमुख सियासी पार्टियों ने तो कमाई के मामले में बड़े-बड़े व्यावसायिक घरानों को भी पीछे छोड़ दिया है। इन दलों ने मंदी के दौर में भी करोड़ों की कमाई की है। 

आम आदमी को चौंका देने वाला यह खुलासा राजनीतिक दलों द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न से हुआ है, जिसकी जानकारी स्वयंसेवी संस्था एडीआर को सूचना के अधिकार के तहत मिली है। कमाई के मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सबसे फिसड्डी साबित हुई है। सबसे अमीर तीन पार्टियों- कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी के पास कुल करीब 12 सौ करोड़ (1158.62 करोड़) रुपये की संपत्ति है। 
सबसे 'अमीर' है कांग्रेस

कांग्रेस के पास बीजेपी से दोगुनी संपत्ति है। कांग्रेस के पास करीब 611.77 करोड़ रुपये है। जबकि बीजेपी 260.70 करोड़ रुपये के साथ तीसरे नंबर पर है। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला आंकड़ा बहुजन समाज पार्टी का है। उत्तर प्रदेश में मायावती के नेतृत्व में शासन कर रही इस पार्टी ने दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी को संपत्ति के मामले में तीसरे नंबर पर ढकेल दिया है। बीएसपी की कुल संपत्ति 286.15 करोड़ रुपये है। सीपीएम के पास करीब 185.47 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं, मुलायम सिंह यादव की अगुवाई वाली पार्टी समाजवादी पार्टी के पास 177.80 करोड़, शरद पवार की एनसीपी के पास 32.32 करोड़, सीपीआई के 7.10, आरजेडी के पास 3.28 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 

नकदी में भी कांग्रेस का बोलबाला

नकदी के मामले में भी कांग्रेस सबसे आगे है। आरटीआई से हासिल सूचना बताती है कि कांग्रेस 549 करोड़ रुपये, बीएसपी 286 करोड़, बीजेपी 245 करोड़, एसपी 177 करोड़, सीपीएम 135, एनसीपी 32.06 करोड़, सीपीआई 6.92 करोड़ और आरजेडी के पास 58 लाख रुपये नकद बैंक खातों में जमा हैं।


8 सालों में बीएसपी की कमाई 30 गुना

उत्तर प्रदेश की गिनती देश के पिछड़े राज्यों में होती है और यहां के हालात किसी से छुपे हुए नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार ने लोगों का भला किया हो या नहीं, लेकिन पार्टी ने अपना भला जरूर कर लिया है। बीएसपी ने पिछले आठ सालों में अपनी कमाई में 30 गुना बढ़ोतरी करते हुए कुल संपत्ति के मामले में भी दूसरा नंबर हासिल कर लिया है। लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को पिछले 8 सालों (वित्त वर्षों 2001 से 2008-09 के बीच) में 1518 करोड़ रुपये की आय हुई। इसमें अकेले 2008-09 में पार्टी ने 496.88 करोड़ रुपये कमाए हैं। वहीं, देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को इस दौरान कुल 753.92 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, इसमें 220 करोड़ रुपये की आय पिछले वित्त वर्ष में हुई। सालाना कमाई में सबसे धमाकेदार बढ़ोतरी बीएसपी ने की है, पिछले आठ सालों में पार्टी को 357.94 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। इसमें पार्टी ने 69.74 करोड़ रुपये अकेले वित्त वर्ष में कमाए हैं। आठ साल के अंतराल में बीएसपी की कमाई में करीब 30.80 गुना बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह, पिछले आठ सालों में सीपीएम की कुल आय 338.71 करोड़, एसपी की 263.26, एनसीपी को 109.46 करोड़, आरजेडी 14.96 करोड़ रुपये वहीं सीपीआई की कुल आमदनी 6.79 करोड़ रही है।

चुनावी साल में खूब हुई कमाई!
देश में यूं तो कुल 702 रजिस्टर्ड राजनीतिक दल हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश को मान्यता प्राप्त नहीं है। जबकि छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं। अरबों की संपत्ति के बावूजद कांग्रेस पर 49 करोड़, बीजेपी पर 13.44 करोड़ रुपये की बैंक देनदारियां हैं। गौर करने लायक है कि जिस साल (2009) आम चुनाव हुए वह साल पार्टियों के लिए सबसे ज़्यादा कमाई वाला साबित हुआ


लालू लखपती, पर परिवार करोड़पति


 वेतन वृद्धि नहीं होने से नाराज राजद प्रमुख लालू यादव के पास चल संपत्ति तो नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी राबड़ी देवी और नौ बच्चों के पास 1.2 करोड़ रुपए मूल्य की चल संपत्ति है। राबड़ी देवी का बैंक बैलेंस भी 24 लाख रुपयों का है, जबकि लालू के नाम बैंक में कुल 12.11 लाख रुपए ही जमा हैं।

पिछले साल चुनाव लड़ने के वक्‍त दायर शपथपत्र के मुताबिक लालू-राबड़ी के बच्चों के नाम बैंक में 39.58 लाख रुपए जमा हैं। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पास 34.5 लाख रुपए मूल्य की कृषि भूमि और 28.5 लाख मूल्य की गैर कृषि भूमि है।

544 में 315 सांसद करोड़पति

अपनी तनख्‍वाह तीन गुनी किए जाने की तैयारी कर रहे सांसदों का हाल यह है कि आधे से ज्‍यादा सांसद पहले से करोड़पति हैं। 2004 में लोकसभा में करोड़पति सांसदों की संख्या 156 थी, जो मौजूदा लोकसभा में 315 हो गई है। यानी करीब 58 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं।

निचले सदन के इन सदस्यों की औसत संपत्ति पिछले पांच सालों में 1.86 करोड़ रुपए से बढ़कर 5.33 करोड़ रुपए हो गई है। 20 फीसदी सांसदों की संपत्ति पांच करोड़ से ज्‍यादा की है। 294 सदस्‍यों के पास 50 लाख रुपए से पांच करोड़ रुपए तक की संपत्ति है। 10 लाख रुपए मूल्य की संपत्ति वाले केवल 17 सांसद हैं।करोड़पति सांसद सबसे ज्यादा (146) सत्ताधारी कांग्रेस में हैं। बीजेपी में 59, समाजवादी पार्टी में 14 और बीएसपी व डीएमके में करोड़पति सांसदों की संख्या 13-13 है। यदि प्रदेश के हिसाब से देखें तो उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा (52) करोड़पति सांसद हैं। महाराष्ट्र में 38, आंध्रप्रदेश में 32, तमिलनाडु और कर्नाटक में 25-25, बिहार में 17, मध्य प्रदेश में 15, राजस्थान में 14, पंजाब में 13, गुजरात में 12, पश्चिम बंगाल में 11 और हरियाणा में 9 सांसद करोड़पति हैं। दिल्ली के सभी 7 सांसद करोड़पति हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने सदस्यों द्वारा चुनाव लड़ते समय दाखिल शपथ पत्र के आधार पर जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक तेलुगु देसम के नागेश्वर राव, जो खम्मम से सांसद हैं, सबसे रईस हैं। उनकी कुल घोषित संपत्ति 173 करोड़ रुपए की है। इसके बाद कांग्रेस के नवीन जिंदल (131 करोड़ रुपए) और एल राजगोपाल (122 करोड़ रुपए) का नंबर है।
प्रस्ताव के विरोधी मंत्रियों की संपत्ति
कैबिनेट की बैठक में सोमवार को कम से कम तीन मंत्रियों ने सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध किया। इनमें से गृह मंत्री पी चिदंबरम के पास कुल 27 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति है। सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी के पास 17.7 करोड़ रुपए की और सुरक्षा मंत्री एके एंटनी के पास 16.64 लाख रुपए की कुल संपत्ति है। 

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