ब्लैक लिस्ट से हटे 142 सिख 'आतंकियों' के नाम
http://tehalkatodayindia.blogspot.com/2011/06/142.html
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली , गृह मंत्रालय ने भले ही आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा पाए देविंदर पाल सिंह भुल्लर की सजा को बरकरार रखने की सिफारिश राष्ट्रपति से की हो , पर आतंकवाद से जुड़े रहे सिखों के मामले में उसका नजरिया बदला है। उसने काली सूची में से अधिकांश नाम निकाल दिए हैं।
याद होगा कि गृह मंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भुल्लर की दया याचिका खारिज कर दी है। इसके बाद तमाम सिख नेता और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी भुल्लर के साथ खड़े हो गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी सजा का विरोध किया है।
खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सदस्य भुल्लर पर 1991 में आईपीएस अधिकारी सुमेध सिंह सैनी और 1993 में तत्कालीन युवक कांग्रेस अध्यक्ष मंजीत सिंह बिट्टा पर जानलेवा हमला करने का आरोप है।
भुल्लर मामले से अलग गृह मंत्रालय ने उन प्रवासी सिख नेताओं को छूट दे दी है , जो विदेशों में रहकर भारत के खिलाफ गतिविधियां चलाने के आरोपी थे। इसी वजह से उनके नाम ब्लैक लिस्ट में दर्ज किए गए थे। गृह मंत्री पी . चिदम्बरम के मुताबिक गृह मंत्रालय ने काली सूची में शामिल 169 नामों की समीक्षा की है।
ये सभी सिख हैं और अलग - अलग देशों में रह रहे हैं। विस्तृत समीक्षा के बाद 142 सिख प्रवासियों के नाम काली सूची से हटा दिए गए हैं। इसकी सूचना भारत के सभी दूतावासों और मिशनों को दे दी गई है। अब इन लोगों के भारत आने - जाने पर कोई रोक नहीं रहेगी।
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि 27 और नामों पर भी मंत्रालय विचार कर रहा है। मुमकिन है , समीक्षा के बाद ये नाम भी काली सूची से बाहर कर दिए जाएंगे। यहां यह बताना उचित होगा कि खुफिया एजेंसियां लगातार रिपोर्ट देती रही हैं कि भारत से बाहर रह रहे कुछ सिख आतंकवादी फिर से पंजाब में आतंकवाद को हवा दे रहे हैं।
इनमें कुछ प्रमुख नेता पाकिस्तान में रह रहे हैं। पंजाब में चल रही गतिविधियों की पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय के इस फैसले का क्या असर होगा , यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सदस्य भुल्लर पर 1991 में आईपीएस अधिकारी सुमेध सिंह सैनी और 1993 में तत्कालीन युवक कांग्रेस अध्यक्ष मंजीत सिंह बिट्टा पर जानलेवा हमला करने का आरोप है।
भुल्लर मामले से अलग गृह मंत्रालय ने उन प्रवासी सिख नेताओं को छूट दे दी है , जो विदेशों में रहकर भारत के खिलाफ गतिविधियां चलाने के आरोपी थे। इसी वजह से उनके नाम ब्लैक लिस्ट में दर्ज किए गए थे। गृह मंत्री पी . चिदम्बरम के मुताबिक गृह मंत्रालय ने काली सूची में शामिल 169 नामों की समीक्षा की है।
ये सभी सिख हैं और अलग - अलग देशों में रह रहे हैं। विस्तृत समीक्षा के बाद 142 सिख प्रवासियों के नाम काली सूची से हटा दिए गए हैं। इसकी सूचना भारत के सभी दूतावासों और मिशनों को दे दी गई है। अब इन लोगों के भारत आने - जाने पर कोई रोक नहीं रहेगी।
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि 27 और नामों पर भी मंत्रालय विचार कर रहा है। मुमकिन है , समीक्षा के बाद ये नाम भी काली सूची से बाहर कर दिए जाएंगे। यहां यह बताना उचित होगा कि खुफिया एजेंसियां लगातार रिपोर्ट देती रही हैं कि भारत से बाहर रह रहे कुछ सिख आतंकवादी फिर से पंजाब में आतंकवाद को हवा दे रहे हैं।
इनमें कुछ प्रमुख नेता पाकिस्तान में रह रहे हैं। पंजाब में चल रही गतिविधियों की पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय के इस फैसले का क्या असर होगा , यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।