उग्र भीड़ से दो पत्रकारों को बचाया: अंजू गुप्ता
http://tehalkatodayindia.blogspot.com/2010/11/blog-post_19.html
तहलका टुडे टीम
लखनऊ। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में रायबरेली की विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की सुरक्षा में तैनात तत्कालीन आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता ने गुरुवार को अदालत में जिरह के दौरान बताया कि उन्होंने उग्र कारसेवकों की भीड़ से दो प्रेस फोटोग्राफरों को बचाया था। विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति विष्णु प्रसाद अग्रवाल की अदालत में साध्वी ऋतंभरा और मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के वकील डा.हरी दत्त शर्मा ने अंजू गुप्ता से जिरह की जिसमें उन्होंने बताया कि जब वह रामकथा कुंज पहुंची तो सनडे के फोटोग्राफर नितिन राय जिन्हें कारसेवक दौड़ा रहे थे तथा एक अन्य फोटोग्राफर पैब्लो मारलो मैथ्यूज जिन्हें कारसेवक मारपीट रहे थे, को उन्होंने बचाया। उन्होंने बताया कि रामसेवकों की उग्र भीड़ में से एक कारसेवक के पास चाकू भी था जिसे उन्होंने छीन लिया और दोनों फोटोग्राफरों की जान बचाने में कामयाब रही। उन्होंने बताया कि उक्त चाकू को रामजन्मभूमि थाने मे जमा करा दिया गया था और इस बाबत पैब्लो ने एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी।
जब डा.शर्मा ने पूछा कि घायल पैब्लो को इलाज के लिए क्यों नही भेजा तो, आईपीएस अधिकारी गुप्ता ने बताया कि जब कारसेवक प्रेस फोटोग्राफरो से मारपीट कर रहे थे वे काफी आक्रामक थे तब उनके साथी सुरक्षा कर्मी स्वयं घबरा गए थे। इसलिए उन्होंने यही ठीक समझा कि पहले पैब्लो को वहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए और यही उन्होंने किया। वकील के इस सवाल पर कि क्या यह खुफिया विभाग को सूचना थी कि पाक आईएसआई और आतंकी कारसेवकों के साथ घुलमिल कर विवादित ढांचे को गिरा सकते हैं, गुप्ता ने कहा कि इसकी उन्हें कोई सूचना नही थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं को जरूर देखा गया था।
डा.हरी दत्त शर्मा की जिरह के बाद बाद अशोक सिंघल, डा.मुरली मनोहर जोशी और विनय कटियार के वकील विमल श्रीवास्तव ने जिरह शुरू की। मामले की अगली तारीख आठ दिसंबर नियत की गई है।
लखनऊ। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में रायबरेली की विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की सुरक्षा में तैनात तत्कालीन आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता ने गुरुवार को अदालत में जिरह के दौरान बताया कि उन्होंने उग्र कारसेवकों की भीड़ से दो प्रेस फोटोग्राफरों को बचाया था। विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति विष्णु प्रसाद अग्रवाल की अदालत में साध्वी ऋतंभरा और मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के वकील डा.हरी दत्त शर्मा ने अंजू गुप्ता से जिरह की जिसमें उन्होंने बताया कि जब वह रामकथा कुंज पहुंची तो सनडे के फोटोग्राफर नितिन राय जिन्हें कारसेवक दौड़ा रहे थे तथा एक अन्य फोटोग्राफर पैब्लो मारलो मैथ्यूज जिन्हें कारसेवक मारपीट रहे थे, को उन्होंने बचाया। उन्होंने बताया कि रामसेवकों की उग्र भीड़ में से एक कारसेवक के पास चाकू भी था जिसे उन्होंने छीन लिया और दोनों फोटोग्राफरों की जान बचाने में कामयाब रही। उन्होंने बताया कि उक्त चाकू को रामजन्मभूमि थाने मे जमा करा दिया गया था और इस बाबत पैब्लो ने एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी।
जब डा.शर्मा ने पूछा कि घायल पैब्लो को इलाज के लिए क्यों नही भेजा तो, आईपीएस अधिकारी गुप्ता ने बताया कि जब कारसेवक प्रेस फोटोग्राफरो से मारपीट कर रहे थे वे काफी आक्रामक थे तब उनके साथी सुरक्षा कर्मी स्वयं घबरा गए थे। इसलिए उन्होंने यही ठीक समझा कि पहले पैब्लो को वहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए और यही उन्होंने किया। वकील के इस सवाल पर कि क्या यह खुफिया विभाग को सूचना थी कि पाक आईएसआई और आतंकी कारसेवकों के साथ घुलमिल कर विवादित ढांचे को गिरा सकते हैं, गुप्ता ने कहा कि इसकी उन्हें कोई सूचना नही थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं को जरूर देखा गया था।
डा.हरी दत्त शर्मा की जिरह के बाद बाद अशोक सिंघल, डा.मुरली मनोहर जोशी और विनय कटियार के वकील विमल श्रीवास्तव ने जिरह शुरू की। मामले की अगली तारीख आठ दिसंबर नियत की गई है।
