माया की चाल आ गयी अब काम

 टाउनशिप प्रोजेक्ट की बहाली को लेकर हंगामा

राहुल , सोनिया गांधी,राजनाथ सिंह के पुतले फूंके

तहलका टुडे टीम  
अलीगढ़। यमुना एक्सप्रेस-वे टाउनशिप प्रोजेक्ट रद्द किए जाने की घोषणा के बाद शनिवार को टाउनशिप समर्थकों ने टप्पल में जम कर हंगामा किया। उन्होंने जाम लगा कर न सिर्फ प्रदर्शन किया बल्कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के पुतले भी फूंके। उनकी मांग है कि टप्पल क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए टाउनशिप का प्रोजेक्ट वापस दिया जाए।
उधर, जिकरपुर हाईवे पर 40 दिन पुराना आंदोलन कुछ शर्तो के साथ वापस ले लिया। सर्वदल किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनवीर सिंह तेवतिया ने धरनास्थल पर पहुंचे एडीएम वित्त एवं राजस्व इंद्र विक्रम सिंह को अपना नया नौ सूत्री मांग पत्र सौंपा, जिस पर उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर की मांगों पर उच्चाधिकारियों से बात कर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा तथा अन्य मांगें शासन को भेज दी जाएंगी। एडीएम की बात सुनने के बाद आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि अगर एक माह के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो वह फिर संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे।
शुक्रवार की शाम जब शासन ने यमुना एक्सप्रेस वे माडल टाउनशिप एवं इंटरचेंज का प्रोजेक्ट रद्द किए जाने की घोषणा की तभी से आंदोलनकारी किसानों के बीच सुगबुगाहट शुरू हो गई। तय हुआ कि आगे की रणनीति शनिवार को तय की जाएगी, लेकिन शनिवार की सुबह पूरे मामले में उस समय फिर नया मोड़ आ गया जब टाउनशिप समर्थक किसानों ने टप्पल में सड़क पर उतर कर हंगामा कर अलीगढ़-टप्पल-पलवल मार्ग जाम कर दिया। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और भाजपा नेता राजनाथ सिंह के पुतले फूंके और मायावती जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
उधर, जिकरपुर हाईवे स्थित धरना स्थल पर सर्वदल किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनवीर सिंह तेवतिया ने समिति के सभी 61 सदस्यों के साथ एक घंटे तक एकांत में विचार विमर्श किया तथा धरनास्थल पर मौजूद पूर्व सांसद बिजेन्द्र सिंह से अनुरोध किया कि वह डीएम से बात कर प्रशासनिक प्रतिनिधि को वहां बुला लें ताकि उसके सामने समिति के निर्णय को रख सकें। बिजेन्द्र सिंह ने डीएम के. रवींद्र नायक से बात की और एडीएम वित्त एवं राजस्व धरनास्थल पर पहुंच गए। मनवीर सिंह ने उनको नौ सूत्री मांगपत्र सौंपा। मागों में किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने एवं टप्पल में हुए उपद्रव की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग को समाप्त करना मुख्य है। तेवतिया का कहना था कि अगर एक माह में उनकी मांगे नहीं पूरी की गई तो वह फिर संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे। बता दें कि धरना 27 जुलाई से चल रहा था

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