गरीबों का सिपाही हूं - राहुल गांधी
 तहलका टुडे टीम   

लांजीगढ़। वेदांता प्रोजेक्ट रद्द होने के दो दिन बाद ही कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उड़ीसा में आदिवासियों की सभा को सम्बोधित कर अपनी सरकार की तारीफों के पुल बांधे। राज्य के लांजीगढ़ में नियामगिरी पहाडियों के पास ही आदिवासियों की रैली को सम्बोधित करते हुए राहुल ने कहा दिल्ली ने आदिवासियों की आवाज सुनी है। उन्होंने कहा कि वे गरीबों के सिपाही है और हर मोर्चे पर उनकी आवाज बचाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार गरीबों की आवाज सुनती है। राहुल गांधी ने कहा कि पहाड़ को पूजने वाले आदिवासियों ने संघर्ष कर अपने हक को हासिल किया है। उन्होने कहा कि वेदान्त समूह का विरोध करने वाले विकास के खिलाफ नहीं है। क्योंकि विकास का मतलब गरीब की आवाज को सुनना है उसे दबाना नहीं । यह जीत आदिवासियों की जीत है। 
दबाई जा रही है गरीबों की आवाज 
राहुल ने कहा कि दो साल पहले वे यहां आए और तब यहां के आदिवासी इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे। इन लोगों ने इन पहाड़ों को अपना भगवान बताया। उस दिन इन लोगों ने मुझे अपने धर्म के बारे में बताया आज मैं अपना धर्म बताता हूं। राहुल ने कहा कि गरीब की आवाज सुनना मेरा धर्म है। उनके हक दिलाना उनका मकसद है। मैं दिल्ली में आदिवासी और गरीब लोगों को सिपाही हूं। उन्होंने कहा कि फिलहाल दो हिन्दुस्तान हो चुके है गरीबों का और अमीरों का। गरीबों की आवाज दबाई जा रही है और उनकी आवाज को उपर तक पहुंचाने में वे गरीबों के सिपाही है। उन्होंने कहा कि मेरा धर्म हर गरीब की आवाज को सुनना है और जो गरीबों की आवाज को दबा रहे हैं वे मेरे धर्म के खिलाफ है। वे सिपाही की तरह हर जगह गरीबों के हक के लिए लड़ने को तैयार है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पर्यावरण मंत्रालय ने उड़ीसा के लांजीगढ़ में वेदान्त समूह के बॉक्साइट प्लांट को नामंजूरी दे दी थी।

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