नक्सालियो राष्ट्रविरोधी तत्वों के हाथ लग गया 60 ट्रक (300 टन) विस्फोटक गायब,हडकंप
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नई दिल्ली.राजस्थान से मध्य प्रदेश भेजा गया 60 ट्रक (300 टन) विस्फोटक गायब है। दो महीने बाद सामने आए इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान पुलिस आपस में उलझ गई हैं। दोनों राज्यों की पुलिस सीमा का हवाला देकर एक-दूसरे पर जांच की जिम्मेदारी डाल रही हैा। अगर इतना विस्फोटक नक्सलियों या राष्ट्रविरोधी तत्वों के हाथ लग गया होगा तो भारी तबाही हो सकती है। शुरुआती संकेतों के मुताबिक इस घटना से विस्फोटकों के कारोबार से जुड़ी घपलेबाजी भी उजागर होने का अंदाज है।
मध्य प्रदेश में सागर के एसपी विजय सूर्यवंशी का कहना है कि विस्फोटक उनके जिले में आया ही नहीं है, जबकि धौलपुर (राजस्थान) के एसपी सुरेंद्र कुमार के मुताबिक विस्फोटक डिस्ट्रीब्यूटर के यहां से जहां भेजा गया था, वहां मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस उनसे कोई मदद मांगेगी तो वह जरूर मदद देंगे।
क्या है मामला
राजस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल लिमिटेड (आरईसीएल), धौलपुर से मध्यप्रदेश के सागर के लिए करीब दो माह पूर्व 60 ट्रक विस्फोटक भेजा गया था। यह विस्फोटक कहां गया, पता ही नहीं चल रहा है। पुलिस को आशंका है कि गायब हुए विस्फोटक का देश में कहीं भी तबाही मचाने के लिए इस्तेमाल हो सकता है। पुलिस का यह संदेह इस वजह से भी है कि दो साल पहले सूरत में हुए विस्फोट में आरईसीएल से भेजे गए फ्यूज उपयोग में लेने की बात सामने आई थी। पुलिस को आरईसीएल धौलपुर से विस्फोटक सप्लाई करने के मामले में भी मिलीभगत का संदेह हो रहा है। देश में आतंकवादी समूह के घुसने और नक्सलियों द्वारा की जा रही तोड़फोड़ के इस माहौल में विस्फोटक का गायब होना राजस्थान पुलिस के लिए ही नहीं देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी सिरदर्द बन गया है।भेजे गए विस्फोटकों में डेटोनेटर, जिलेटिन, डी-फ्यूज, इमलसन आदि शामिल हैं। ये पदार्थ खनन कार्य के लिए विस्फोट में काम आते हैं।
घपले की बू
आरईसीएल की ओर से सागर भेजे गए 60 ट्रक में से 58 ट्रक विस्फोटक पदार्थ कागजों में तो सागर पहुंचे, लेकिन इनका कहीं भौतिक सत्यापन नहीं हो रहा है। आरईसीएल सहित जीओसीएल हैदराबाद की ओर से सागर की फर्म श्रीगणोश एक्सप्लोसिव को अप्रैल से 19 जून तक 60 ट्रक माल की आपूर्ति की गई। इसकी सूचना नियमानुसार सागर एसपी कार्यालय को भेजी गई। सागर पुलिस ने श्रीगणोश एक्सप्लोसिव के मैगजीन (गोदाम) पर पुष्टि के लिए टीम भेजी तो मौके पर माल नहीं मिला इस पर पुलिस ने 17 जुलाई को गणेश एक्सप्लोसिव के पार्टनर जयकिशन आवसानी के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 9 (बी) के तहत मामला दर्ज कर लिया। जांच करने पर पता चला कि यह माल आसवानी ने सीधे अजय एक्सप्लोसिव भीलवाड़ा को 26 ट्रक, अजय एक्सप्लोसिव अहमदनगर महाराष्ट्र को 32 ट्रक सहित बीएम ट्रेडर्स ब्याबरा (एमपी) को 2 ट्रक माल सप्लाई कर दिया। इसमें डेटोनेटर, सेनरी, इमल्सन, डी फ्यूज व जिलेटिन आदि थे। इनका वजन करीब 372 मैट्रिक टन था जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपए है
पुलिस ने इन तीनों फर्मो के यहां जाकर जांच की तो इनके यहां माल आने का प्रमाण नहीं मिला, केवल कागजों में एंट्री मिली। इस संबंध में फर्म मालिकों ने सफाई दी कि विस्फोटक पदार्थ की मियाद दो माह होने के कारण इन्हें आते ही बेच दिया गया। पुलिस को संदेह है कि 60 ट्रक विस्फोटक जल्दबाजी में बिना किसी लिखापढ़ी के कैसे बेच दिया गया। इसका भी कोई प्रमाण नहीं मिला है। यहीं से पुलिस को संदेह है कि यह विस्फोटक गलत हाथों में नहीं पहुंच गया हो
लाइसेंस ही नहीं था, फिर भी सप्लाई भेजी
जांच में यह भी पता चला है कि गणेश एक्सप्लोसिव का लाइसेंस मार्च 2010 में समाप्त हो गया था। इसके नवीनीकरण के लिए एक्सप्लोसिव आफिस भोपाल में फाइल लगाई गई, लेकिन लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के बाद भी तीन माह तक माल की सप्लाई दी जाती रही। साथ ही लाइसेंस रिन्यू कराने का आवेदन गणेश एक्सप्लोसिव के मूल लाइसेंसधारी देवेंद्रसिंह के बजाय उनके पार्टनर जयकिशन आसवानी ने भेजा, जो नियमानुसार गलत था। इस संबंध में 20 जून को एक्सप्लोसिव डिपार्टमेंट ने धौलपुर स्थित आरसीईएल को सूचना भेजी तो यहां से सप्लाई रोकी गई।
जांच पर बयान
सागर पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस सिलसिले में सागर जिले की पुलिस टीम मंगलवार को धौलपुर आई थी। सागर पुलिस को ही जांच करनी है कि ये विस्फोटक कहीं गलत हाथों में तो नहीं पहुंच गए हैं। अगर ऐसा है तो यह सबके लिए गंभीर चिंता का विषय है। - मधुसूदन सिंह, आईजी (भरतपुर रेंज)
गणेश एक्सप्लोसिव को सप्लाई 60 ट्रक माल मौके पर नहीं पहुंचा। सीधे ही अन्य को सप्लाई किया गया, जो नियमानुसार गलत है। इन सभी स्थानों पर जाकर जांच की गई तो ऑन रिकार्ड तो आवक-जावक है, लेकिन मौके पर कुछ नहीं मिला। इस मामले में जयकिशन आसवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
