अमेरिका, इजराएल से चल रहा है साइबर आतंकवाद,पूरी वर्ल्ड में हडकंप?


रिजवान  मुस्तफा 
नई दिल्‍ली. अमेरिका,इजराएल  से चल  रहा   है  साइबर आतंकवाद,पूरी वर्ल्ड में हडकंप  है ,ब्‍लैकबेरी, गूगल और स्‍काइप को सुरक्षा के लिहाज से सरकार बड़ा खतरा मान रही है। लिहाजा इनकी कुछ सेवाएं बैन करने तक पर विचार हो रहा है। सरकार की यह चिंता नाहक ही नहीं है। ‘साइबर आतंकवाद’ का खतरा दुनिया के दूसरे देशों के साथ-साथ भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। एक साल में ढाई करोड़ वायरस भारत के साइबर स्‍पेस में हमले का खतरा हर पल बढ़ाते हैं। इजराइल और अमेरिका और उनके पिट्टू पाकिस्तान  में बैठे हैकर्स भारत के लिए बड़े खतरे का सबब बन सकते हैं। ये हैकर्स दुनिया भर में रोज 60 लाख से ज्‍यादा इलेक्‍ट्रॉनिक फाइलों में सेंध लगाते हैं। यह भी एक सच है कि कंप्‍यूटरों पर हमले करने के लिए हर 0.79 सेकंड में एक मैलवेयर (कंप्‍यूटर वायरस) बन रहा है। साल 2009 के दौरान ढाई करोड़ से भी ज्‍यादा कंप्‍यूटर वायरस बनाए गए। ऐसे में सायबर हमले के खतरे का अंदाज लगाया जा सकता है। 

अमेरिका,पाकिस्‍तान इज़्रैईल  से रोज ५०० वेबसाइटों में सेंध
कंप्‍यूटर इमर्जेंसी रेस्‍पॉन्‍स टीम (सीईआरटी-केरल) के निदेशक एन कृष्‍णन के मुताबिक मु‍बंई-दिल्‍ली जैसे महानगर में भी 86 फीसदी ऐसे लोग जो नेट सर्फिंग में माहिर नहीं हैं, किसी न किसी रूप में साइबर हमले के शिकार होते हैं। सीबीआई के लिए काम कर चुके सायबर सिक्‍योरिटी एक्‍सपर्ट अंकित फादिया के मुताबिक पाकिस्‍तान के सायबर अपराधी रोज करीब 60 भारतीय वेबसाइटों में सेंध लगाते हैं। फादिया के मुताबिक, ‘भारत दुनिया का आईटी हब भले ही हो, लेकिन साइबर सिक्‍योरिटी के मामले में अभी काफी पीछे है। पाकिस्‍तान में दस साल से भारतीय वेबसाइट हैक किए जा रहे हैं और प्रोपैगंडा चलाया जा रहा है। इसे वहां हैक्टिविज्‍म का नाम तक दे दिया गया है।’
खतरनाक हालात
पीएस गिल, पंजाब पुलिस महानिदेशक
एटमी और रासायनिक हथियारों से जितना खतरा है, साइबर आतंकवाद भी हमारे लिए उतना ही खतरनाक है। दुनिया भर में यह गंभीर समस्‍या के रूप में उभरी है। भारत में संगठित अपराधी और आतंकवादी पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मात देने के लिए कंप्‍यूटर तकनीक का तेजी से इस्‍तेमाल कर रहे हैं। इससे निपटने के लिए पुलिस फोर्स को हर स्‍तर पर जरूरी प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है।- 
अंकित फादिया, साइबर एक्सपर्ट
आतंकवादी अब वीओआईपी (वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) चैट, तस्‍वीरों के जरिए गुप्‍त संदेश भेजना, ड्राफ्ट ई-मेल और इनक्रिप्‍टेड पेन ड्राइव जैसे साधनों का इस्‍तेमाल कर देश-विदेश में फैले अपने नेटवर्क से संपर्क में रह रहे हैं। ऐसे में सरकारों को सायबर सुरक्षा को प्राथमिकता सूची में रखना ही होगा।-

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