प्रतापगढ़ सीओ हत्या मामला:मंत्री राजा भैय्या के खिलाफ केस दर्ज
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लखनऊ. अखिलेश सरकार के खाद्य मंत्री और यूपी के बाहुबली रघुराज
प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के खिलाफ प्रतापगढ़ जिले के बलिपुर गाँव में
शनिवार रात को पुलिस सर्किल ऑफिसर (कुंडा) जिया-उल-हक की ह्त्या के मामले
में आपराधिक षडयत्र रचने का मामला दर्ज कर लिया गया है। मृतक सीओ की पत्नी
परवीन आज़ाद की तहरीर पर कुण्डा से विधायक राजा भैया के खिलाफ प्रतापगढ़ के
हथिगावा थाने में आईपीसी की धारा 120B के तहत आपराधिक षड़यंत्र रचने का
मुकदमा दर्ज हुआ है।
इस मामले में राजा भैया के करीबियों हरिओम श्रीवास्तव, गुलशन यादव,
गुड्डू सिंह और रोहित सिंह के खिलाफ आपराधिक साजिस रचने का मामला सामने आया
है। उधर कन्नौज में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा की दोषियों को बक्शा
दर्ज नहीं होगा।
सूत्रों के अनुसार मृत सीओ के शरीर पर चोट के भी निशान भी मिले हैं।
प्रतापगढ़ के एसपी अनिल कुमार राय को घटना के बाद यूपी डीजीपी ऑफिस से
सम्बद्ध किये गए। वहीं, एल आर कुमार को जिले का नया एसपी बनाया गया है।
राजा भैया नें खुद स्वीकारा की नन्हे यादव और अन्य लोगों के विवाद की
उनको भी थी जानकारी और यदि मृतकों के परिजन पूरे घटनाक्रम में सीबीआई जांच
की मांग करते हैं तो वह होनी चाहिए।
दिलचस्प है कि प्रतापगढ़ जिले में तैनात डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी
की ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रतापगढ़ के हथिगवां
थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में ग्राम प्रधान और उनके भाई की हत्या के बाद
डीएसपी स्तर के अधिकारी जिया उल हक की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई
थी। जिया उल हक इलाके में बतौर पुलिस क्षेत्राधिकारी तैनात
थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके परिजनों को 20 लाख रुपए की अनुग्रह
राशि देने की घोषणा की है।
वहीं, प्रतापगढ़ जिले की घटना के 24 घंटे के अंदर ही यूपी के बरेली
जिले में एक और घटना सामने आई है। बरेली के बभिया गांव में पुलिस के एक
सिपाही प्रदीप को रुटीन गश्त के दौरान अपराधियों ने गोली मार दी। इस मामले
में पुलिस हाल ही में जेल से छूटे दो हिस्ट्रीशीटर की तलाश कर रही है।
गौरतलब है कि बलीपुर गांव में शनिवार शाम दो मोटरसाइकिलों पर सवार
हमलावरों ने गांव के प्रधान नन्हे लाल यादव और सुरेश यादव की गोली मारकर
हत्या कर दी। सूत्रों के अनुसार हत्या के पीछे गांव के ही दूसरे पक्ष का
हाथ होने की बात सामने आने पर भड़के गांववालो ने कुछ घरों में आगजनी करनी
शुरू कर दी। बलीपुर की प्रधान और उसके भाई की हत्या के आरोपी के घर धावा
बोलने के दौरान रोकने पर आक्रोशित समर्थकों ने पुलिस कर्मियों को पीट दिया।
इसके बाद पुलिस और पब्लिक में फायरिंग शुरू हो गई। हालात बेकाबू होते
देख आधा दर्जन थानों की फोर्स के साथ एएसपी मौके पर डटे थे। जैसे ही प्रधान
नन्हें यादव की हत्या की जानकारी हुई, आक्रोशित समर्थकों ने पाल बस्ती में
रहने वाले आरोपी के घर धावा बोलकर आग लगा दी। इस दौरान आरोपी के पक्ष से
चलाई गई गोली में प्रधान नन्हे के भाई सुरेश कुमार की भी मौत हो गई। इसके
बाद आक्रोशित लोगों ने पाल बस्ती के कई घरों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस
कर्मियों ने बीच बचाव का प्रयास किया तो समर्थकों ने उन्हें पीट दिया।
इसके बाद पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पब्लिक की ओर से फायरिंग
की जाने लगी।
इसी दौरान सीओ जिया उल हक को गोली लग गई। उन्हें गंभीर हालत में
अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर
ग्रामीणों के हमले में इंस्पेक्टर संदीप मिश्रा समेत सात पुलिसवालों को
भी गोली लगने की खबर है। वहीं पुलिस की जवाबी फायरिंग में करीब दो दर्जन
गांववालों के घायल होने की खबर है। हालांकि घायलों के संबंध में अभी तक कोई
आधिकारिक बयान नहीं आया है।
घटना से उत्तर प्रदेश शासन में हड़कंप मच गया, जिसके बाद आनन फानन में
गांव में तीन कंपनी पीएसी तैनाती कर दी गई। मौके पर खुद एडीजी लॉ एंड
ऑर्डर अरुण कुमार हालात का जायजा ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एक हफ्ते
पहले ही ग्राम प्रधान को धमकी दी गई थी, जिसके बाद से ग्राम प्रधान ने
पुलिस से सुरक्षा मांगी थी। लेकिन पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं
की। घटना के पीछे जमीनी विवाद को वजह बताया जा रहा है।
प्रतापगढ़ में सीओ की हत्या मामले में कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी
ने कहा है कि यह घटना पुलिस का मनोबल तोड़ने वाली है। घटना के इतने घटने
बीतने के बाद भी यूपी सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। उन्होंने कहा
कि इस घटना पर खुद राजा भैया को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए
क्योंकि ये उनका विधानसभा क्षेत्र है और हमला करने वाले उनके समर्थक बताए
जा रहे हैं। यूपी में कानून व्यवस्था इस कदर खराब है कि अब स्थिति
धीरे-धीरे भयावह हो रही है।